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SWARNIMA BAJPAI
College में जनवरी की ठंड में, मैं, तुम और कैंटीन की चाय को Miss करती हूं मैं। तुम्हें देख के, natural आने वाली मेरी smile और तुम्हारे hi को Miss करती हूं मैं। "अच्छा ठीक है फिर मिलते है हम" तुम्हारे इस तरह के bye को Miss करती हूं मैं। पढ़ते पढ़ते अचानक Chat करने लगना, वो मेरे msgs, फिर तुम्हारे reply को Miss करती हूं मैं। ©SWARNIMA BAJPAI #OneSeason #मैं तुम और कैंटीन की चाय
Ankit pandey
Devendra Kumar
इक जमाना हुआ चाय छोड़े मुझे, पर तेरे लिए कैंटीन आ ही जता हूं। वो लहराता तेरे बदन पे सफेद दुपट्टा। कमबख्त देखने को आ ही जाता हूं। इक जमाना हुआ चाय छोड़े मुझे, पर तेरे लिए कैंटीन आ ही जता हूं। वो लहराता तेरे बदन पे सफेद दुपट्टा। कमबख्त देखने को आ ही जाता हूं।
Ankit pandey
मनीष शर्मा
अकेले में उन दोस्तों की तब बहुत याद आती है.... जब भी प्लेट के टुकड़ो पर हिस्सेदारी , खामोश सी नजर आती ही..... ......☺️😊😢😊☺️...... स्कूल कैंटीन की अनोखी वाली फीलिंग्स...... दोस्तों संग☺️😊☺️ हैप्पी friendship दे #deepmeaning#thought#relationship#2liner#love#pyar#poet#nojo
Vivek Singh
अच्छा सुनो वो सर्दियों का वक्त तुम्हे याद है क्या ? वो रजाई में छुप कर रात को WhatsApp चलाना, वो क्लास की खिड़की पर भाप से दिल बनाना, वो कैंटीन से गरम चाय और समोसे मंगाना, वो पीछे बाइक पर बैठ कर ठंडे हाथ लगाना, वो बाहों में बाहें डाल कर घंटो गप्पे लडाना, ये सब तुम्हे याद है क्या। ©Vivek Singh #OneSeason अच्छा सुनो वो #सर्दियों का #वक्त तुम्हे याद है क्या ? वो रजाई में छुप कर रात को #WhatsApp चलाना, वो क्लास की #खिड़की पर भाप से #
Pardeep Singhal
किसी दिन कॉलेज की कैंटीन में बैठे लिखा एक छोटा सा शेर बड़े गहरे मायने लिए हुए पुराना है लेकिन इसमे निहित सच ज्यों का त्यों रहता है
Adv Sandeep Saini
तुम्हारा वो एक्टिवा पे आना [Full Piece in Caption] तुम्हारा वो एक्टिवा पे आना अपनी आँखो को यूँ मटकाना हमे पागल कर गया पहली नजर में हमको घायल कर गया तेरा वो कॉलेज में आना बाते बनाना
☆Danish Raj☆ansari ☆ 7052654917
दिसंबर का महीना कहीं कोयला तो कहीं खदान बिक रहा है. गोल गुम्बद में हिंदुस्तान बिक रहा है.. यूँ तो कागज गल जाता है पानी की एक बूँद से. चंद कागज़ के नोटों में मगर ईमान बिक रहा है.. गुलामी का दौर चला गया कैसे कहें जनाब. कहीं इंसानियत तो कहीं इंसान बिक रहा है.. आज की नयी नस्लें होश में रहती कब हैं.. कैंटीन में चाय के साथ नशे का सामान बिक रहा है.. आधुनिकता और कितना नंगा करेगी हमको.. बेटे के फ्लैट के लिए बाप का मकान बिक रहा है. सीता को जन्म देने वाली धरती को क्या हो गया.. राम के देश में चाइना का हनुमान बिक रहा है.. कहीं कोयला तो कहीं खदान बिक रहा है. गोल गुम्बद में हिंदुस्तान बिक रहा है.. यूँ तो कागज गल जाता है पानी की एक बूँद से. चंद कागज़ के नोटों में