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Arjun Sengar
चांदनी चौक का नजारा ना होता इंडिया गेट का सितारा ना होता आजकल की लड़कियां फैशन ना करती तो हर गली लड़का आवारा ना होता ©Arjun Sengar चांदनी चौक का नजारा
Disha Shantanu Sharma
वीरान लगने लगी है मुझे चांदनी चौक की गलियां भी जब से उनकी आंखों में मैंने रौनकें तमाम देखी है चांदनी चौक #yqquotes #yqdidi #yqtales #yqhindi #yqhindishayari #chandnichowk
Nikhil Tiwari
bhawana
Preeti Lata
उसके इश्क़ की तलाश थी मुझे भी एक रोज़ वो खिड़की से झांकती आँखें एक पल में ही यूँ , क़ि दीवाना कर गयी , की अब सोते जागते दिन रात बस वही आँखों के प्रत्यक्ष मानो नृत्य कर रही हो , मानो एक फितूर सा सवार हो गया हो, उस रोज़ भी प्रतिदिन की तरह मैं चांदनी चौक की गलियों से गुजर रहा था । तभी घुँगरू की वो परिचित सी आवाज़ , वो भीनी भीनी बेला की सुंगंध , मानो अपनी और आकर्षित कर रही हो, मैं बेसुध होके उस दिशा में बढ़ता गया , मेरी तलाश खत्म हुई एक ऐसी जगह जिसे सभ्य लोग "रेड लाइट एरिया" कहते है जाने दीजिये मैं अंदर गया तो उन्ही आँखों का दीदार हुआ , मानो बार बार उनसे प्यार हुआ फिर मैंने कुछ न कहा चुप चाप एकटक उन्हें निहारता रहा मानो सब स्तब्ध प्रतीत होरहा हो फिर एहसास हुआ की इश्क़ उन आँखों से आज भी है क्या हुआ वो दुनिया की नज़रों में तवायफ़ है मुझे उसमे मेरे इश्क़ की तलाश और उसके इश्क़ की भी तलाश मुझ पर आकर रुक सी गयी हो मानो और आज 5 वर्ष होगये और आज भी जब भी उनका दीदार होता है हर बार उनसे इश्क़ बेशुमार होता हैँ। Preeti Lata @perceptive_writer #RDV19 uske ishq ki talash #RDV19 उसके इश्क़ की तलाश थी मुझे भी एक रोज़ वो खिड़की से झांकती आँखें एक पल में ही यूँ , क़ि दीवाना कर गयी , की अब सोते जा
BIDISH GOSWAMI
दिल्ली मुंबई याद आओगे तुम, जो इस कदर बरसते हो मुंबई में जून से लेकर सितंबर तक, वैसे ही जैसे लू चलती है , दिल्ली की सड़कों पे मई से लेके अगस्त तक। . . . . . . . . #दिल्ली #मुंबई, #delhi #mumbai #poem #twostates #delhi_mumbai याद आओगे तुम, जो इस कदर बरसते हो मुंबई में जून से लेकर सितंबर तक, वैसे ही जै
Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️ #Jazzbaat औरत का कवच धारण कहते है औरत एक बूंद से पन्नप्ती हैं फिर उसमें समा जाती एक बूंद से जीवन को जन्म देती हैं इतनी शिद्दत से बनाया ख़ुदा ने जायज़ा पूरा किया है फिर भी किस्मत के आगे फिर लाचारी क्यूं पनपती हैं? हर रंग हर एक पर खिलता हैं रंग का कोई मज़हब ख़ुदा ने नहीं बनाया हैं मिलवात का रंग सब यही बताया हैं अलग अलग गुणों से ताल मेल बिठाया हैं SEE CAPTION ©️ जज़्बात ए हर्षिता #respect #lifequotes #women #yqquotes #yqbaba #yqdidi #reality Written by Harshita ✍️ #Jazzbaat औरत का कवच धारण कहते है औरत एक बूंद से पन्न
#काव्यार्पण
तू बेलगाम सा घोड़ा है मै अनुशासन प्रिय नारी हूं तू बेशक गंदा पानी है मैं भागीरथी दुलारी हूं दो बोल जो मीठे बोल दिये तू सर पर मेरे बैठ गया कैसे तूने ये सोंच लिया मैं अब से सिर्फ तुम्हारी हूं। मेरे झुमके के उद्दवेलन से ये पवन सुहानी चलती है एक पल को मैं मुस्काऊं तब ये कच्ची कलियां खिलती हैं जब केश मेरे लहराते हैं तब काली घटा छा जाती है मेरे यौवन से ले सुगंध रति में सुंदरता आती है तू पाप की गठरी जोड़ रहा मैं पुण्य की भागीदारी हूं तूने जब मन को सहलाया मैं उस पल की आभारी हूं तू शहर का शोर शराबा है मैं गांव की कोयल प्यारी हूं। कैसे तुमने ये सोंच लिया मैं अब से सिर्फ तुम्हारी हूं। 2.तुम वर्तमान की कालिख हो प्रारब्ध की मैं पुरवाई हूं तुम आभासी प्रतिबिंब सदा मैं अंतस की गहराई हूं तुम धूं धूं कर के जलते हो मैं सरिता जैसी बहती हूं तुम टोंका टांकी करते हो मैं पृथ्वी सा सब सहती हूं गर लगे हमारे मुंह तो अब हम दुर्गा ही बन जायेंगे है यू पी पुलिस में धाक बड़ी ऐंटी रोमियो बुलायेगे मैं पति प्राइवेट सेक्टर हूं ना मैं जनहित में जारी हूं। कैसे तुमने ये सोंच लिया मैं अब से सिर्फ तुम्हारी हूं। 3. ना बातचीत का ढंग तुझे मैं कितनी ही मृदुभाषी हूं तू नॉनस्टॉप-सा म्यूजिक है मैं मौन की बस अभिलाषी हूं है नई नई तेरी दौलत इसलिए तुझे अभिमान हुआ मेरा परिवार सदा से ही संस्कारों से धनवान हुआ है नशा तुझे दौलत का तो ये निश्चय क्षीण हो जायेगा अपनी मृत्यु पर क्या फिर तू पैसे से भीड़ जुटाएगा है ब्राह्मण कुल में जन्म हुआ है गर्व मुझे संस्कारी हूं। कैसे तुमने ये सोंच लिया मैं अब से सिर्फ तुम्हारी हूं। 4.तुम चाइनीज मोबाईल हो और मैं एप्पल का ब्रांड प्रिये तुम बेशक बादशाह होगे मैं हनी सिंह की फैन प्रिये तुम कपिल की बकबक सुनते हो और मैं बिग बॉस की दर्शक हूं तुम खुद को सलमान समझते हो मैं तुमसे भी आकर्षक हूं हम सीतापुर वाले साहब कट्टाधारी कहलाते हैं यदि बात हमारे प्रेम की हो तो नतमस्तक हो जाते हैं चिंदी चोर चांदनी चौक के तुम मैं नैमिषधाम दुलारी हूं। कैसे तुमने ये सोंच लिया मैं अब से सिर्फ तुम्हारी हूं। कवयित्री - प्रज्ञा शुक्ला सीतापुर ©#काव्यार्पण #proposeday #kavyarpan #nojoto #sitapur #HappyRoseDay तू बेलगाम सा घोड़ा है मै अनुशासन प्रिय नारी हूं तू बेशक गंदा पानी है मैं भागीरथी