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Ramveer Gangwar

छंद का प्रकार: विधाता


मुझे हर बार चाहत में, संभलना रोज आता है
उसे जब भी मनाता हूं, जमाना रूठ जाता है
किसी शतरंज सियासत का पियादा सा मुझे समझो
पनाहो में पहुंच कर भी, दिलो को जीत जाता है #विधाता

CalmKazi

हर वक़्त की एक वजह,
हर वजह का एक सवाल;
हर सवाल का एक समय,
हर समय होता बवाल।
हर बवाल का एक हिसाब,
हर हिसाब का एक ख़ाता;
हर ख़ाते का एक रखवाला,
हर रखवाले का एक विधाता।
 विधाता

#CalmKaziWrites #YQBaba #YQDidi #विधाता #हिंदी

zakikhanactor

#आई हो दादा कईसन पियवा के चरितर बा #लव

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DR. LAVKESH GANDHI

विधाता # विधाता -तू -हमारा -है # yqgodyqgodlove#

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विधाता 

विधाता का ये खेल है कैसा 
कभी कोई है राजा तो कभी रंक 
हरपल नहीं रहता है कभी भी
किसी का जीवन एक समान  #विधाता #
#विधाता -तू -हमारा -है #
#yqgod#yqgodlove#

Dev Singh

विधाता #krishna_flute

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Deepak Sharma

त्राहिमाम विधाता #बात

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रूप गजानन धर के तेरा नाश करेगा
 "गजवंशज"
ज्यों मानवता का नाश करें तू, 
तेरा भी विनाश करेगा गजवंशज

लज्जित मानवता आज लज्जित वो विधाता है
क्यों रचा संसार ये मैने सोच के वो पछताता है त्राहिमाम विधाता

Sunita

#Shiv विधाता #विचार

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Anamika Gupta

विधाता छंद गीत

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Ayush kumar gautam

भारत भाग्य विधाता

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भारत भाग्य विधाता
एक दूसरों खुद में ही बस लड़ना है आता
मजहब का नहीं बैर किसी से
हर शख्स ये बात भूल जाता
चौक चौराहों सामूहिक स्थानों पर ही असली भारत नजर आता
घर की दहलीज पर कदम रखते ही हिंदु मुस्लिम दलित सवर्ण तो कोई पिछडा़ है बन जाता
राह चलते ठंड महसूस हुई तो बिना जाति पूंछे पंडित जी ने गर्म चाय पिला दी
भूखा हूं चेहरे से ही झलकता था तो मुल्ला जी ने खिचडी़ खिला दी
मंदिर गया तो बिन पैसे लिये पंडित जी ने तिलक लगाया माथे पर
बुखार चढा़ था बच्चे को फूंक डलवायी मुल्ला जी के हाते पर
भारत भग्य विधाता है
देखो नेता कैसे अपने स्वार्थ में हमें आपस में लड़वाता है
सभी की जुबान पर रटी है ये बात फिर भी कोई समझ नहीं पाता है
कैसे नफरत करूं मुस्लिम से बडी़ अम्मी ने बचपन में अपने हाथों से चटनी रोटी खिलायीं थी
जाति मेरी जानकर भी पंडिम मैम ने बहती नाक मेरी पुंछायी थी
आग लगी थी घर में मेरे तब पंडित मुस्लिम साहू यादव सबने मिलकर बुझायी थी
मार रहा था जब पागल दीपक मुझको तब वजीर भाई ने जान मेरी बचाई थी
भारत भाग्य विधाता है ये कौन हमें भड़काता है
सीने में फिजूल ही आग नफरत की भर जाता है
माना शोएब हनीफ फरीद से गलती हुई थी 
बीमार पडा़ था बिस्तर पर जब सबसे पहले फरीद ही दौड़कर हाल पूंछने आता है
दानिश ने पीटा था मुझको बचपन में असगर मामा उसकी अम्मी से मेरे लिये भिड़ जाता है
देखकर मजा आ गया था कैसे सबक उन्हे सिखाता है
भारत भाग्य विधाता है
मुन्ना चाचा ने मेरा बिजली का तार काटता है
मां ने मेरी अकेले ही हल्ला उसके घर पर बोल दिया कोई मुस्लिम एकता दिखाने को आगे नहीं आता है
पापा नास्तिक थे लेकिन सबके कहने पर अमीरुल गोद में अपनी मस्जिद तक ले जाता है
गणित सिखायी कुरमी ने ज्ञान दिया अमूल्य पंडित अध्यापकों ने जाति जानकर भी कोई मुझे अपनी कोचिंग से नहीं भगाता है
सबके बराबर एहसान हैं मुझपर किसी एक शुक्रिया नहीं बोल पाता हूं
कविता अभी समाप्त नहीं हुई कहानी अभी अधूरी है ये कह मैं लौटकर आता हूं
भारत भाग्य विधाता है

आयुष कुमार गौतम की कलम से भारत भाग्य विधाता

Red_Words

विधाता का खेल । #Life_experience

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विधाता का खेल

 प्राणी श्रेष्ठ ! 
तेरे हाथों में
 कुछ भी नहीं। 
क्यूंकि
 जो कुछ हुआ है,
हो रहा है और 
जो कुछ होगा
 वो सब
 उस विधाता का
 रचाया हुआ एक खेल है । 
इसलिए उसके 
इशारों का
 अनुसरण करते हुए 
निरन्तर जीवन पथ पर चलता रह । ©®
*_________जीत चम्बयाल*
*(मौलिक,स्वरचित, अप्रकाशित)* विधाता का खेल ।
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