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N S Yadav GoldMine

#RABINDRANATHTAGORE महाभारत: स्‍त्री पर्व षोडष अध्याय: श्लोक 22-43 {Bolo Ji Radhey Radhey} 📚 उन महामनस्वी वीरों के सुवर्णमय कवचों, निष्को #पौराणिककथा

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amit. up61

कायम चूर्ण 😆😆😆😆😆😆😆😆😆 #Comdey #Comic #lovr #कॉमेडी

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atrisheartfeelings

बहुत मेहनत के बाद यह चिन्ह तैयार किया हैं अतः आप से निवेदन हैं कि आप इसे हर students से सहभागिता करें...*✍🏻✍🏻✍🏻 1) + = जोड़ #yqbaba #Collab #yqdidi #ananttripathi #atrisheartfeelings

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कुछ महत्वपूर्ण बातें ....

Please read in caption.... बहुत मेहनत के बाद यह चिन्ह तैयार किया हैं अतः आप से निवेदन हैं कि आप इसे हर students से सहभागिता करें...*✍🏻✍🏻✍🏻             
1)  +   =  जोड़

Aushadhi Bazaar (औषधीबाज़ार)

शादी शुदा पुरुषों के फ्री What'sApp हेल्थ टिप्स group में शामिल होने के लिए click👇 करें https://chat.whatsapp.com/J6m0MpYqjg9GO2rEanFDUj स #कामुकता

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Insprational Qoute

देखती हूँ जिंदगी के उस छोर में वो आवारगी के दौर में, रहते थे मजे के शोर में, वो हसीन जिंदगी के खूबसूरत लड़कपन के किस्से, अब चढ़ती उम्र में नह #बचपन #yqdidi #hkkhindipoetry #यकहिन्दी #अभिव्यक्ति_challange

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देखती हूँ जिंदगी के उस छोर में
वो आवारगी के  दौर में,
रहते थे मजे के शोर में,
वो हसीन जिंदगी के खूबसूरत लड़कपन के किस्से,
अब चढ़ती उम्र में नही हैं इस जवानी के हिस्से,
सुबह सुबह उठ कर दोस्तों संग मस्ती,
अलग ही जमती थी अपनी गपशप की बस्ती,
क्या क्या खेल हमने थे खेलें ,न कोई खास थे जिंदगी के झमेले ,
वो चवन्नी वो अठ्ठनी एक रुपये में भरते थे चीजो से पन्नी,
वो लाल ,काली चूर्ण, वो पान पराग की टॉफी,
चाय का ही नाम सुना था समझ से बाहर थी कॉफी,
वो बर्फ की जूसी, रंग बिरंगी कुल्फ़ी चूसी,
 बर्फ के गोले से लाल होंठ करते थे,बचपन की लिपस्टिक के मजे लेते थे,
गर्मी की छुट्टियों में ने नानी के घर जाना और पढ़ाई को करते थे दरकिनार,
दिन भर घूमते,, होते थे मस्ती की कस्ती में सवार,
Part-1
 देखती हूँ जिंदगी के उस छोर में
वो आवारगी के  दौर में,
रहते थे मजे के शोर में,
वो हसीन जिंदगी के खूबसूरत लड़कपन के किस्से,
अब चढ़ती उम्र में नह

AK__Alfaaz..

#ज़िन्दगानी_मे_कुछ_यूँ_भी हमारी यह रचना.. मशहूर शायर और पत्रकार "अब्दुल मजिद सालिक"(1894-1959) के अद्भुत व सुंदरतम् उर्दू शब्दों पर आधारित ह #yqbaba #yqdidi #yqquotes #hindiurdupoetry #yqthoughts #yqsahitya

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चराग़-ए-ज़िन्दगी तो होगी पर फ़रोंज़ाँ अपनी ये रूठी ज़िन्दगानी न होगी ।
आयेंगी फ़स्ल-ए-बहाराँ साल भी मुबारक होंगे पर अब कोई कहानी न होगी ।।

ये तक़्दीर-ए-आलम भी मेरे बाद तुम्हारे हवाले मेरे हमसफर हमनशीं साथियों ।
फ़रोग़-ए-बज़्म-ए-इम्काँ तुम्ही से है साथियों अब तो ये साँस भी कल मेरी न होगी ।।

जिओ मेरे मुल्क के नौ-जवानों देखो तुम्हीं ये हसीं आतिशें ज़ुल्फ़-ए-जानाँ की ।
हम तो अपने आखिरी सफर पर हैं इन सँवरते गेसू-ए-दौरान अब ये रूह न होगी ।।

टूटकर जब तक बिखरेगी हस्ती नहीं ये हमारी निकलेगा कल वो आफ़ताब कैसे ।
जबीन-ए-दहर पर पिघलेंगी अफ़्शाँ तूलू-ए-मेहर होगी हरतरफ बस ये जाँ न होगी ।।

सुन ऐ 'अल्फाज' माज़ी तेरा मुस्तक़बिल वज़ूद बन के बैठा है अब तेरे सामने यहाँ ।
कि जिस दिन जगमगाएगा शबिस्ताँ तेरी मुनव्वर से यहाँ सब तो होंगे पर धड़कन न होगी ।।

 #ज़िन्दगानी_मे_कुछ_यूँ_भी 
हमारी यह रचना.. मशहूर शायर और पत्रकार "अब्दुल मजिद सालिक"(1894-1959) के अद्भुत व सुंदरतम् उर्दू शब्दों पर आधारित ह

Anupama Jha

#yqdidi #रावण #रावण (एक सोच ) मैं रावण "न भूतो न भविष्यति" यह मेरा अभिमान

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मैं रावण
"न भूतो न भविष्यति"
यह मेरा अभिमान

(पूरी कविता अनुशीर्षक में) #yqdidi #रावण

#रावण
(एक सोच )

मैं रावण
"न भूतो न भविष्यति"
यह मेरा अभिमान

vasundhara pandey

प्रवर्त्तमान श्री ब्रह्मा के द्वितीय परार्द्ध में श्री श्वेतवाराह कल्प, वैवस्वत मन्वन्तर के अठ्ठाईसवें कलियुग के प्रथम चरण में, जम्बूद्वीप

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नव संवत्सरं शुभं भवेत्। प्रवर्त्तमान श्री ब्रह्मा के द्वितीय परार्द्ध में 
श्री श्वेतवाराह कल्प, वैवस्वत मन्वन्तर के अठ्ठाईसवें कलियुग के प्रथम चरण में, जम्बूद्वीप

Divyanshu Pathak

:😊💐💕☕🍧 तेरे इश्क़ से मीठा कुछ भी नही न शहद न सीरा न शक़्कर ! :😊😊😊 बुद्धि सदा बाहरी ज्ञान पर आश्रित रहती है। भीतर का ज्ञान कभी प्रकट ही नहीं हो

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मन महगा महगा मनका है
तन माटी माटी मोल बिके !
इस तन के ग्राहक लाखों हैं
कोई मन का ना खरीदार दिखे ! :😊💐💕☕🍧
तेरे इश्क़ से मीठा कुछ भी नही
न शहद न सीरा न शक़्कर !
:😊😊😊
बुद्धि सदा बाहरी ज्ञान पर आश्रित रहती है। भीतर का ज्ञान कभी प्रकट ही नहीं हो

Divyanshu Pathak

😊🍉💕💕🍫🍫☕☕ गडतुम्बी का चूर्ण लेना पड़ेगा 😂😂😂😂😊🍉🍉💕🍫जलेबियों के साथ ! आज दिल दिमाग़ काम नहीं कर रहे ..... तुम्हारे करेले का जूस ही देदो !😂😂🍸🍸🍸🍸

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एक रम्य वाटिका में बैठे थे कपोत युग्म 
न कोई चाह थी न कोई डाह थी न कोई सुविधा की दुविधा विचार में
इस दीन दुनियां से दूर थोड़ी देर काश पक्षी होना होता मेरे अधिकार में ! 😊🍉💕💕🍫🍫☕☕ 
गडतुम्बी का चूर्ण लेना पड़ेगा 
😂😂😂😂😊🍉🍉💕🍫जलेबियों के साथ ! 
आज दिल दिमाग़ काम नहीं कर रहे .....
तुम्हारे करेले का जूस ही देदो !😂😂🍸🍸🍸🍸
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