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Vimal ji
हाथ जोड़ विनती करूं सुन लो ध्यान लगाए गीता सार सुनाता हूं हो जाएगा बेड़ा पार औरों की मैं क्या कहूं प्रभु है मेरे साथ आत्मा मरती नहीं बाकी है सब बेकार गीता सार भाग- 5 30 सितंबर 2021 2:30 p. ©Vimal ji #गीता सार #गीता सार
Parasram Arora
अपने इतिहास और अपने धर्म को खोज कर अपने कर्मो को सदगति देने में अब कोई सार नही रहा और ये भी सच है कि अब ईश्वरीय आवासों में जीवन संगीत सुनाई कहा पड़ता है अबकोई देवदूत आकर स्वर्ग क़े नक्शे भी कहा दिखाता है यहां तो नर्क का प्रदूषित धुँवा सर्वत्र वातायन को अन्धकार मय बना रहा है ©Parasram Arora सार....
सार....
read moreArchana Chaudhary"Abhimaan"
संपूर्ण जीवन ना किसीने जिया आजतक क्योंकि भगवान कृष्ण सा ना कोई हुआ आजतक। नटखट माखन चोर, मथुरा के हर घर मचाते शोर, क्या कोई है जो जिया अटखेलियां कर उनके जैसा। दोस्ती निभाने में अग्र, सुदामा का साथ सीख दे समग्र। जैसे ही रखा यौवन में कदम स्नेह की लड़ियां बिछा खेले राधा और गोपियों संग, महका हर घर आंगन। जब आई कुछ करने की बारी, तब गिरधर मुरारी ने किया चमत्कार,जिससे विश्व था त्रस्त,उसको किया पस्त कंस को मार करवा लिया खुद का जयकार। जब आई परिपक्वता की बारी, तब दिया सबको ज्ञान। पांडवों का साथ दे, सत्य का लिया संज्ञान। यदि संस्मरण करे उनका, तो पाए हर निदान। #सार
Deepak Sharma
आ चल जीवन को दर्पण बना ले अपने मन को फिर स्वच्छ बना ले किस बात का लड़ना जीवन में अपने जीवन को तालीम बना ले हर परेशानी सीखलाती हमको अपनी गलती को सीख बना ले अपनों और गैरों का मतभेद आओ मिलकर दिल से मैल हटा ले आओ हर किसी के काम जीवन में इसको हम धर्म बना ले आ चल जीवन को दर्पण बना ले बेनाम आदीम ©Hidden Eyes News Channel #सार
mohan mishra
वेदव्यास जी ने वेदों का भाष्य किया 18 पुराण लिख डाले कितने ही उपनिषद लिख डाले फिर भी मन को शांति नही मिली जो चाहते थे वैसा हो नही रहा था हर विषय पर लिखा जो आजतक सटीक लगता है फिर भी मन व्यथित आखिर में हरि इच्छा से एक श्लोक लिखा"परोपकाराय पुण्याय पापाय परपीड़नम" जो वेदों,पुराणों,उपनिषद, गीता, धर्म,कर्म,ईश्वर का सार है जब हम कोई सद्कर्म करते है तब जो आनन्द की अनुभूति होती है वह अनुभूति ही ईश्वर के होने का प्रमाण है तभी उसे सत चित्त आनन्द सश्चितानन्द कहते है मोहन मिश्र जय हो सार
सार
read morePushpendra Pankaj
लिखो सदा प्रत्यक्ष लिखो, बंधकर नहीं ,निष्पक्ष लिखो । लोकतंत्र के हम सब प्रहरी, खुलकर अपना पक्ष लिखो ।। पुष्पेन्द्र पंकज ©Pushpendra Pankaj निष्पक्ष लेखन मर्यादित लेखन
निष्पक्ष लेखन मर्यादित लेखन #कविता
read moreNeha Pathak
बहुत बहुत आभार आपका प्रिय मंच 🙏🙏 😊😊 Dedicating a #testimonial to रचना का सार..📖 हमेशा मेरे लेखन को सराहा प्रोत्साहित की... दिल से धन्यवाद team रचना का सार 🙏🙏😊😊
Dedicating a #testimonial to रचना का सार..📖 हमेशा मेरे लेखन को सराहा प्रोत्साहित की... दिल से धन्यवाद team रचना का सार 🙏🙏😊😊
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