Find the Latest Status about उनमे से एक from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, उनमे से एक.
JALAJ KUMAR RATHOUR
पार्ट-8 उस रात लगभग दस बज चुके थे।तभी मेरा रूममेट भानू आया और बोला यार स्वप्निल चल बे छत पर चल, जनवरी की कड़कडाती सर्दी में छत पर जाना जिंदगी को जोखिम मे डालना पर कंमबख्त ये दोस्त तुम्हे कहीं पर भी ले जाते है, उपर से रूममेट, थोडी देर में, मैं छत पर था और हमारे आसपास बैठे थे हॉस्टल के वो लड़के जो सिर्फ एक ही ज्ञान देते थे " भाई नौकरी तेरी भी लगेगी नौकरी मेरी भी लगेगी हाँ थोड़ा बहुत अंतर होगा रुपयो का " तभी उनमे से एक महानुभाव बोला "अरे यार जिसकी ना लगे हम उसकी लगवा देंगे " कई लड़के जो युद्ध से पहले ही हथियार डाल चुके थे। उस मित्र के करीब हो गए और बोले " हाँ ये बात तो सही कर रहा है। इसके चाचा एक बडी कंपनी में अच्छे पद पर हैं" बस फिर क्या था जनाब खुश, तभी उस महफ़िल के मुख्य कार्यकरता ने अपनी जेब से सिगरेट निकाली,पीछे से आवाज आयी कौन से लाये ही बे,"रेड ब्लैक "मुख्य कार्यकरता ने पीछे से आयी इस प्रश्नवाचक ध्वनी का का उत्तर दिया अगर हॉस्टल की इस महफ़िल को बाबा साहब देख लेते तो वो जातिगत भेदभाव को मिटाने के लिए आरक्षण से पहले ऐसी संगोष्ठियां करवाते यहाँ सब समान होते थे और छुआछूत को तो ये लोग एक दूसरे के द्वारा उपयोग की गयी सिगरेट के सहारे कश भर कर उड़ा देते थे।गोलाई मे सजी इस महफ़िल का नियम था की पहली सिगरेट के बाद ही दुसरी सिगरेट को जलाया जाता था। पांच महानुभावों से चुंबन प्राप्त कर ये बेबस सिगरेट मेरे पास आयी थी। चाहती थी वो कि मैं उसको मोक्ष की प्राप्ति अपने होठो से कराऊँ पर में अनुभवहीन प्राणी उस तड़पती आत्मा की संतुष्टि का कारण ना बन सका। और भानु के द्वारा उस मोक्ष की प्राप्ति हुई। वैसे अगर व्यक्ति और सिगरेट की तुलना की जाए तो ज्यादा अंतर कहाँ होता है। दोनो की जीवन यात्रा में दोनो को कई लोगो के हाथो से गुजरना पड़ता है। हर व्यक्ति अपनी सुविधा अनुसार उपयोग करता है जीवन भी सुलगता है आग रूपी परेशानियों से और अंत मे बचती है सिर्फ राख,अरे में भी आध्यात्मिक हो रहा हूँ क्या करे इन महफ़िल में हर व्यक्ति ज्ञान बाँटता है। .... #जलज _ राठौर पार्ट-8 उस रात लगभग दस बज चुके थे।तभी मेरा रूममेट भानू आया और बोला यार स्वप्निल चल बे छत पर चल, जनवरी की कड़कडाती सर्दी में छत पर जाना जिंदग
पार्ट-8 उस रात लगभग दस बज चुके थे।तभी मेरा रूममेट भानू आया और बोला यार स्वप्निल चल बे छत पर चल, जनवरी की कड़कडाती सर्दी में छत पर जाना जिंदग #जलज
read moreJALAJ KUMAR RATHOUR
"पापा हम क्यों पढते हैं इतिहास कितना बोरिंग है ये सब्जेक्ट हैं ना मैं जब पैदा ही नही हुआ मुझे तब की भी तारीखों को याद करना पड़ता है " पास में ही बैठे अपने पापा से प्रेम ने ये पूछा ,देश पांडे साहब ने मजाकिया लहजे से कहा बेटा तेरे बाप ने भी पढा और हर बार मन में यही प्रश्न उठा पर आज तक इस सवाल का जबाब ना मिला, बगल में ही बैठे प्रेम के दादा जी भारत पांडे जी ने उसके पापा देश पांडे के कान को ऐंठते हुए कहा , "तेरे में इतनी बुद्दी ही कहाँ थी रे मोड़ा जो तू जू सवाल पुछतो जू तो हमाओ नाती है जो जे सवाल पूछ रहो है , प्रेम को अपने पास बैठा कर भारत पांडे जी ने कहा "बिटवा जो जे इतिहास होवे है ना जी हमें तासो पढाओ जावे है कि हम अपनी पुरखों की गलतियों से सीख ले और जिने फिर ना दोहराये, प्रेम ने दादा से पूछा पापा वो कैसे तो उन्होंने बताया बेटा मराठा महाराजा छत्रपति शिवा जी महाराज के वंशजो में एक वीर योद्धा थे सदाशिव भाऊ जो मराठा साम्राज्य के रक्षक थे उन्होंने बाहरी आक्रमणकारियों को भारत से भागने के लिए आपने विश्वास पात्र सेनानायक इब्राहीम खान के साथ मिलकर युद्ध लड़ा उस वक्त उन्होंने भारतियों राजाओं से मदद मांगी परंतु कुछ राजाओं ने उनकी मदद ना की जिनमे कुछ राजा हिंदू थे पर उनमे से एक था सिराउजुदौला जिसने पहले तो हाँ कर दी परतुं जब उसको धर्म की कसम दी गयी तो उसने देश से पहले धर्म को चुना और सदा शिव भाऊ का साथ नही दिया इसके विपरीत सकीना बेगम ने सदा शिव भाऊ का साथ दिया और धर्म से पहले देश को रखा,पानीपत के मैदान मे अपनी मातृभूमि के लिए बाजीराव पेशवा के भतीजे सदा शिव भाऊ ने अदम्य साहस के साथ दुश्मनो से लडते हुए अपने प्राण त्याग दिये वो उस दिन हार कर भी जीत गए थे| क्युकी अहमद शाह अब्दाली ने खुद कहा था यहाँ के लोगो को हराना है तो इन्हे आपस मे लड़ाओ और इतिहास हमें सिखाता है की पहिचानो हाँ पहिचानो अपने आस पास से सिराउजुदौला और इब्राहिम खान जैसे वतन के गद्दारों को और सम्मान करो सकीना बेगम जैसी वतन की नारी शक्ति का " जब भारत पांडे जी ने प्रेम की और देखा तो वह सो चुका था आज के भारतीय युवाओं की तरह , भारत, देश प्रेम के जाग जाने की उम्मीद में था और शायद आज भी है धर्म देश से बड़ा नहीं होता, साहब ....... #जलज राठौर "पापा हम क्यों पढते हैं इतिहास कितना बोरिंग है ये सब्जेक्ट हैं ना मैं जब पैदा ही नही हुआ मुझे तब की भी तारीखों को याद करना पड़ता है " पास म
"पापा हम क्यों पढते हैं इतिहास कितना बोरिंग है ये सब्जेक्ट हैं ना मैं जब पैदा ही नही हुआ मुझे तब की भी तारीखों को याद करना पड़ता है " पास म #जलज
read moreraman kashyap
Nik Katara
भारत के बहुत बड़े उद्योगपति श्री रतन टाटा का अनुभव और सीख 👇👇 As recieved From TATA STEELS *प्लेट में खाना छोड़ने से पहले रतन टाटा का ये संदेश ज़रूर पढ़ें!_* *_दुनिया के जाने-माने industrialist Ratan Ta
As recieved From TATA STEELS *प्लेट में खाना छोड़ने से पहले रतन टाटा का ये संदेश ज़रूर पढ़ें!_* *_दुनिया के जाने-माने industrialist Ratan Ta #Inspiration #philosophy #yqdidi #yqhindi #yqthoughts #yq_gudiya
read moreASHKAR Shahi
माता भी तू पिता भी तू, बहना का संसार भी तू, तेरी खुशी सलामत रहे, खुदा सा है किरदार भी तू। बहुत खुश नसीब होते है वो जिनके नसीब में भाई होते है। और मैं भी उनमे से एक हूँ मेरे पास मेरे प्यारे bhyyu है दुनिया के सबसे अच्छे bhyyu 🤗🤗
बहुत खुश नसीब होते है वो जिनके नसीब में भाई होते है। और मैं भी उनमे से एक हूँ मेरे पास मेरे प्यारे bhyyu है दुनिया के सबसे अच्छे bhyyu 🤗🤗 #testimonial #bhyyu_ka_birthday
read moreNamit Raturi
पतलकार भाग - 1 कुछ कडवी बातें होंगी,मुँह मे शहद बनाए रखें । 1. कोई रबिश कुमार यह नहीं पुछेगा ममता बैनर्जी से कि "जय श्री राम" का नारा अपमान जनक कैसे हुआ ? करोड़ों हिन्दुओं की आस्था का अपमान नहीं दिखा क
1. कोई रबिश कुमार यह नहीं पुछेगा ममता बैनर्जी से कि "जय श्री राम" का नारा अपमान जनक कैसे हुआ ? करोड़ों हिन्दुओं की आस्था का अपमान नहीं दिखा क #Hindi #yqbaba #yqdidi #लेखन #journalism #Propaganda #biasedmedia #sickularism
read moreAmit Mishra
बेचैनी पढ़ें अनुशीर्षक में आधी रात का समय था अचानक रवि की आँख खुल गयी, पास में पड़े मोबाइल को उठाया और देखा तो रात के 12.30 हो रहे थे. वो क्या था आज रवि दफ़्तर से घर ज
atrisheartfeelings
आत्म संतुष्टि प्रभुजी इतना दीजिये जा में कुटुम्ब समाय ! में भी भूखा न रहूँ साधू भी भूखा न जाये !! एक कहानी जीवन की किसी और की कलम से आत्म संतुष्टी पुराने समय की बात है, एक गाँव में दो किसान रहते थे। दोनों ही बहुत गरीब थे, दोनों के पास थोड़ी थोड़ी ज़मीन थी, दोनों उसमें ही
आत्म संतुष्टी पुराने समय की बात है, एक गाँव में दो किसान रहते थे। दोनों ही बहुत गरीब थे, दोनों के पास थोड़ी थोड़ी ज़मीन थी, दोनों उसमें ही #story #yqbaba #yqdidi #ananttripathi #atrisheartfeelings #सकारात्मक_और_नकारात्मक
read moreThe Sarvajeet Krishna
14 फरवरी 2017 वैलंटाइंस डे, प्रेमियों का दिन। ज़ोया गुस्से से लाल पीली हुई लवर्स पॉइंट पे नदी किनारे बैठी राहुल का इंतज़ार कर रही थी। आँखो म
14 फरवरी 2017 वैलंटाइंस डे, प्रेमियों का दिन। ज़ोया गुस्से से लाल पीली हुई लवर्स पॉइंट पे नदी किनारे बैठी राहुल का इंतज़ार कर रही थी। आँखो म #Stories #StorytellingDay #Love_pain #StoryBySarvajeet
read more