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मुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर *
White कभी कभी मन कितना भरा होता है शब्दों से, जैसे कोई सागर उमड़ता, बेचैन सा, व्याकुल सा बहुत कुछ कहने के लिए, मगर वो किनारा वो सही इंसान नही मिलता 😊 जिससे सब कुछ कह पाएं,जिससे कुछ न छिपे, जो आंखे भी पढ़े, और जो अनकहे शब्दों को भी सुन ले, जिससे कुछ कहने के बाद कोई पछतावा न हो, और मन भी हो जाए शांत,किसी शांत बहती नदी की तरह...! ©मुखौटा A HIDDEN FEELINGS #SAD कभी कभी मन कितना भरा होता है शब्दों से, जैसे कोई सागर उमड़ता, बेचैन सा, व्याकुल सा बहुत कुछ कहने के लिए, मगर वो किनारा वो सही इंसान नही
Nitu Singh जज़्बातदिलके
Sunil Kumar Maurya Bekhud
पर्वतों के बीच में नदी है मनोहर कल कल करती बह रही निरंतर निर्मल जल शीतल अथाह चंचल बदल रहा निज स्वरूप पल पल विह्वल हो निहारता अंबर छवि झांकता मेघों से इसको देखो रवि लज्जा भरी हुई प्रकृति आनंदित देख रहा है कवि होकर प्रसन्नचित ©Sunil Kumar Maurya Bekhud #नदी
gaTTubaba
इसमें गलत क्या हैं ? की पानी नदी का समंदर से जा मिला जिसका था उसी से जा मिला ये जो रुकावटें लगती हैं आखिर वो क्या हैं उसकी ज़िद के सामने वो ज़िद पे आया था तो ज़िद से जा मिला ©gaTTubaba #oddone इसमें गलत क्या हैं ? की पानी नदी का समंदर से जा मिला जिसका था उसी से जा मिला
@official_ankit_upp
मेने समुंद्र से सीखा है शांत रहने का हुनर। एक नदी के सुख जाने से समुंद्र खाली नहीं होते। 🤫❣️🎯 ©@official_ankit_upp जिंदगी समुंद्र सी बनाओ नदी सी नही #smundara #bachpan
VD GK STUDY
Sunil Kumar Maurya Bekhud
नदी बह रही है अविरल ध्वनि करती है कल कल वृक्ष खड़े हैं प्रहरी बनकर रक्षा करते हैं पल पल तट पर खड़े कतारों में बोल रहे हैं हम सबसे बेखुद तुम खिलवाड़ नहीं कर सकते करके हलचल ©Sunil Kumar Maurya Bekhud #नदी
Shivkumar
// नदी के किनारे// वे नदी के किनारे पड़े रहतें हैं बिना किसी मछली के सहारे | एक भी कभी अगर मछली मिले वे सभी को बस ताकते रहतें हैं | कभी मिली तो कभी नहीं भी कहीं नदी में हो या तालाब में न मिली तो जातें है | उन मछलियों की तलाश में बस एक वो मछुआरा ही तो रहता है | उनके हाथों से कभी नहीं निकली मछली | मछुआरों की जिंदगी ही वो मछली ही है ©Shivkumar #fisherman #fishing #Nojoto // नदी के किनारे// वे #नदी के किनारे पड़े रहतें हैं बिना किसी मछली के #सहारे |
N S Yadav GoldMine
अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ पर सुबह जल चढ़ाना चाहिए आइये विस्तार से जानिए !!🍋🍋 {Bolo Ji Radhey Radhey} वैशाख अमावस्या :- 🌿वैशाख का महीना हिन्दू वर्ष का दूसरा माह होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी माह से त्रेता युग का आरंभ हुआ था। इस वजह से वैशाख अमावस्या का धार्मिक महत्व और भी बढ़ जाता है। दक्षिण भारत में वैशाख अमावस्या पर शनि जयंती मनाई जाती है। धर्म-कर्म, स्नान-दान और पितरों के तर्पण के लिये अमावस्या का दिन बहुत ही शुभ माना जाता है। काल सर्प दोष से मुक्ति पाने के लिये भी अमावस्या तिथि पर ज्योतिषीय उपाय किये जाते हैं. वैशाख अमावस्या व्रत और धार्मिक कर्म :- 🌿प्रत्येक अमावस्या पर पितरों की मोक्ष प्राप्ति के लिए व्रत अवश्य रखना चाहिए। वैशाख अमावस्या पर किये जाने वाले धार्मिक कर्म इस प्रकार हैं. 🌿इस दिन नदी, जलाशय या कुंड आदि में स्नान करें और सूर्य देव को अर्घ्य देकर बहते हुए जल में तिल प्रवाहित करें। 🌿पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण एवं उपवास करें और किसी गरीब व्यक्ति को दान-दक्षिणा दें। 🌿वैशाख अमावस्या पर शनि जयंती भी मनाई जाती है, इसलिए शनि देव तिल, तेल और पुष्प आदि चढ़ाकर पूजन करनी चाहिए। 🌿अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ पर सुबह जल चढ़ाना चाहिए और संध्या के समय दीपक जलाना चाहिए। 🌿निर्धन व्यक्ति या ब्राह्मण को भोजन और यथाशक्ति वस्त्र और अन्न का दान करना चाहिए। पौराणिक कथा :- 🌿वैशाख अमावस्या के महत्व से जुड़ी एक कथा पौराणिक ग्रंथों में मिलती है। प्राचीन काल में धर्मवर्ण नाम के एक ब्राह्मण हुआ करते थे। वे बहुत ही धार्मिक और ऋषि-मुनियों का आदर करने वाले व्यक्ति थे। एक बार उन्होंने किसी महात्मा के मुख से सुना कि कलियुग में भगवान विष्णु के नाम स्मरण से ज्यादा पुण्य किसी भी कार्य में नहीं है। धर्मवर्ण ने इस बात को आत्मसात कर लिया और सांसारिक जीवन छोड़कर संन्यास लेकर भ्रमण करने लगा। एक दिन घूमते हुए वह पितृलोक पहुंचा। वहां धर्मवर्ण के पितर बहुत कष्ट में थे। पितरों ने उसे बताया कि उनकी ऐसी हालत तुम्हारे संन्यास के कारण हुई है। क्योंकि अब उनके लिये पिंडदान करने वाला कोई शेष नहीं है। यदि तुम वापस जाकर गृहस्थ जीवन की शुरुआत करो, संतान उत्पन्न करो तो हमें राहत मिल सकती है। साथ ही वैशाख अमावस्या के दिन विधि-विधान से पिंडदान करो। धर्मवर्ण ने उन्हें वचन दिया कि वह उनकी अपेक्षाओं को अवश्य पूर्ण करेगा। इसके बाद धर्मवर्ण ने संन्यासी जीवन छोड़कर पुनः सांसारिक जीवन को अपनाया और वैशाख अमावस्या पर विधि विधान से पिंडदान कर अपने पितरों को मुक्ति दिलाई। ©N S Yadav GoldMine #wholegrain अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ पर सुबह जल चढ़ाना चाहिए आइये विस्तार से जानिए !!🍋🍋 {Bolo Ji Radhey Radhey} वैशाख अमावस्या :- 🌿वैशा