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Sad Generation
बताओ साली कितनी बेशर्म हैं घुंघराले बालों वाली रंडी ! You know what ! जिस दिन ऐसी औरतों को मेरे जैसा मिल गया न ! साली को नंगा करके मरूंगा ! #Videos
read moreBanipark Aala
White जमाने में वही लोग हम पर उंगली उठाते हैं जिनकी हमें छूने की औकात नहीं होती।” ©Banipark Aala जमाने में वही लोग हम पर उंगली उठाते हैं जिनकी हमें छूने की औकात नहीं होती।”#viral #trading #viralreels #tradingforex #trendingreels #10kview
जमाने में वही लोग हम पर उंगली उठाते हैं जिनकी हमें छूने की औकात नहीं होती।”viral #Trading #viralreels #tradingforex #trendingreels 10kview #मोटिवेशनल #Emotional_Shayari #jaibhim #motavitonal #10kviews #Nojotoshayeri✍️M
read moreShivkumar बेजुबान शायर
White कुछ यादें ही फकत को छोड़ जाएगा वो जिंदगी से जब रिश्ता को तोड़ जाएगा वो उछल बैठ जाता,ब्ख्वाबों सा कभी जो उन आंखों से रुख, मोड़ जाएगा वो खुद को कहता रहा, जिनका हमसफर उन ख्वाहिशों के पर,न्मरोड़ जाएगा वो साथ रहता कभी, जिनकी हर आह में आंख से आंसू उनके,न्निचोड़ जाएगा वो भर रहा ' शकुचंद्र ' , दिल में गुब्बार एक ये जज़्बात का घड़ा, फोड़ जाएगा वो ©Shivkumar #emotional_sad_shayari #Emotional #Emotionalhindiquotestatic #EmotionalHindi #Nojoto कुछ यादें ही फकत को छोड़ जाएगा वो जिंदगी से जब #रिश्
#emotional_sad_shayari #Emotional #Emotionalhindiquotestatic #EmotionalHindi कुछ यादें ही फकत को छोड़ जाएगा वो जिंदगी से जब रिश् #कविता #रिश्ता #आंसू #हमसफर #जज़्बात
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
चौपाई छन्द :- पीर पराई बनी बिवाई । हमको आज कहाँ ले आयी ।। मन के अपनी बात छुपाऊँ । मन ही मन अब रोता जाऊँ ।। चंचल नैनो की थी माया । जो कंचन तन हमको भाया ।। नागिन बन रजनी है डसती । सखी सहेली हँसती तकती ।। कौन जगत में है अब अपना । यह जग तो है झूठा सपना ।। आस दिखाए राह न पाये । सच को बोल बहुत पछताये ।। यह जग है झूठों की नगरी । बहु तय चमके खाली गगरी ।। देख-देख हमहूँ ललचाये । भागे पीछे हाथ न आये ।। खाया वह मार उसूलो से । औ जग के बड़े रसूलों से ।। पाठ पढ़ाया उतना बोलो । पहले तोलो फिर मुँह खोलो ।। आज न कोई उनसे पूछे । जिनकी लम्बी काली मूछे । स्वेत रंग का पहने कुर्ता । बना रहे पब्लिक का भुर्ता ।। बन नीरज रवि रहा अकाशा । देता जग को नित्य दिलाशा । दो रोटी की मन को आशा । जीवन की इतनी परिभाषा ।। लोभ मोह सुख साधन ढूढ़े । खोजे पथ फिर टेढे़ मेंढ़े । बहुत तीव्र है मन की इच्छा । भरे नहीं यह पाकर भिच्छा ।। राधे-राधे रटते-रटते । कट जायेंगे ये भी रस्ते । अपनी करता राधे रानी । जिनकी है हर बात बखानी । प्रेम अटल है तेरा मेरा । क्या लेना अग्नी का फेरा । जब चाहूँ मैं कर लूँ दर्शन । कहता हर पल यह मेरा मन ।। २४/०४/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR चौपाई छन्द :- पीर पराई बनी बिवाई । हमको आज कहाँ ले आयी ।। मन के अपनी बात छुपाऊँ । मन ही मन अब रोता जाऊँ ।। चंचल नैनो की थी माया । जो कंच
चौपाई छन्द :- पीर पराई बनी बिवाई । हमको आज कहाँ ले आयी ।। मन के अपनी बात छुपाऊँ । मन ही मन अब रोता जाऊँ ।। चंचल नैनो की थी माया । जो कंच #कविता
read moreHimanshu Prajapati
White Don't Judge Myself, I am शरीफ front of You, वरना उनसे पूछो जिनकी लाइफ में मै रंग भर देता हूं..! ©Himanshu Prajapati #Couple Don't Judge Myself, I am शरीफ front of You, वरना उनसे पूछो जिनकी लाइफ में मै रंग भर देता हूं..!
Manish Jakhmi
यकीनन कोई किसी से इतना क्रोधित भी हो सकता है,शायद कुछ ऐसे शख्स एक वक्त पर ऐसे भाव मन में दे जाते है जिनकी वजह से इस तरह के शब्द बाहर आते है। हालांकि जितने कठोर भाव अंत में उभर कर आते है वह संबंध भी उतना नाज़ुक एवम प्रिय होता है आरंभ में ©Manish Jakhmi यकीनन कोई किसी से इतना क्रोधित भी हो सकता है,शायद कुछ ऐसे शख्स एक वक्त पर ऐसे भाव मन में दे जाते है जिनकी वजह से इस तरह के शब्द बाहर आते है।
Pradeepika 9575189890
मै आज उनके लिए भी तकलीफ बन गया साहब । जिनकी सलामती के लिए हमेशा दुआ करता रहा ।। ©Pradeepika 9575189890 #मै आज उनके लिए भी तकलीफ बन गया साहब जिनकी सलामती के लिए हमेशा दुआ करता रहा
Mr chandel07
#wobaatein sach kahate Hain जो अच्छा इंसान होता है उसे भगवान बोला जाता है और जिनकी जोड़ियां अच्छी होती है उनके कान भरने वाले अलग कर देते हैं #mr_chandel #हॉरर #Mr_chandel07
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
Autumn ग़ज़ल :- हर तरफ दिख रहा बशर तन्हा । है सभी का ही अब सफ़र तन्हा ।। अब ज़रूरत नहीं किसी की मुझे गुफ्तगूं हो रही इधर तन्हा ।। कितने बेताब हैं वो मिलने को शाम जिनकी गई गुज़र तन्हा ।। तू उठा हाथ से अभी प्याले । फिर न होगी कभी डगर तन्हा ।। होश आया नहीं प्रखर को फिर । जब हुई ख्वाब से नज़र तन्हा ।। १८/०३/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- हर तरफ दिख रहा बशर तन्हा । है सभी का ही अब सफ़र तन्हा ।। अब ज़रूरत नहीं किसी की मुझे गुफ्तगूं हो रही इधर तन्हा ।। कितने बेताब हैं व
ग़ज़ल :- हर तरफ दिख रहा बशर तन्हा । है सभी का ही अब सफ़र तन्हा ।। अब ज़रूरत नहीं किसी की मुझे गुफ्तगूं हो रही इधर तन्हा ।। कितने बेताब हैं व #शायरी
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