Find the Latest Status about कहते कहते from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, कहते कहते.
Dr. Satyendra Sharma #कलमसत्यकी
Mehfuza
"अब जब आना तो..." अब अगली बार जब ख्वाब में आना तो सफेद काला ना पहन कर आना, कुछ रंग अपने लिबास में लेते आना। अब अगली बार जब ख्वाब में आना तो यह मुरझाया हुआ चेहरा ना लाना, अपने चेहरे पर मुस्कान लेते आना। अब अगली बार जब ख्वाब में आना तो खामोशी इख्तियार ना करना, कुछ जुमले मेरी तारीफ में भी कहते जाना। अब अगली बार जब ख्वाब में आना तो मुझसे नज़रे ना फेरना, जी भर के मुझे तुम्हें देख लेने देना। अब अगली बार जब ख्वाब में आना तो मुझे पीठ दिखा कर चले ना जाना, तुम्हें कसकर अपनी बाहों में भर लेन देना। अब अगली बार जब ख्वाब में आना तो थोड़ा ठहर कर जाना, खुले जब आंख मेरी तो सामने तुम होना। ©Mehfuza #VoteForIndia "अब जब आना तो..." अब अगली बार जब ख्वाब में आना तो सफेद काला ना पहन कर आना, कुछ रंग अपने लिबास में लेते आना। अब अगली बार जब
Mukesh Poonia
भव्य महल हो या हो छोटी सी झोपड़ी... घर उसी को कहते हैं जहां शांति और सुकून मिले... . ©Mukesh Poonia #GingerTea #भव्य #महल हो या हो #छोटी सी #झोपड़ी... घर उसी को कहते हैं जहां #शांति और #सुकून मिले...
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
White गीत :- मानव सेवा करने को अब , कितने हैं तैयार । देख रहा हूँ गली मुहल्ले , होता खूब प्रचार ।। मानव सेवा करने को अब... हम आज तुम्हारे शुभचिंतक , करो न हमसे बैर । सबको हृदय बसाकर रखता , कहीं न कोई गैर ।। पाँच-साल में जब भी मौका, मिलता आता द्वार । खोल हृदय के पट दिखलाता , तुमको अपना प्यार ।। मानव सेवा करने को अब ... देखो ढ़ोंगी और लालची , उतरे हैं मैदान । उनकी मीठी बातों में अब , आना मत इंसान ।। मुझको कहकर भला बुरा वह , लेंगें तुमको जीत । पर उनकी बातें मत सुनना, होगी तेरी हार । मानव सेवा करने को अब..... सब ही ऐसा कहकर जाते , किसकी माने बात । सच कहते हो कैसे मानूँ , नहीं करोगे घात ।। अब जागरूक है ये जनता ,ये तेरा व्यापार । अपनों को तो भूल गये हो , हमे दिखाओ प्यार ।। मानव सेवा करने को अब .... सच्ची-सच्ची बात बताओ , इस दौलत का राज । मुश्किल हमको रोटी होती , सफल तुम्हारे काज ।। सम्पत्तिन तुम्हारे पिता की, और नहीं व्यापार । हमकों मीठी बात बताकर , लूटो देश हमार । मानव सेवा करने को अब..... मानव सेवा करने को अब , कितने हैं तैयार । देख रहा हूँ गली मुहल्ले , होता खूब प्रचार ।। २०/०४/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR मानव सेवा करने को अब , कितने हैं तैयार । देख रहा हूँ गली मुहल्ले , होता खूब प्रचार ।। मानव सेवा करने को अब... हम आज तुम्हारे शुभचिंतक ,
Devesh Dixit
टूटा हुआ तारा (दोहे) टूट रहा तारा कहे, कैसी मुझसे आस। मैं गिरा खुद ऊपर से, कौन रहा है पास।। गिरता मुझको देख कर, सबको रहती चाह। माँगे सभी मुराद भी, दिल से कहते वाह।। पीड़ा को समझें नहीं, हैं बालक नादान। घर भी अब ये छूटता, रहा नहीं आसान।। धरती पर जब भी गिरा, समा गया हूँ जान। कैसी मुझसे कामना, कहाँ रहा सम्मान।। अद्भुत है ये जिंदगी, अकसर करे कमाल। मैं भी था समझा नहीं, जिसका मुझे मलाल।। ............................................................. देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #टूटा_हुआ_तारा #दोहे #nojotohindipoetry #nojotohindi टूटा हुआ तारा (दोहे) टूट रहा तारा कहे, कैसी मुझसे आस। मैं गिरा खुद ऊपर से, कौन रहा ह
Devesh Dixit
अटल सत्य (दोहे) अटल सत्य है मौत ही, सबको ये संज्ञान। फिर भी क्यों समझे नहीं, करते हैं अभिमान।। मोह छूटता है नहीं, अद्भुत ये संसार। अटल सत्य ये जान कर, भरते भी भण्डार।। अनदेखा इसको करें, पछताते फिर बाद। अटल सत्य को भूल कर, दिखलाते आबाद।। ईश्वर की ही देन है, ये जो माया जाल। अटल सत्य है जान लो, मौत यही विकराल।। घबराते इससे बहुत, आज सभी इंसान। अटल सत्य है क्या कहें, कहते सभी सुजान।। ............................................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #अटल_सत्य #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry अटल सत्य (दोहे) अटल सत्य है मौत ही, सबको ये संज्ञान। फिर भी क्यों समझे नहीं, करते हैं अभि
ranjit Kumar rathour
White माँ तेरे बगैर घर खाली लगता है ऐसा कम ही होता की तू नही होती है तेरी तबियत नासाज है तू छोटे के पास है घर मे खुशी के पल है सब नाच गा रहे है लेकिन घर आया निकली मुह से माँ मेरी कमीज तौलिया कहा है ब्रश नही मिल रही फिर याद आया माँ घर पर नही है इसी लिए तो माँ को हा माँ को घर कहते है ©ranjit Kumar rathour माँ को घर कहते है
Yogi Sonu
White आज एकादशी है । आज के दिन हमारे शरीर को भोजन की जरूरत नहीं होती और शरीर अपने आप को पुन व्यवस्थित करने के लिए अपने आप को ही सफाई करता है इससे शरीर शुद्धि होती है इसी को कहते है उपवासना के क्षण लागे जैसे अमृत के क्षण।। उपासना का यही अर्थ है यही इसका विज्ञान है ।। ©Yogi Sonu आज एकादशी है । आज के दिन हमारे शरीर को भोजन की जरूरत नहीं होती और शरीर अपने आप को पुन व्यवस्थित करने के लिए अपने आप को ही सफाई करता है इससे