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Aditya Aditya

चलो ज़रा हम काम बाँट लें.. मैं घर का सारा भार लूँगा.. ज़रा तुम रोटियाँ बना लेना.. ज़रा मैं तुमको निहार लूँगा.. गर्मी की तुम फिक्र न करना.. मै

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चलो ज़रा हम काम बाँट लें..
मैं घर का सारा भार लूँगा..

ज़रा तुम रोटियाँ बना लेना..
ज़रा मैं तुमको निहार लूँगा..

गर्मी की तुम फिक्र न करना..
मैं होठों से ठंडी फुहार दूँगा...

वो लटें जब जब तंग करेंगी..
तब तब मैं उनको संवार दूँगा..

कमर पे गर उँगलियाँ फ़िरा दूँ..
तो तुम शरारत मत समझ लेना..
"मैं तो वो पसीना पोंछ रहा था.."
हाँ मैं यही झूठी गुहार दूँगा..

इसके सिवा कुछ आता भी तो नहीं..
तो तुमको जहाँ का सारा प्यार दूँगा..

चलो फिर भी हम काम बाँट लें..
हाँ मैं घर का सारा भार लूँगा..







 चलो ज़रा हम काम बाँट लें..
मैं घर का सारा भार लूँगा..

ज़रा तुम रोटियाँ बना लेना..
ज़रा मैं तुमको निहार लूँगा..

गर्मी की तुम फिक्र न करना..
मै

Poonam Suyal

मेघ की गूंज जब जब घिर के आते हैं मेघ, होती है रिमझिम बरसात ख्यालों में खो जाती हूँ मैं, याद आती है मुझे हमारी पहली मुलाकात कितना सुहाना #yqdidi #yqrestzone #collabwithrestzone #rzलेखकसमूह #rztask54 #rzwriteshindi

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मेघ की गूंज 

(अनुशीर्षक में पढ़ें) मेघ की गूंज 

जब जब घिर के आते हैं मेघ,
होती है रिमझिम बरसात 
ख्यालों में खो जाती हूँ मैं,
याद आती है मुझे हमारी पहली मुलाकात 

कितना सुहाना

अशेष_शून्य

स्त्री (प्रकृति) जब रोती है सिसकियों से धरती की छाती फटती है और दरारें मृत घाटी बन कर पूरी दुनिया को लीलने लगती है। #yqbaba #hindipoetry #yqdidi #yqaestheticthoughts #travallingsoul #अशेष_शून्य

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"सुनो !
मेरे अर्धनारीश्वर ...!!"
(शेष अनुशीर्षक में ) स्त्री (प्रकृति) जब रोती है
सिसकियों से
धरती की छाती
फटती है और
दरारें मृत घाटी बन कर 
पूरी दुनिया को
लीलने लगती है।

Vedantika

Day:10 जीवन देते वृक्ष को पोषण देती, मिट्टी उसकी माँ ही है। वृक्ष की टहनियाँ कली संभाले, टहनी कली की माँ ही है।

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जीवन देते वृक्ष को पोषण देती,
मिट्टी उसकी माँ ही है।

वृक्ष की टहनियाँ कली संभाले,
टहनी कली की माँ ही है।

कली एक पुष्प को जन्मे,
कली पुष्प की माँ ही है। 

पंछी की उड़ान संग उड़े जो,
हवा भी पंछी की माँ ही है।

सूरज को जो ठंडा कर दे,
दुनिया की हर माँ ही है।

हवा की लहर बन जो मन महकाये,
ओस की ठंडी फुहारें माँ ही है।

(Read in Caption) Day:10

जीवन देते वृक्ष को पोषण देती,
मिट्टी उसकी माँ ही है।

वृक्ष की टहनियाँ कली संभाले,
टहनी कली की माँ ही है।

Palsi(पल सी)

ख़ामोशी के आगोश में जब कभी होता हूँ क्या कहूँ तुमसे किस कदर तनहा होता हूँ मुझको छू जाए जब खुशबु तेरे मन की मन भी चाहे तो न एहसासों से जुदा ह #yqbaba #yqdidi #yopowrimo #palsi

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ख़ामोशी के आगोश में जब कभी होता हूँ
क्या कहूँ तुमसे किस कदर तनहा होता हूँ

मुझको छू जाए जब खुशबु तेरे मन की
मन भी चाहे तो न एहसासों से जुदा हो पाता हूँ

न जाने कब तू आये गर्मी में ठंडी फुहार के जैसे
मद्धम दिए की लौ के जैसे
शीत में धुप की तपिश जैसे
बस लिपटा मैं तन्हाई से हर दफा रहता हूँ

ज़िक्र तेरा बहोत किया
रात की तन्हाई से
कभी महकी सी पुरवाई से
कभी सौंधी सौंधी मिट्टी की महक से
कभी बस जाने अनजाने अपनी परछाई से
बस इसिलए कोई पूछे तो बस मुस्कुरा देता हूँ

मुसाफिर हूँ मेरा क्या ठिकाना था
अब अनजान शहर में जो घर बना बैठा हूँ

उम्र यूँ गुज़र हो चली है
घर भी है, ठिकाना भी, 
बस दिल कहीं गवा बैठा हूँ

ख़ामोशी के आगोश में जब कभी होता हूँ
क्या कहूँ तुमसे किस कदर तनहा होता हूँ ख़ामोशी के आगोश में जब कभी होता हूँ
क्या कहूँ तुमसे किस कदर तनहा होता हूँ

मुझको छू जाए जब खुशबु तेरे मन की
मन भी चाहे तो न एहसासों से जुदा ह

Sonia Thakur

ख़ामोशी के आगोश में जब कभी होता हूँ क्या कहूँ तुमसे किस कदर तनहा होता हूँ मुझको छू जाए जब खुशबु तेरे मन की मन भी चाहे तो न एहसासों से जुदा ह #yqbaba #yqdidi #yopowrimo #palsi

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ख़ामोशी के आगोश में जब कभी होता हूँ
क्या कहूँ तुमसे किस कदर तनहा होता हूँ

मुझको छू जाए जब खुशबु तेरे मन की
मन भी चाहे तो न एहसासों से जुदा हो पाता हूँ

न जाने कब तू आये गर्मी में ठंडी फुहार के जैसे
मद्धम दिए की लौ के जैसे
शीत में धुप की तपिश जैसे
बस लिपटा मैं तन्हाई से हर दफा रहता हूँ

ज़िक्र तेरा बहोत किया
रात की तन्हाई से
कभी महकी सी पुरवाई से
कभी सौंधी सौंधी मिट्टी की महक से
कभी बस जाने अनजाने अपनी परछाई से
बस इसिलए कोई पूछे तो बस मुस्कुरा देता हूँ

मुसाफिर हूँ मेरा क्या ठिकाना था
अब अनजान शहर में जो घर बना बैठा हूँ

उम्र यूँ गुज़र हो चली है
घर भी है, ठिकाना भी, 
बस दिल कहीं गवा बैठा हूँ

ख़ामोशी के आगोश में जब कभी होता हूँ
क्या कहूँ तुमसे किस कदर तनहा होता हूँ ख़ामोशी के आगोश में जब कभी होता हूँ
क्या कहूँ तुमसे किस कदर तनहा होता हूँ

मुझको छू जाए जब खुशबु तेरे मन की
मन भी चाहे तो न एहसासों से जुदा ह

Vandana

भीषण गर्मी में मेरा प्रेम बारिश की ठंडी फुहार है महसूस करके तो देखो रस की बयार है,,,,,,, मेरे हृदय से उमड़ते भाव को माखौल मत बना देना,,,,,,

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भीषण गर्मी में बारिश की ठंडी फुहार भीषण गर्मी में मेरा प्रेम बारिश की ठंडी फुहार है
महसूस करके तो देखो रस की बयार है,,,,,,,

मेरे हृदय से उमड़ते भाव को
माखौल मत बना देना,,,,,,

PAWAN SOLANKI

ठंडी-ठंडी #Gif

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बहुत ठंड है, 
आ जाइए हाथ सेकते है।✋🖐🤶 #gif ठंडी-ठंडी

Rashmi Vats

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Kanak Lata Jain

ठंडी ठंडी पुरवाई #शायरी

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