Nojoto: Largest Storytelling Platform

New पुच्छल तारा परिकल्पना Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about पुच्छल तारा परिकल्पना from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, पुच्छल तारा परिकल्पना.

    PopularLatestVideo

SarkaR

White आसमान से इतना 
दिल ना लगाना दोस्त!

अभी अभी एक तारा
टूटते देखा है हमने!

©SarkaR #तारा

ADITYA GAURAW

वो तारा नहीं, वो सूरज था। #SushantSinghRajput #Poetry

read more

Devesh Dixit

#टूटा_हुआ_तारा #दोहे #nojotohindipoetry #nojotohindi टूटा हुआ तारा (दोहे) टूट रहा तारा कहे, कैसी मुझसे आस। मैं गिरा खुद ऊपर से, कौन रहा ह #Poetry #sandiprohila

read more

Internet Jockey

जो तुम्हारे दिल का चाँद है न वो अपनी माँ की आँख का तारा भी है moon quotes In Hindi #Quotes

read more
जो तुम्हारे दिल का चाँद है न
वो अपनी माँ की आँख का तारा भी है

©Internet Jockey जो तुम्हारे दिल का चाँद है न
वो अपनी माँ की आँख का तारा भी है
moon quotes In Hindi

Internet Jockey

तारा टूट भी जाए तो नीचे नहीं गिरता, गिरती हैं नदियाँ सागर में, पर सागर कभी दरिया में नहीं गिरता #Quotes

read more
तारा टूट भी जाए तो नीचे नहीं गिरता, 
गिरती हैं नदियाँ सागर में, पर
सागर कभी दरिया में नहीं गिरता

©Internet Jockey तारा टूट भी जाए तो नीचे नहीं गिरता, 
गिरती हैं नदियाँ सागर में, पर
सागर कभी दरिया में नहीं गिरता

Devesh Dixit

#चूमकर_अपने_वतन_की_मिट्टी #nojotohindi #nojotohindipoetry चूमकर अपने वतन की मिट्टी चूमकर अपने वतन की मिट्टी, हिंद की रक्षा को वह चला। धू #Poetry #sandiprohila

read more

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल वो सभी तो धनी से मिलते हैं । वो कहाँ आदमी से मिलते हैं ।।१ #शायरी

read more
ग़ज़ल

वो सभी तो धनी से मिलते हैं ।
वो कहाँ आदमी से मिलते हैं ।।१
रात दिन की बेकसी से मिलते हैं ।
फिर नहीं वो किसी से मिलते हैं ।।२
यार सागर समझ ले तू उनको ।
आजकल वो सभी से मिलते हैं ।।३
क्या उन्हें हम समझ ले अब कान्हा ।
इस तरह जो बासुरी से मिलते है ।।४
जाने क्या हो गया सनम को अब ।
आजकल बेरुखी से मिलते हैं ।।५
वो दिखाकर गये हमें तारा ।
लौटकर हम तुम्ही से मिलते हैं ।।६
ख़्व़ाब आकर चले गये सारे ।
अब गले हम ख़ुदी से मिलते हैं ।।७
अब कहीं और जी नहीं लगता ।
चल उसी जलपरी से मिलते हैं ।।८
यूँ तो घड़ियां गुजार दूँ तुम बिन ।
डर है की ज़िन्दगी से मिलते हैं ।।९
बीवियाँ अब नहीं सँवरती घर ।
चल खिली फिर कली से मिलते हैं ।।१०
प्यार में इस तरह प्रखर पागल ।
छोड़ जग गृहिणी से मिलते हैं ।।११

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल


वो सभी तो धनी से मिलते हैं ।

वो कहाँ आदमी से मिलते हैं ।।१

priyanka yadav

Heart # वेद # तमाशा# तारा # जिंदगी

read more

Praveen Jain "पल्लव"

#ramsita परिकल्पना सब औछी है आदर्श मुँह छिपाता है #nojotohindi #कविता

read more

Krishna Singhaniya

चलते रहेंगे काफ़िले, मेरे बगैर भी यहाँ...!!! एक तारा टूटने से, कभी आसमान सूना नहीं होता...! #Poetry

read more
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile