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KP EDUCATION HD
KP GK SAGAR GK questions in Hindi video short ©KP STORY CREATOR 🌎 भूगोल से सम्बन्धित सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर 🔰 प्रश्न 1 – भारत में सर्वाधिक वर्षा वाला स्थान मासिनराम किस र
Sarita Shreyasi
मेरी आँखों के स्याह घेरे, दुनिया को दूर से दिख जाते हैं, रंगों से नहायी नज़र तुम्हारी, बस उनसे ही बच जाते हैं। मेरी आँखों के श्याम वलय दुनिया को दूर से दिख जाते हैं, रोशनी से नहायी नज़र तुम्हारी, बस उनसे ही बच जाते हैं। #yqdidi#yqbaba#aankhein
Ratan Singh Champawat
सत्य के साथ प्रयोग ✍️✍️✍️✍️✍️ शेष अनु शीर्षक में पढ़े ♦️♦️अनुभूति के आंगन से♦️♦️ 💓 कुछ स्पंदन 💓 जागा था भाव एक दिन मुझ में भी कि जीवन ऊर्जा का उपयोग करूं और मैं भी सत्य के साथ कुछ प्रयोग
Divyanshu Pathak
4. देवी कूष्मांडा और संख्या - षष्ठ ( 6 ) --------------------------------- माता शैलपुत्री (9) आरम्भ से अनन्त, ब्रह्मचारिणी (8) अंक से जीवन का पोषण , माता चन्द्रघण्टा (7) से सृष्टि के कौतूहल और चमत्कारों के रुप में दर्शन कर चुके हैं। आज देवी दर्शन का चौथा दिन है दुर्गे मैया के चौथे स्वरूप को कूष्मांडा कहते हैं।वे ऋतुओं की स्वामिनी हैं और हमारे देश की भौगोलिक परिस्थितियों के कारण यहाँ 6 ऋतुयें होती हैं। ऋतुओं के अनुसार मुख्य फ़सल भी 6 ही हैं। सनातन परंपरा के अनुसार शास्त्रों को षड्दर्शन ( सांख्य, योग, न्याय, वैशेषिक, पूर्व-मीमांसा और उत्तर मीमांसा ) कहते हैं। भगवान सूर्य की उपासना भी छठ को की जाती है। शिशु को प्रथम बार दुग्धपान छठवें दिन कराया जाता है।छठी का दूध याद दिलाने का तात्पर्य भी यही है। हमारे शरीर में होने वाली घटनाओं का पूर्वाभास छठी इन्द्रिय से ही होता है। हीरे की आकृति भी षट्कोण वलय होती है। इंद्र के वज्र में भी 6 कोण हैं।योग और उपासना में भी षट्चक्रों ( मूलाधर, स्वाधिष्ठान, मणिपूरक, अनाहत, विशुद्ध और आज्ञा ) का विशेष महत्व है। भ्रमर 6 पाँव होने के कारण षडपद कहलाते हैं। साहित्यिक कृतियों में 6 पदों वाले छंद (गीत-छंद) का ख़ास स्थान हैं। तो आओ माता कूष्मांडा के साक्षात दर्शन करते हैं। कैप्शन पढ़ें---- 4. देवी कूष्मांडा और संख्या - षष्ठ ( 6 ) --------------------------------- माता शैलपुत्री (9) आरम्भ से अनन्त, ब्रह्मचारिणी (8) अंक से जीवन क
अशेष_शून्य
ओ क्षितिज ! तुम पर्याय हो व्यापकता के ; सौंदर्य की पूर्णता के ! अवनी अंबर दोनो तुम्हारे हिस्से में हैं; लिखा जीवन तुम्हारे हर किस्से में है। कल्पना का जीवंत समन्वय, प्रकृति का एकांत वलय। याद रखना सदा सब समाहित है तुम में ; तुम सब में समाहित हो ।। ~©Anjali Rai— % & Dedicating a #testimonial to Kumar Kshitij ओ क्षितिज ! तुम पर्याय हो व्यापकता के ; सौंदर्य की पूर्णता के ! अवनी अंबर दोनो तुम्हारे हिस्से
Author kunal
ईश्वर होना क्या है भौतिक संसार का ज्ञान , आध्यात्मिक सत्य या शून्य अर्थात प्रेम । पूरी कविता पढ़े नीचे 👇 (मनुष्य ) अपना अस्त्वित्व जान कर भी ईश्वर मान लेना कोई विचित्र कोई असत्य तो नहीं हलांकि ये धारणा एक युगल प्रेमी प्रेमिकाओं में अधिक पाया
Darsh
नीरवता के आँगन में शब्दों से परे मौन से परे स्पर्श से भी परे भावों के स्पन्दन के वलय इक छोर तो मिला मुझ में... दूसरा छोर मिला... तुझ में?! आत्मिक सा तूं 18/366 #366days366quotes #writingresolution #yqdidi #yqhindi #yqbhaijan #आत्मिक #स्पन्दन -वलय #हिंदी
Vikas Sharma Shivaaya'
✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 "रक्षा बंधन पर केवल हमें अपनी ही नहीं अपितु हर स्त्री की रक्षा का वचन लेना चाहिए ,सभी देशवासियों को इस पावन पुनीत पर्व की हार्दिक बधाइयाँ " जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की रक्षाबंधन ना केवल हिन्दुओं का बल्कि इंसानियत का महत्वपूर्ण पर्व है, जो भारत के कई हिस्सों में मनाया जाता है. भारत के अलावा भी विश्व भर में जहाँ पर हिन्दू धर्मं के लोग रहते हैं, वहाँ इस पर्व को भाई बहनों के बीच मनाया जाता है. इस त्यौहार का आध्यात्मिक महत्व के साथ साथ ऐतिहासिक महत्त्व भी है...,भाई बहन का यह त्यौहार प्रति वर्ष हिन्दू पचांग के अनुसार श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता हैं..., जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की दैत्यों और देवताओं के मध्य होने वाले एक युद्ध में भगवान इंद्र को एक असुर राजा, राजा बलि ने हरा दिया था. इस समय इंद्र की पत्नी सची ने भगवान विष्णु से मदद माँगी. भगवान विष्णु ने सची को सूती धागे से एक हाथ में पहने जाने वाला वयल बना कर दिया. इस वलय को भगवान विष्णु ने पवित्र वलय कहा. सची ने इस धागे को इंद्र की कलाई में बाँध दिया तथा इंद्र की सुरक्षा और सफलता की कामना की. इसके बाद अगले युद्द में इंद्र बलि नामक असुर को हारने में सफ़ल हुए और पुनः अमरावती पर अपना अधिकार कर लिया. यहाँ से इस पवित्र धागे का प्रचलन आरम्भ हुआ. इसके बाद युद्द में जाने के पहले अपने पति को औरतें यह धागा बांधती थीं. इस तरह यह त्योहार सिर्फ भाइयों बहनों तक ही सीमित नहीं रह गया..., जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की अगर असल मायने में इसे मनाना हैं तो इसमें से सबसे पहले लेन देन का व्यवहार खत्म करना चाहिये. साथ ही बहनों को अपने भाई को हर एक नारी की इज्जत करे, यह सीख देनी चाहिये. जरुरी हैं कि व्यवहारिक ज्ञान एवम परम्परा बढे तब ही समाज ऐसे गंदे अपराधो से दूर हो सकेगा..., आखिर में एक ही बात समझ आई की रक्षाबंधन का यह त्यौहार मनाना हम सभी के हाथ में हैं और आज के युवा वर्ग को इस दिशा में पहला कदम रखने की जरुरत हैं. इसे एक व्यापार ना बनाकर एक त्यौहार ही रहने दे. जरूरत के मुताबिक अपनी बहन की मदद करना सही हैं लेकिन बहन को भी सोचने की जरुरत हैं कि गिफ्ट या पैसे पर ही प्यार नहीं टिका हैं. जब यह त्यौहार इन सबके उपर आयेगा तो इसकी सुन्दरता और भी अधिक निखर जायेगी...! अपनी दुआओं में हमें याद रखें बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ....सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ....! 🙏सुप्रभात 🌹 आपका दिन शुभ हो विकास शर्मा'"शिवाया" 🔱जयपुर -राजस्थान 🔱 प्रार्थना :उस परमपिता परमेश्वर से एक ही प्रार्थना🙏है की वैसे तो हमेशा के लिए ही पर कम से कम आज और कल इस रक्षाबंधन के पावन -पवित्र -पूजनीय पर्व पर कोई भी माँ -बहन -बेटी -बहू -किसी की इंसान रुपी जानवर की हैवानियत का शिकार ना बने .. 🙏 ©Vikas Sharma Shivaaya' ✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 "रक्षा बंधन पर केवल हमें अपनी ही नहीं अपितु हर स्त्री की रक्षा का
प्रदीप खोडदे
आम्हावरी तुमच्या आशिर्वादाचे वलय असेच राहो जसे सुर्य चंद्र तारे अक्षय. अक्षय तृतीयेच्या हार्दिक शुभेच्छा.
Devanand Jadhav
चारोळी २१/७... धुक्याच्या पुंजक्यात इवले गाव हरवले त्याला शोधावयाला सूर्यकिरण धावले ✍🏻© •देवानंद जाधव• jdevad@gmail.com 989280013 ©Devanand Jadhav सकाळी सकाळी जेंव्हा सर्वत्र धुके पसरलेले असते, तेंव्हा श्वेत शाल पसरलेली दिसते. शुभ्रच्छादित धुक्याच्या वलयांव्यतिरिक्त काहीच दिसत नाही. झाड