Find the Best travallingsoul Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos abouttrace mobile number current location with city, mobile number tracker with current location, how to track a mobile number, sanskrit to hindi translation, speed post tracking india for passport,
अशेष_शून्य
~© Anjali Rai हर प्रश्न का उत्तर "मौन" और हर युद्ध का विकल्प "शांति" स्वीकृत नहीं है ; ना ही होनी चाहिए । जब तक आप उस उद्देश्य को इस सृष्टि में स्थापित
हर प्रश्न का उत्तर "मौन" और हर युद्ध का विकल्प "शांति" स्वीकृत नहीं है ; ना ही होनी चाहिए । जब तक आप उस उद्देश्य को इस सृष्टि में स्थापित
read moreअशेष_शून्य
~©Anjali Rai किसी के आने का सुख समझ आता है पर जाने का दुःख क्यूं? यहां हर आने वाले का जाना तय है। ये भी तो संभव है कि वो कभी आया या
किसी के आने का सुख समझ आता है पर जाने का दुःख क्यूं? यहां हर आने वाले का जाना तय है। ये भी तो संभव है कि वो कभी आया या
read moreअशेष_शून्य
जीवन की वो हर अवस्था "सुखद" है , अद्भुत है, जिसमें आप खुद को जिंदा महसूस कर रहे हैं; भले ही वो कोई "पीड़ा" "विक्षोभ" या मन का अस्थिर "आवेग" ही क्यूं न हो।। ~©Anjali Rai #अशेष_शून्य #lifequotes YQ Sahitya #travallingsoul #flow #time
#अशेष_शून्य #lifequotes YQ Sahitya #travallingsoul #flow #Time
read moreअशेष_शून्य
(शेष अनुशीर्षक में ) ~©Anjali Rai प्यारे बच्चे, वैसे तो तुमने कई पत्र लिखे होंगे जिंदगी में लेकिन आज ज़िंदगी का एक पत्र तुम्हारे लिए है; तुम सोचोगे क्यूं ऐसा ? ऐसा क्यों तो मैं कहूंगी कि तुमने लिखे हैं ऐसी कई "कहानियां" जो अमिट हैं, शाश्वत हैं, धरोहर हैं साहित्य की और साहित्य मेरी...।। "जिंदगी मेरी हो या तुम्हारी इक कहानी ही तो है। जिसके सर्वश्रेष्ठ अदाकार तुम हो ।" यकीन मानो तुमसे बेहतर तुम्हारे किसी भी किरदार का वहन कोई और नहीं कर सकता ।
प्यारे बच्चे, वैसे तो तुमने कई पत्र लिखे होंगे जिंदगी में लेकिन आज ज़िंदगी का एक पत्र तुम्हारे लिए है; तुम सोचोगे क्यूं ऐसा ? ऐसा क्यों तो मैं कहूंगी कि तुमने लिखे हैं ऐसी कई "कहानियां" जो अमिट हैं, शाश्वत हैं, धरोहर हैं साहित्य की और साहित्य मेरी...।। "जिंदगी मेरी हो या तुम्हारी इक कहानी ही तो है। जिसके सर्वश्रेष्ठ अदाकार तुम हो ।" यकीन मानो तुमसे बेहतर तुम्हारे किसी भी किरदार का वहन कोई और नहीं कर सकता ।
read moreअशेष_शून्य
सहज़ता से कुछ "पाने" के लिए सहजता से "देना" भी होता है जो बहुधा ही "जटिल" है ; फ़िर चाहे वो "प्रेम" हो, घृणा हो, जीवन हो , या फ़िर "बलिदान" ; क्या ही फ़र्क है!!! -Anjali Rai #अशेष_शून्य #hindiwritings #yqhindi #yqaestheticthoughts #travallingsoul
अशेष_शून्य
और तुम्हारी प्रेमिका तो "अवधूत" है समय को भी रोक दे अपनी आंखो की पुतलियों के केंद्र में ; फ़िर ये रेखाएं क्या चीज हैं काल्पनिक ही तो हैं मिटा देंगे ये विभाजन की रेखाएं भी ।। - Anjali Rai (शेष अनुशीर्षक में) तुम्हें पता है जब भी इन अक्षांशीय रेखाओं को देखती हूं तो हथेलियों की रेखाओं सी लगती हैं; मानो विभाजन के लिए
तुम्हें पता है जब भी इन अक्षांशीय रेखाओं को देखती हूं तो हथेलियों की रेखाओं सी लगती हैं; मानो विभाजन के लिए
read moreअशेष_शून्य
"नदी" कुछ और नहीं जल की जीवन प्रवाहिनी है!! "एक यात्रा" जैसे मैं तुम्हारे "प्रेम"की , और तुम मेरे 'अंतर्मन' की; "एक अनंत यात्रा : :एक अविरत प्रवाह" -Anjali Rai🦋 जीवन प्रवाह.....❣️ #अशेष_शून्य #yqdidi #yqhindiquotes YQ Sahitya #yqaestheticthoughts #travallingsoul Best YQ Hindi Quotes
जीवन प्रवाह.....❣️ #अशेष_शून्य #yqdidi #yqhindiquotes YQ Sahitya #yqaestheticthoughts #travallingsoul Best YQ Hindi Quotes
read moreअशेष_शून्य
"सुनो ! मेरे अर्धनारीश्वर ...!!" (शेष अनुशीर्षक में ) स्त्री (प्रकृति) जब रोती है सिसकियों से धरती की छाती फटती है और दरारें मृत घाटी बन कर पूरी दुनिया को लीलने लगती है।
स्त्री (प्रकृति) जब रोती है सिसकियों से धरती की छाती फटती है और दरारें मृत घाटी बन कर पूरी दुनिया को लीलने लगती है।
read moreअशेष_शून्य
...© कानों में तुम्हारे मिश्रियां घोल दूं ; ठहरो ज़रा "ख़्वाब"! पलकों के पर्दे खोल दूं ।। ढलते नयनों से मोतियां बटोर लूं ; रुको ज़रा "अंतर्मन"!
कानों में तुम्हारे मिश्रियां घोल दूं ; ठहरो ज़रा "ख़्वाब"! पलकों के पर्दे खोल दूं ।। ढलते नयनों से मोतियां बटोर लूं ; रुको ज़रा "अंतर्मन"!
read moreअशेष_शून्य
तुम देना साथ मेरा ....!! (अनुशीर्षक में ....) मुझे आश्चर्य हो रहा है कि भूमि के सबसे कठोरतम भाग अपने अंतस में खड़े होने के पश्चात भी ये कैसा प्रलय है जो मुझे लीलने को आतुर है! ये कैसा चक्रवात है जो मुझे घेर रहा !
मुझे आश्चर्य हो रहा है कि भूमि के सबसे कठोरतम भाग अपने अंतस में खड़े होने के पश्चात भी ये कैसा प्रलय है जो मुझे लीलने को आतुर है! ये कैसा चक्रवात है जो मुझे घेर रहा !
read more