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"Kumar शायर"
एक जरुरी सुचना, कोरोना महामारी के कारण अगर किसी व्यक्ति का अपने गृह स्थान पर निरन्तर विश्राम करने से उस व्यक्ति के शरीर में किसी भी प्रकार की पीड़ा उतपन्न हो रही है, तो वह व्यक्ति अपने निकटम चौराहे पर खुले वातावर्ण में पुलिस द्वारा लगाए गए शिविरों पर जा कर, अपने शरीर और गालो की मसाज करा सकते है, यह सेवा सभी के लिए बिलकुल निशुल्क है, जो कोई इस्थानीए निवासी इस सेवा का लाभ उठाना चाहते है, तो यह सेवा भारत सरकार और राज्य सरकार के अथक प्रयासों और पुलिस के समस्त कार्य सदस्यों के द्वारा बिलकुल निशुल्क प्रदान की जा रही है, इच्छुक नागरिक इस सेवा का जल्द से जल्द लाभ उठाए, यह याचिका जनहित में जारी, रचना निर्माता :- उमेश कुमार #कोरोना याचिका
#कोरोना याचिका
read moreEr.Mahesh
कोई भी धर्म भगवान ने नही बनाया है, सभी इंसान ने बनाए हैं क्योंकि सभी धर्मों में भगवान की उत्पत्ति दिखाई है मतलब भगवान के उत्पन्न होने से पहले व्यक्ति का जीवन अतः इंसान द्वारा बनाए गए धर्म में गलती होना संभव हो सकता है धर्म समाज से जुड़ा अहम हिस्सा है यदि आप धर्म के प्रति सुधारात्मक सोच रखते हो तो समाज को भी सुधार सकते हो, कभी भी किसी भी धर्म की गलत नीतियों को अपने ऊपर हावी मत होने दो हमेशा किसी कार्य को अपने बुद्धि विवेक से खरा उतरने पर ही करो ,ना कि किसी धर्म की विवसता के कारण तभी आप सुखमय जीवन जी सकते है ©Er.Mahesh #धर्म में सुधारात्मक सोच #BuddhaPurnima2021
#धर्म में सुधारात्मक सोच #BuddhaPurnima2021 #विचार
read moreShubham Bhardwaj
आँखों की नींद चुरा ले जाते हो। बड़े बेवफा हो तुम,हर बार दगा दे जाते हो।। ©Shubham Bhardwaj बजट#बजट#2023#सुधारात्मक#विचारात्मक#
बजटबजट2023सुधारात्मकविचारात्मक# #सस्पेंस
read moreKamlesh Gupta Nirala
ग्रंथ हो या साहित्य सुधारात्मक प्रक्रिया के अनुसार अद्यतन होता ही रहता है साथ ही उनसे जुड़ी बातों पर आलोचनाओं का होना स्वभाविक है,आलोचना सुधार की हीं एक प्रक्रिया है । आलोचना तथ्यों के आधार पर तर्क संगत होनी चाहिए। कोई भी साहित्यिक ग्रंथ ना तो शाश्वत हैं और ना हीं अंतिम सत्य उनपर शोध एवं संसोधन होना चाहिए। ©Kamlesh Gupta Nirala ग्रंथ हो या साहित्य सुधारात्मक प्रक्रिया के अनुसार अद्यतन होता ही रहता है साथ ही उनसे जुड़ी बातों पर आलोचनाओं का होना स्वभाविक है,आलोचना स
MANJEET SINGH THAKRAL
पहले #PMOIndia फिर #SBI ने #PMCaresFund की सूचना देने से मना किया अब केंद्र ने मुंबई हाई कोर्ट से कहा कि पीएम केयर फंड के संबंध में #RTI याच
पहले #pmoindia फिर #sbi ने #PMCaresFund की सूचना देने से मना किया अब केंद्र ने मुंबई हाई कोर्ट से कहा कि पीएम केयर फंड के संबंध में #RTI याच #nojotophoto #Life_experience
read morekavi manish mann
तारीख पर तारीख बदलते देखा है, उस मां को एक ही जन्म में कई बार मरते देखा है। ऐसे वकीलों को जीने का नहीं अधिकार, जो पैसे की लालच में ज़मीर बेचता है। समय पर न्याय न हो तो वो अन्याय हो जाता है।ऐसे अन्याईयों को भी फांसी दो जो इनका सपोर्ट करते हैं वकील और कई बड़ी हस्तियां जो इन्हे बचा रहीं ह
समय पर न्याय न हो तो वो अन्याय हो जाता है।ऐसे अन्याईयों को भी फांसी दो जो इनका सपोर्ट करते हैं वकील और कई बड़ी हस्तियां जो इन्हे बचा रहीं ह #yqdidi #yqquotes #निर्भया #जस्टिस_फ़ॉर_निर्भया #yqnirbhaya
read moreSURAJ आफताबी
यूं सर - ए - मैदान - ए - विग़ा दिल का लगाना नहीं अच्छा और दस्तूर है रज़्म-ए-निगाह में निगाह चुराना भी नहीं अच्छा कभी दाम-ए-अशर्फी,कभी सुकुं-ए-कलेवर पर बिकती है जवानियां बड़ी रंगीन जहरीली आबो-हवा है, यूं पै उठा बाहर जाना नहीं अच्छा जो सिर बड़े उठ रहे हक़ को, उन्हें काटने की तालीम हुई है हुक़ुक़-उल-इबाद का यूं जुबां का हिलाना नहीं अच्छा सुन ओ मेहरुन्निसा जरा सलीके से खोला करो अपने अब्सारों की मधुशाला अपने हालात - ए - खस्त दीवाने को यूं रोज-ब-रोज पिलाना नहीं अच्छा तिरी भी चर्चा हो रही तलवारों की नोक पर, मिरे इश्क़ के किस्सों में भी मची हलचल ज़माने की ख्वाहिश हुई है, तिरा मुझे बुलाना नहीं अच्छा, मिरा आना नहीं अच्छा और भी संगीन मुद्दे हैं निहां आंचल-ए-मखलूक में 'आफताबी' सिर्फ़ तेरा मोहब्बत का ही फ़साना सुनाना नहीं अच्छा ग़ज़ल 😊 सर-ए-मैदान-ए-विग़ा -- युद्ध के मैदान के बीच रज़्म-ए-निगाह -- नजरों की लड़ाई दाम-ए-अशर्फी -- सिक्कों/पैसों के दाम पर सुकुं-ए-कलेवर
ग़ज़ल 😊 सर-ए-मैदान-ए-विग़ा -- युद्ध के मैदान के बीच रज़्म-ए-निगाह -- नजरों की लड़ाई दाम-ए-अशर्फी -- सिक्कों/पैसों के दाम पर सुकुं-ए-कलेवर #Zindagi #yqbaba #gazal #Deepthoughts #yqdidi #yqbhaijan #surajaaftabi
read moreDivyanshu Pathak
मैं अपने देश को निजी हित से हमेशा ऊपर रखूंगा। किसी भी तरह के अपराध धार्मिक भेदभाव, जातिवाद भ्रष्टाचार में कभी भी सहयोगी नहीं बनूंगा। विरासत, अभिभावक और प्रकृति का हमेशा सम्मान करूंगा। समाज और देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए पहल करूंगा। :💕👨Good morning ☕☕☕🍫🍉💕🍧🍨🍀🐤🍨👨🐒Hv a beautiful monday ! : सुबह सुबह उठते ही अपनी फोटो लेकर देखिए कहीं काजल ने आपका मुह काजल की कोठरी तो नहीं कर
:💕👨Good morning ☕☕☕🍫🍉💕🍧🍨🍀🐤🍨👨🐒Hv a beautiful monday ! : सुबह सुबह उठते ही अपनी फोटो लेकर देखिए कहीं काजल ने आपका मुह काजल की कोठरी तो नहीं कर
read moreMANJEET SINGH THAKRAL
देश के इतिहास में ये पहला ऐसा दौर है... जब रोटी, कपड़ा, मकान और रोजगार की बात करने वालों को "#देशद्रोही" कहा जाने लगा है। अब देश की जनता को तय करना है कि "देशद्रोही" कौन है वो जो आपके के हको के लिए लड़ रहे है या वो जो देश को धर्म - जाति, नफरत के द्वारा बांट देना चाहते है और अंधत्व धारण करवा कर चंद पैसे वाले रसूखदार लोगो का गुलाम बना देना चाहते है। सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका इस पर भी लगाई जानी चाहिए कि किसी भी व्यक्ति को ये अधिकार किसने दिया कि वो देश के किसी भी नागरिक की देशभक्ति और निष्ठा पर बिना वजह उंगली उठाये (वो भी केवल इसलिए क्योंकि वो सत्ता के गलत फैसलों और आम नागरिक के हितों के लिए आवाज़ उठा रहा है) और उसे "देशद्रोही" , "पाकिस्तानी", "खालिस्तानी", "आतंकवादी", "नक्सली" आदि जैसे शब्दों से संबोथित करे।। #जयहिंद #जयभारत।। ©MANJEET SINGH THAKRAL देश के इतिहास में ये पहला ऐसा दौर है... जब रोटी, कपड़ा, मकान और रोजगार की बात करने वालों को "#देशद्रोही" कहा जाने लगा है। अब देश की जनता को
देश के इतिहास में ये पहला ऐसा दौर है... जब रोटी, कपड़ा, मकान और रोजगार की बात करने वालों को "#देशद्रोही" कहा जाने लगा है। अब देश की जनता को #विचार #जयहिंद #जयभारत #LostInCrowd
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