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shyam Gurjar
पैदा हुई बनके बेटी, आज बन गई बहु थी छोड़ के अपनी खुसिया सारी, सामील हो गई दुसरु कि खुशियो मैं थी छोड़ के सब से आश ,आज वो सहम सी गई थी। अब नहीं रखी उसने किसी से उम्मीद ,अब वो एकली हि खडी थी। चली गई अँधेरी राते, आज आई रोशनी कि किरण थी। छाई अँधेरी रातो के बाद, आई एक रोशनी कि किरण सि थी। जीने लगी फिर से वो, जागि उसके मन में भी लगन सी थी। खोल लिए उसने भी पंख, ठानी आसमान को मापने की थी। चमक रहा आज भी सूरज, चेक रही चिडिया थी। सबसे होके अनजान, अब वो अपने सपने पुरे करने चलि थी। सबसे होकर अनजान, अब वो अपने सपने पूरे करने चलि थी। आ गई काली रात ,लेकिन वो तो बेखबर थी। जान के जिनको भाई, मांगी जिनसे सहायता थी। उसे क्या पता था ,कि थे वो तो हवस के पुजारी। आज धरती माँ भी, चिल्ला -चिल्ला कर रोई थी। जब उसने अपने ही आँचल में, अपनी बेटी सुरक्षित ना पाई। ए खुदा तुने क्यों ये दुनिया बनाई। जब उसने अपने ही आँचल में, अपनी बेटी सुरक्षित ना पाई। मिटा दे ना अब इस जाहान को, क्योंकि यहा एक माँ ने अपनी बेटी सुरक्षित ना पाई। आसमान में गुज रही, आज भी उसकी चीख थी। पुरा देश रोया था, क्योंकि उसने अपनी बेटी खोई थी, अपनी बेटी खोई थी। ©shyam Gurjar #बटी #standAlone
ROHAN KUMAR SINGH
तुम लोग अपना देखो मैं तो मौत को गले लगाकर टक से वापस आ जाउगा 😂😂 #ऐसी बात पर पर #बिलकुल ध्यान ना दे,, #सावधानी हटी पुडी #बुनिया बटी 😂😂😂😂
yogesh atmaram ambawale
टुकड़ो में बटी हैं ज़िन्दगी कौनसे टुकड़े संग जीना हैं फैसला अपने हाथ हैं| Hello Resties! ❤️ Collab on this #rzpictureprompt and add your thoughts to it! 😊 #rzpicprompt1009 #yqrestzone #restzone #collabwithrestzon
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read moreyogesh atmaram ambawale
अनेक नाम और अनेक रूप मे है देवी बटी, हर एक रूप जीसमे देखू वो है मेरी बेटी. आप सभी को बेटी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ। बेटी केवल एक शब्द नहीं, एक संसार है। बेटी वो महक है जो पूरे परिवार को महकाये रखती है। आज 5 शब्द
आप सभी को बेटी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ। बेटी केवल एक शब्द नहीं, एक संसार है। बेटी वो महक है जो पूरे परिवार को महकाये रखती है। आज 5 शब्द #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine
read moreदुर्लभ "दर्शन"
----चुनाव---- चुनावी दौर में हर आदमी, बड़ा वेताब लड़ने को। गाँव को चमका दूँगा बस, जरा आगे तो बढ़ने दो। किसी ने दोस्ती मानी, किसी ने दुश्मनी जानी। कोई वादों का था आदी, किसी ने जिद नई ठानी। कहीं खामोश था वोटर, कहीं महफ़िल सजीं जी भर। कहीं पौआ, कहीं पायल, कहीं साड़ी बटीं घर-घर। हर तरफ हो रहे कितने , मोहब्बत प्यार के चर्चे। किसी की जीत से ज्यादा, किसी की हार के चर्चे। ©दुर्लभ "दर्शन" #nojohindi#Love #India ------चुनाव---- चुनावी दौर में हर आदमी, बड़ा वेताब लड़ने को। गाँव को चमका दूँगा बस, जरा आगे तो बढ़ने दो।
#nojohindi#Love #India ------चुनाव---- चुनावी दौर में हर आदमी, बड़ा वेताब लड़ने को। गाँव को चमका दूँगा बस, जरा आगे तो बढ़ने दो।
read moreshamawritesBebaak_शमीम अख्तर
तबकों मे बटी, दुनियां सदियों से पेरशान थीं....,✍️ #mytopic#Trending#nojotofollowing#Nojotoforyou#shamasrite #SayNoToDomesticAbuse s
read moreyogesh atmaram ambawale
अनेक नाम और अनेक रूप मे है देवी बटी, हर एक रूप जीसमे देखू वो है मेरी बेटी. प्यार से रहे तो लक्ष्मी,सरस्वती का अवतार है बेटी, कही गुस्सा हो गयी तो चण्डिका,दुर्गा का अवतार है बेटी. माँ का लाडला,दुलारा होता है बेटा, तो बाप की लाडली होती है बेटी. आप सभी को बेटी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ। बेटी केवल एक शब्द नहीं, एक संसार है। बेटी वो महक है जो पूरे परिवार को महकाये रखती है। आज 5 शब्द
आप सभी को बेटी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ। बेटी केवल एक शब्द नहीं, एक संसार है। बेटी वो महक है जो पूरे परिवार को महकाये रखती है। आज 5 शब्द #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine
read moreRakesh Kumar Dogra
आज दो अक्टूबर है डरकर कपाट खोल दूं। हां खाकी निक्कर थी टोपी थी और थी लाठियाँ, कुछ लोग थे दूसरी तरफ हां आधी दाड़ी थी टोपी थी और लम्बे कुर्ते के साथ छोटी थी पजामियां। तू डरपोक कव
हां खाकी निक्कर थी टोपी थी और थी लाठियाँ, कुछ लोग थे दूसरी तरफ हां आधी दाड़ी थी टोपी थी और लम्बे कुर्ते के साथ छोटी थी पजामियां। तू डरपोक कव
read moreShree
तन्हाई के पर्दे पर एक तस्वीर उभरती रही! वो चेहरा मासूम सा.. वो आंखें मासूम सी.. मशक्कतें कटी-फटी, आरज़ू बटीं-मरी! हर कपाट बंद-बंद.. तबियत बिगड़ैल सी.. खोजें और कहती कि बस! दूर हूं, मजबूर हूं! लोग कहते दिन-ढ़ले-फितूर हूं, दुनियादारी से बड़ा बेशहूर हूं, दर्द तर्ज़ कोई मज़बूत ढ़ाल, तमन्ना ना-मुराद सी! शक-समझ की डोर बांधती बाल चंद्र-सी टिमटिमाती उसी पर्दे को झूलाती लोहे के कीलों को जोड़ती हूं! इसी तरह जीते-जीते.. थोड़ा मरती, ज़्यादा जीती हूं.. तन्हाई के पर्दे पर... क्या पता क्या लिखती हूं! 🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸 तन्हाई के पर्दे पर एक तस्वीर उभरती रही! वो चेहरा मासूम सा.. वो आंखें मासूम सी
तन्हाई के पर्दे पर... क्या पता क्या लिखती हूं! 🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸 तन्हाई के पर्दे पर एक तस्वीर उभरती रही! वो चेहरा मासूम सा.. वो आंखें मासूम सी #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine #a_journey_of_thoughts #unboundeddesires #lovepoemsarebest
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