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Pushpa Rai...
ना जाने क्यों पत्तों सी हो गई है जिंदगी कभी यहां कभी वहां सुकून न जाने कहां खो गया है ©Pushpa Rai... #पत्तियां #सुकून_की_तलाश #नोजोटो #नोजोटोहिंदी #हिंदी_कोट्स_शायरी
Kajalife....
ये पत्तियां भीगकर बारिशों में , आज फिर से इतरायी हैं ... रंगत और निखर गई है इनकी , जैसे एक वक्त बाद फिर मुस्कुराई हैं ... देखो तो कितनी खूबसूरत, लग रही है ये हरियाली, जच रही खूब इन पर बूंदों की कलाकारी ... सुकूं ढूड़ों इनमें कभी अपना आज ये फिर हमारें लिए जीना दोहरायी हैं -Kajalife #पत्तियां #बारिश #हरा रंग #Nature#love :)
Parvindar Projwal
अब तो कोरे पन्नो पर तस्वीर तेरी बन जाती है कि बगानों की पत्तियों से खुशबू तेरी आती है। तुम दौड़ते हो अपने सफर में और सांसे मेरी फुल जाती है। #NojotoQuote "बगानों की पत्तियां" #nojoto #nojotohindi #bganokipatiyan #chay
Deepika Gupta
#challenge#वृक्ष#पतझड़#साखाएँ #पत्तियां#nojoto#nojotohindi#qotd #Deepikapoetry
Sonal Panwar
पतझड़ के मौसम में , तेज़ हवा के झोंकों से , वृक्ष से पत्ते छूट जाते हैं , गिरते है वो धरा पे , अपनी ही शाख से टूट जाते हैं ! अपनी पहचान खोकर , लाचार और बेबस होकर , वीरान कर देते है उस वृक्ष को , और खुद मिट्टी में मिल जाते हैं ! पीले पत्ते पहचान खोकर भी , खाद बन वृक्ष को बढ़ाते हैं , एक बार फिर नवकोंपलों से , वृक्ष को हरा-भरा बनाते हैं ! जीवन में भी कई मौसम आते हैं , कभी पतझड़ तो कभी बसंत आते हैं , फिर भी कभी जीवन रुकता नहीं , तूफान के बाद भी कश्ती को किनारे मिल जाते हैं ! जीवन का भी यही नियम है , विनाश के बाद सृजन के रास्ते खुल जाते हैं ! ©Sonal Panwar #Pattiyan #पत्तियां #leaves #पतझड़ #Hindi #hindi_poetry #Poetry #Shayari #Quotes #Nojoto
अनिता कुमावत
पेड़ो की झड़ती पत्तियाँ बन कर खाद पेड़ो को पोषण दे बड़ा करती हैं ...!!! फूलों पे मंडराती तितलियाँ काँटो में उलझ जाती कभी फिर भी परागकण से नए पौधे उगने में सहायता करती हैं ...!!! नदियाँ बहा ले जाती अपने साथ किनारों की गंदगी और मैल सारा और जल को निर्मल कर देती हैं ...!!! ये पत्तियाँ , तितलियाँ , नदियाँ अपने पूर्व जन्म में "स्त्रियाँ " रही होगी ना ...!!! कुछ यूँ ही .... #पत्तियां #तितलियां #नदियाँ #स्त्री #yqdidi #yqhindi
RISHABH KUMAR JAISWAL
एक फूल एक फूल पत्तियों को देख रहा है. ये तो पौधे की रंग बिरंगी पत्तियां हैं ये तो झर जायेंगे। तुम तो फूल हो तुम्हें अभी अौर खिलना है तुम्हें अपनी महक चारों ओर फैलानी है तुम्हें अभी अौर बढ़ना है .... तुम्हें अभी अौर बढ़ना है..... रंग कवि #ऋषभ कुमार देश की नारी जो फूल है और उन्हें दबाने बैठा संसार पत्तियां
Awanish Singh
दीप हूँ जलता रहूँगा । मैं प्रलय की आँधियों से, अंत तक लड़ता रहूँगा ।। पार जाऊँगा मेरा साहस, कभी हारा नहीं है। जो मिटा अस्तित्व दे, ऐसी कोई धारा नहीं है ।। कौन रोकेगा स्वयं तूफान, थककर रुक गये हैं । हर लहर मेरा किनारा, ध्येय तक बढ़ता रहूँगा।। दीप हूँ जलता रहूँगा । मैं प्रलय की आँधियों से, अंत तक लड़ता रहूँगा ।। तोड़ दी अवरोध की सारी, शिलाएँ एक क्षण में । मैं धरा का प्यार मुझको, स्नेह देते सब डगर में।। शीत वर्षा और आतप कर, न पाये क्षीण गति को। बिजलियों की कौंध में भी, पंथ गढ़ता ही रहूँगा।। दीप हूँ जलता रहूँगा । मैं प्रलय की आँधियों से, अंत तक लड़ता रहूँगा ।। ©Awanish Singh (AK Sir) #कविता #कविता