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ਸੀਰਿਯਸ jatt
S.N.Mishra "isroulvi"
White घर में पापा जब किसी गलती पर मुझे डटाते है तो पीछे से एक आवाज आती है क्यों क्या हुआ, क्यों डाट रहें हैं ये शब्द सुनकर फिर जो मुझे माख (रोने से पहले की स्थिति)आती हैं ये आवाज होती है अपनी मां की, ये याद है अपनी मां की ****************************** उम्रदराज में मुझे अपने बचपन का एहसास होता है जब तक डांटने वाला भी, और क्यों डाट रहे हो,पूछने वाली मां भी होती हैं।। ©S.N.Mishra "isroulvi" मां की याद में #mothers_day
Shahrukh
हमे अब किसी का साथ नही चाहिए हम बस अकेले रहेना चाहते हैं लोग खेल के चले जाते हैं दिल से ©Shahrukh #boatclub याद प्यार की
Shahrukh
कुछ यादें हैं कुछ लम्हे हैं कुछ लोग हैं कुछ बदे हैं लेकिन फिर भी हम अकेले हैं ©Shahrukh #boatclub याद प्यार की
HARSH369
मन कि व्यथा मन ही जाने, ना तुम जान सको न मैं जानू क्या मन करवाये क्यू करवाये ये मन ना तुम जान सको ना हि मैं जानू.. बेधड़क बोलता हूं,बेखौफ बोलता हूं रिस्तो के बन्धन को कान्टों पर तोलता हूं जिसके पास जितना पैसा, उसी कि सरकार है बाकि बेकारो के लिये बेकार परिवार है,..! बाकि ये सब क्यूं बनाया भगवान ने ना तुम जान सके ना हि मैं जानू..! मन की व्यथा..मन हि जाने..!! ©SHI.V.A 369 #मन की व्यथा..!! #कविता मन की
Sanjeev Kumar
BeHappy नही जानता तुमसे कैसा रिश्ता है तुमसे मिल के दिल झूम उठता है ©Sanjeev Kumar #beHappy सुबह की याद
Sanjeev Kumar
काश की कोई सुबह ऐसा आए तुम मेरे साथ हो और एक एक चाय हो जाए 🌹 ©Sanjeev Kumar #GingerTea चाय की स्वाद महबूब की याद
paritosh@run
पापा की परियों पर खूब चुटकुले चलते हैं, पर कभी आपने सोचा है बेटियों को अपने ही माता पिता से मिलने वाले प्रेम को इतना glorify क्यो करने की जरूरत पड़ती है। बेटों को क्यो कभी ये साबित नहीं करना पड़ता कि वो अपने माता पिता के कितने दुलारे हैं? जवाब है कि उनको सदियो से ही जन्म से अधिकार और प्यार मिला है। घी का लड्डू टेढो मीठ जिनके लिए कहा गया हो उन्हें अपनी उपयोगिता साबित करने की जरूरत ही क्या है। वह लायक हो तब तो अच्छा है ही, पर यदि वह शराबी, जुआरी, बलात्कारी, हत्यारा, लुटेरा हो तब भी अंत में उसके हाँथ की मुखाग्नि पाकर माता पिता को स्वर्ग मिल जाता है। तमाम ग्रन्थ, व्रत, उपवास, प्रतीक पुत्र होने को अलौकिक और अदभुद सिद्ध करने में जुटे हैं। कुछ माता पिता जो कहते हैं " हम तो लड़का लड़की में कोई भेद नहीं करते" उनसे अगर कोई सम्पति में हिस्सा देने की बात कर दे तो उनकी परम्परा और संस्कृति खतरे में आ जाती है। वो दो बीघा जमीन बेच कर लड़की की शादी तो कर देंगे, लेकिन 1 बीघा बेच कर न उनको पढ़ा पाएंगे, न उनके नाम कर पाएंगे। आज भी बेटियां अपने ही अधिकारों से वंचित हैं तो इसके जिम्मेदार जितना समाज है उतना ही उनके माता पिता भी हैं। ©paritosh@run पापा की परी.