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राम लला समरस्ता
हम होंगे कामयाब (डरना नहीं है, लड़ना है) ********************************* इक्किस दिन तक आज से, घर में रहिए बंद, मिलकर करना है हमें, कोरोना को मंद । तोड़ सके यदि हम सभी, कोरोना की चैन, दुनिया मानेगी हमें, जग का सूपरमैन । हे दुर्गे, नवरात्रि में, कर दे ऐसा खेल, थम जाएं इस देश में,कोरोना की रेल। हर हिंदुस्तानी जगे, जागे हिंदुस्तान, आओ मिलकर बचा लें, दुश्मन से इंसान। धर्म-जाति सब छोड़ दो,सहकर थोड़ा क्लेश। अपने घर में बैठिए, तभी बचेगा देश। लक्ष्मण रेखा खिंची है,लांघ न जाना आप, वरना रावण खड़ा है, दे जाएगा ताप । आज परिक्षा की घड़ी, संयम रखो सुजान, हारेगा हर कोरोना,जीतेगा इंसान। सुरेश मिश्र सटल त गईल बेटा
Ashraf Fani【असर】
इसबार आओगे तो दुल्हन तुम्हें बना दूँगा चाँद की टिकुली माथे पर सजा दूँगा सुना है दुनिया चाँद पे जा पहुंची है क्या करना चाँद पे जाके, चाँद को ही ज़मीं पे ला दूँगा चाँद की टिकुली माथे पे सजा दूँगा ©Ashraf Fani【असर】 इसबार आओगे तो दुल्हन तुम्हें बना दूँगा चाँद की टिकुली माथे पर सजा दूँगा सुना है दुनिया चाँद पे जा पहुंची है क्या करना चाँद पे जाके, चाँद
Er Mayank Sharma
तेरी जुल्फों का वो हवा में लहरना, तेरे अधरों की लाली का चमकना, तेरी नज़रो से ब्रह्म श्री का चलना, मेरे सीने को घायल करके लौटना। गज़ब हो गया रे बाबा गज़ब हो गया। तेरे चेहरे पे वो लटों का फिसलना, तेरी आँखों मे काजल का चमकना, तेरी पायल के घुंघरु का खनकना मेरा,तेरे अधूरे प्यार को तरसना, गज़ब हो गया रे बाबा गज़ब हो गया। तेरे माथे पर लगी टिकुली का चमकना, तेरे जूड़े में लगे गजरे का महकना, तेरे आनन की वाणी का चहकना, हमारे ह्रदय में तेरी तस्वीर का बनना गज़ब हो गया रे बाबा गज़ब हो गया। वो तेरा चोरी चोरी नज़रो से ताकना, यूं हमारे दिल मे बार बार झांकना, वो तेरा अपने मुकाम तक पहुचना, फिर हमें अकेला छोड़ के चले जाना, गज़ब हो गया रे बाबा गज़ब हो गया तेरी जुल्फों का वो हवा में लहरना, तेरे अधरों की लाली का चमकना, तेरी नज़रो से ब्रह्म श्री का चलना, मेरे सीने को घायल करके लौटना। गज़ब हो गया र
Sangeeta Patidar
भाग - 2 -संगीता पाटीदार कृपया कहानी अनुशीर्षक में पढ़ें.. 'हाय रे होली', भाग - 2, आगे की कहानी... उसका गिड़गिड़ाता हुआ स्वर, आर्त क्रंदन, मानसिक वेदना और साथ में रोने के कारण अटकती साँसों से ऐसा स्व
Savita Jha
भाग - 3 आगे की कहानी अनुशीर्षक में पढ़े I प्रणिपात! हमारी टीम, 'होली की ठिठोली', आज आपको इस दिये गए शीर्षक पर अपने शब्दों में एक बेहतरीन रचना लिखनी है, जो "हाय रे होली" नामक शीर्षक
savita Jha
भाग - 3 आगे की कहानी अनुशीर्षक में पढ़े I प्रणिपात! हमारी टीम, 'होली की ठिठोली', आज आपको इस दिये गए शीर्षक पर अपने शब्दों में एक बेहतरीन रचना लिखनी है, जो "हाय रे होली" नामक शीर्षक