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KP NEWS HD कंवरपाल प्रजापति समाज ओबीसी for the same for me ©KP EDUCATION HD  1. भारतीय सेना JCO और हविलदार भर्ती 2023 - अंतिम परिणाम जारी भारतीय सेना ने हाल ही में जूनियर कमीशन्ड ऑफिसर (धार्मिक शिक्षक) और हविलदार
Mukesh Poonia
किसी गलत रास्ते पर तेजी से दौड़ने से बेहतर है सही रास्ते पर धीरे-धीरे चलना... . ©Mukesh Poonia #cycle किसी #गलत #रास्ते पर तेजी से #दौड़ने से #बेहतर है सही रास्ते पर #धीरे-धीरे चलना...
N S Yadav GoldMine
श्री भगवान बोले- गान्धारी। उठो, शोक में मन को न डुबाओ पढ़िए महाभारत !! 🌅🌅 महाभारत: स्त्री पर्व षड़र्विंष अध्याय: श्लोक 1-18 {Bolo Ji Radhey Radhey} 📜 श्री भगवान बोले- गान्धारी। उठो, उठो। शोक में मन को न डुबाओ। तुम्हारे ही अपराध से कौरवों का विनाश हुआ है। तुम्हारा पुत्र दुर्योधन दुरात्मा, दूसरों से ईष्र्या एवं जलन रखने वाला और अत्यन्त अभिमानी था। दुष्कर्म परायण, निष्ठुर, वैर का मूर्तिमान स्वरूप और बड़े-बूढों की आज्ञा का उल्लंघन करने बाला था। 📜 तुमने उसको अगुआ बनाकर जो अपराध किया है, उसे क्या तुम अच्छा समझती हो? अपने ही किये हुए दोषों को यहां मुझ पर कैसे लादना चाहती हो? यदि कोई मनुष्य किसी मरे हुए सम्बन्धी, नष्ठ हुई वस्तु अथवा बीती हुई बात के लिये शोक करता है तो वह एक दु:ख से दूसरे दु:ख का भागी होता है, इसी प्रकार वह दो अनर्थों को प्राप्त होता है। 📜 ब्राहम्मणी तप के लिये, गाय बोझ ढाने के लिये, घोड़ी वेग से दौड़ने के लिये, शूद्र सेवा के लिये, वैष्य कन्या पषुपालन के लिये और तुम जैसी राज पुत्री युद्ध में लड़कर मरने के लिये पुत्र पैदा करती हैं। वैशम्पयानजी कहते हैं- जनमेजय। श्रीकृष्ण का दोबारा कहा हुआ वह अप्रिय बचन सुनकर गान्धारी चुप हो गयी उसके नेत्र शोक से व्याकुल हो उठे थे। 📜 उस समय धर्मज्ञ राजर्षि धृतराष्ट्र ने अज्ञान से उत्पन्न होने वाले शोक और मोह को रोककर धर्मराज युधिष्ठिर से पूछा- पाण्डुनन्दन। तुम जीवित सैनिकों की संख्या के जानकार तो हो ही। यदि मरे हुओं की संख्या जानते हो तो मुझे बताओ। युधिष्ठिर बोले- राजन। इस युद्ध में एक अरब छाछठ करोड़, बीस हजार योद्धा मारे गये हैं। 📜 राजेन्द्र। इनके अतिरिक्त चैबीस हजार एक सौ पैंसठ सैनिक लापता हैं। धृतराष्ट्र ने पूछा- पुरुषप्रवर। महाबाहू युधिष्ठिर। तुम तो मुझे सर्वज्ञ जान पड़ते हो; अतः यह तो बताओ कि वे मरे हुए सैनिक किस गति को प्राप्त हुए हैं। युधिष्ठिर ने कहा- जिन लोगों ने इस महा समर में वड़े हर्ष और उत्साह के साथ अपने शरीर की आहुति दी है, वे सत्य पराक्रमी वीर देवराज इन्द्र के समान लोकों में गये हैं। 📜 भारत। जो अप्रसन्न मन से मरने का निश्चय करके रणक्षेत्र में जूझते हुए मारे गये हैं, वे गन्धर्वों के साथ जा मिले हैं। जो संग्राम भूमि में खड़े हो प्राणों की भीख मांगते हुए युद्ध से विमुख हो गये थे; उनमें से जो लोग शस्त्र द्वारा मारे गये हैं, वे गुहकलोकों में गये हैं। 📜 जिन महामनस्वी पुरुषों को शत्रुओं ने गिरा दिया था, जिनके पास युद्ध करने को कोई साधन नहीं रह गया था, जो शस्त्रहीन हो गये थे और उस अवस्था में भी लज्जाशील होने के कारण जो रणभूमि निरन्तर शत्रुओं का सामना करते हुए ही तीखे अस्त्र-षस्त्रों से कट गये, वे क्षत्रीय धर्मपरायण पुरुष ब्रम्हलोक में गये हैं, इस विषय में मेरा कोई दूसरा बिचार नहीं है। 📜 राजन। इनके सिबा, जो लोग इस युद्ध की सीमा के भीतर रहकर जिस किसी भी प्रकार से मारे डाले गये हैं, वे उत्तर कुरूदेष में जन्म धारण करेंगे। धृतराष्ट्र ने पूछा- बेटा। किस ज्ञान वल से तुम इस तरह सिद्व पुरुषों के समान सब कुछ प्रत्यक्ष देख रहे हो। महाबाहो। यदि मेरे सुनने योग्य हो तो बताओ। ©N S Yadav GoldMine #Love श्री भगवान बोले- गान्धारी। उठो, शोक में मन को न डुबाओ पढ़िए महाभारत !! 🌅🌅 महाभारत: स्त्री पर्व षड़र्विंष अध्याय: श्लोक 1-18 {Bolo
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kumaarkikalamse
धीमी हो बेशक तुम्हारे चलने की गति जब ज़िंदगी दाव पर हो तो दुगुनी हो जाती है..! #kumaarsthought #kumaarwrites2022 #गति #speed #दौड़ने #दाव #kumaaronzindagi
kumaarkikalamse
प्रेम प्यारी कलम तुम हो तो सीख रहा हूँ, तुम हो तो मैं लिख रहा तुम रहना सदा मेरी आवाज़ बनके, तुम हो तो मैं दिख रहा कुमार ने अक्सर कलम को लिखा पर कुमार की कलम ने कुमार की कलम को ना लिखा तो आज का पूरा पत्र तुम्हारे नाम.. 'कुमार की कलम से कुमार की कलम को हाल - ए - दिल सुनाते हैं, थोड़ा बतियाते हैं..। तुम जानती हो सब, फिर भी कुछ सुनाता हूँ आओ करीब, तुम्हें कुमार का दिल दिखाता हूँ (पूरा पत्र अनुशीर्षक में) प्रेम प्यारी कलम तुम हो तो सीख रहा हूँ, तुम हो तो मैं लिख रहा तुम रहना सदा मेरी आवाज़ बनके,
Mahima Jain
नमस्कार 🙏🏻 आप सभी को होली की हार्दिक शुभकामनाएं।💐 जैसा कि हम सब जानते ही हैं की होली हसगुल्लो का त्यौहार भी है। इसी बात को ध्यान में रखते हु
Vandana
एक प्यारी नन्ही देवी स्वरूप कन्या नन्हे नन्हे कदमों से चली आ रही है। मासूम मुस्कान होठों में,,पैरों में आलता सजाए, माथे में लाल कुमकुम वो घर को जगमगाने आ रही है। फूलों से द्वार सजाया चौखट में रंगोली से आंगन में तुलसी पर दिया जगमगाया वो अठखेलियां करती हंसती खिलखिलाती ला रही है साथ ढेरों आशीर्वाद सूने जीवन को संगीत से भरने वीणा के तारों कि झनकार रंगों की फुहार बनके देखो घर को आ रही है ऋतु परिवर्तन नवरात्रि का आगमन परिवर्तन होता है मन मस्तिक शरीर में नयी कोंपले खिलती हैं नये विचार आते हैं उत्साह उमंग रग रग में दौड़ने लगता
Vandana
ये जीवन तो शुरू मासूमियत लिए होता, मां के गर्भ में आंखें मूंदे हुए नजाकत भरे हुए रहता, जन्म लेते हैं नरम गोद में आगमन में सब प्रसन्न होते,, मंद मुस्कान से हम सब को मोह लेते, नाजुक हाथ पैरों से बस कब खड़े होकर दौड़ने को आतुर रहते,, हर कोई तरसता है पकड़ने के लिए,, अनजान रहते दुनिया की ये सफर से,, "ना इल्म रहता की दुनिया में अब क्या-क्या झेला जाएगा,, "क्या क्या बवाल होंगे और क्या क्या झमेला आयेगा,, माँ का नरम आंचल का सफर कांटो से भरी रास्तों में चला जायेगा,, "मासूम बचपन से मां बाप भी रिझते,, "पूरा कैप्शन में पढ़े,,,!! यह जीवन तो शुरू मासूमियत लिए होता, मां के गर्भ में आंखें मूंदे हुए नजाकत भरे हुए रहता, जन्म लेते हैं नरम गोद में
Arunima Thakur
मंजिल (मौत) का पता है फिर भी कोई जीवन का सफर हॅसकर तय नहीं करता (कृपया पढ़े) 🙏🌺🙏🌺🙏 जीवन एक अजीब सफर है जिसकी मंजिल तय हैं फिर भी कोई जीवन का सफर हँस कर तय नहीं करता । जीवन खूबसूरत है, यह माना पर मौत बदसूरत कैसे हो सकती है ?