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POET PRATAP CHAUHAN

#तन्मय आमोद प्रमोद का पता नहीं, मैं मचल गया गम पी कर के | हर लम्हा मेरा गुजर गया, इस तन्हाई में बहकर #कविता

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LOVE YOUR ATTITUDE #तन्मय       
    
आमोद प्रमोद का पता नहीं,
मैं मचल गया गम पी कर के |
             हर लम्हा मेरा गुजर गया,
              इस तन्हाई में बहकर

Abhishek 'रैबारि' Gairola

हलवा घी में भुनती, रेत सी महीम सूजी की मर्म चुम्बन करती, भीमी मीठी सुगंध, संयत निशा समीर पे सवार हो कर अपनी प्रचंड तीक्ष्णता से हर अवरोध तो

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हलवा

घी में भुनती, रेत सी महीम सूजी की मर्म चुम्बन करती, 
भीमी मीठी सुगंध,
संयत निशा समीर पे सवार हो कर अपनी प्रचंड तीक्ष्णता से
हर अवरोध तोड़,
सघन बाधाओं को भेद,
प्रमादित द्वारों के प्रत्यक्ष लापरवाह विवरों से, 
या झरोखों की झीनी, जंग खाई, कमज़ोर
धातुज चादरों से, प्रवेश लेकर,
घ्राण के मृदुल नथूनों को
गुदगुदाती, सहलाती, निज उर में छितर जाती, 
कुछ इस मानिंद कि मन मानसरोवर में उत्सव मचा हो जैसे, 
उपलक्ष में जिसके स्वयं आमोदेश्वर ने
मिष्टामृत रचा है आज कोई।

©Abhishek 'रैबारि' Gairola हलवा

घी में भुनती, रेत सी महीम सूजी की मर्म चुम्बन करती, भीमी मीठी सुगंध,
संयत निशा समीर पे सवार हो कर अपनी प्रचंड तीक्ष्णता से
हर अवरोध तो

Rakesh frnds4ever

आमोद में उन्मोद में #सुख चैन की #अाशा में #जीवन की परिभाषा में #दुख चिंता के घेरे में #दुनिया के अंधेरे में #मनुष्य रूपी दैत्य के #साइंस द्व #समाज #प्रकृति #पर्यावरण #AdhureVakya

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प्रकृति की गोद में आमोद में उन्मोद में
सुख चैन की अाशा में
जीवन की परिभाषा में
दुख चिंता के घेरे में
दुनिया के अंधेरे में
मनुष्य रूपी दैत्य के
साइंस द्वारा प्रकृति के 
कत्ले आम में
जननी जन्मभूमि 
धरती मां के खूनी
 काली खोपड़ी के 
कपटी दिमाग के मायाजाल में....
पर्यावरण को 
दूषित कर मार रहे 
भ्रमित कर,, विकास की चारों ओर
 लहरे मारती अतायधिक भयावह ,
अंधाधुंध दौड़ में
मनुष्य आज शैतान बन 
मार रहा है 
जन्म देने वाली धरती मां 
को खेल कर प्रकृति की गोद में,,....




rkysky frnds4ever आमोद में उन्मोद में
#सुख चैन की #अाशा में
#जीवन की परिभाषा में
#दुख चिंता के घेरे में
#दुनिया के अंधेरे में
#मनुष्य रूपी दैत्य के
#साइंस द्व

Naresh Chandra

फिक्र प्रियतम की ❤❤❤❤ घनघोर तिमिर मे पवन वेग दिल की धड़कन बढ़ाने लगी स्वीकृति नहीं दूंगी तुम को तुम जिद न करो यूँ जाने की। अंधकार जरा छंटने त #लक्ष्मीनरेश #दिल_की_आवाज़

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फिक्र प्रियतम की
❤❤❤❤
घनघोर तिमिर मे पवन वेग 
दिल की धड़कन बढ़ाने लगी
स्वीकृति नहीं दूंगी तुम को
तुम जिद न करो यूँ जाने की।
अंधकार जरा छंटने तो दो
सूर्य किरण  खिलने तो दो
हर तिमिर  दूर हो जायेगा
पावन प्रकाश पड़ने तो दो।
मधु मिश्रित वाणी लेकर
जब कोयल गीत सुनायेगी
अपनी   सुगंधित   वायु से
बगिया को खूब महकायेगी।
मैं हंसी  खुशी  जाने दूंगी
अपना कर्तव्य निभाने दूंगी
वापस आ जाने तक साजन
ड्योढ़ी पर ही खड़ी मिलूंगी।
आमोद, प्रमोद मे भटक कहीं
चंगुल मे फसंना न प्रियतम
मैं बाट जोहती दरवाजे पर ही
खड़ी मिलूंगी तुमको प्रियतम।
लक्ष्मीनरेश..

©Naresh Chandra फिक्र प्रियतम की
❤❤❤❤
घनघोर तिमिर मे पवन वेग 
दिल की धड़कन बढ़ाने लगी
स्वीकृति नहीं दूंगी तुम को
तुम जिद न करो यूँ जाने की।
अंधकार जरा छंटने त

कवि राहुल पाल 🔵

#khushnaseeb जब हद से हम गुजरे तो ,कहीं वो बदनाम न हो जाये , डरते है उन्हें पाने की कोशिश,कहीं नाकाम न हो जाये । खुशनसीब होते है वो,जिन #Nojotochallenge #nojotopoetry #nojotohindi #शायरी #nojotoquotes #nojotoapp #nojotonews #nojotohindishayari

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ख़ुशनसीब होते है वो,  जब हद से हम गुजरे तो ,कहीं वो बदनाम न हो जाये ,
  डरते है उन्हें पाने की कोशिश,कहीं नाकाम न हो जाये ।
 खुशनसीब होते है वो,जिनके इश्क़ के मसलें नही यारों ,
   अब तो उनकी यादों से मुलाकात में सुबह-शाम हो जाये ।।
★●★●★●★
 हृदय आमोद करे जब , उनकी नज़रे मेहरबान हो जाये ,
  उन मुरझाए फूलों से पूंछो तब हर कली जवान हो जाये । 
  उनकी चाहत का ये आलम है ,जफ़ा भी अब वफ़ा लगती ,
    गर अश्क़ रोकूँ न आंखों से तो मोहब्बत बदनाम हो जाये ।। #khushnaseeb 
 जब हद से हम गुजरे तो ,कहीं वो बदनाम न हो जाये ,
  डरते है उन्हें पाने की कोशिश,कहीं नाकाम न हो जाये ।
 खुशनसीब होते है वो,जिन

रजनीश "स्वच्छंद"

सिकन्दर रोता है।। क्यूँ आज समंदर रोता है, मुंह ढांक ये अंदर रोता है। किस हार का डर है मन मे बसा, जो आज सिकन्दर रोता है। विजय पताका गाड़ धरा #Poetry #kavita

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सिकन्दर रोता है।।

क्यूँ आज समंदर रोता है,
मुंह ढांक ये अंदर रोता है।
किस हार का डर है मन मे बसा,
जो आज सिकन्दर रोता है।

विजय पताका गाड़ धरा,
क्या मिला नहीं क्या छूट रहा।
क्या आस लगाए बैठा था,
पल पल भर्रा जो टूट रहा।

नीयति मोड़ वो आया था,
संतोष विजय का रहा नहीं।
मन हारे ही मन की हार रही,
किस्सा ये किसी ने कहा नहीं।

है काल-सर्प का दंश अमोघ,
विष चढ़ा जो फिर ये उतरता नहीं।
ये मूषक नहीं दीमक भी नहीं,
कतरा कतरा ये कुतरता नहीं।

है दम्भ अविलम्ब यौवन छूता,
बालक शैशव का बोध नहीं।
बस धन जीता नर जीता नहीं,
वैभव तो रहा आमोद नहीं।

हर एक सिकन्दर से कह दो,
कभी दया पराजित नही रही।
ये मनुज भाव मनुहार विधा,
अपयश से शापित नहीं रही।

काम क्रोध और तम-वृति,
मानव जीवन परिहार्य रही।
दया भाव श्रृंगरित आत्मा,
हर एक युग मे अनिवार्य रही।

नर हो जो नर का भाव पढ़े,
वो किस्सा ही अमर होता है।
किस हार का डर है मन मे बसा,
जो आज सिकन्दर रोता है।

©रजनीश "स्वछंद" सिकन्दर रोता है।।

क्यूँ आज समंदर रोता है,
मुंह ढांक ये अंदर रोता है।
किस हार का डर है मन मे बसा,
जो आज सिकन्दर रोता है।

विजय पताका गाड़ धरा

अभि "एक रहस्य"

खगों की दुनिया में इंसान बेचारा, पिंजरे में बंद है आज इंसान बेचारा, ये है इंसानो का चिड़ियाघर, खगों के आमोद-प्रमोद का सहारा, पिंजरे में

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इंसानो का चिड़ियाघर
( Read in caption) — % & खगों की दुनिया में इंसान बेचारा, 
पिंजरे में बंद है आज इंसान बेचारा, 
ये है इंसानो का चिड़ियाघर, 
खगों के आमोद-प्रमोद का सहारा, 
पिंजरे में

Abhishek Mishra

खगों की दुनिया में इंसान बेचारा, पिंजरे में बंद है आज इंसान बेचारा, ये है इंसानो का चिड़ियाघर, खगों के आमोद-प्रमोद का सहारा, पिंजरे में

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इंसानो का चिड़ियाघर
( Read in caption) — % & खगों की दुनिया में इंसान बेचारा, 
पिंजरे में बंद है आज इंसान बेचारा, 
ये है इंसानो का चिड़ियाघर, 
खगों के आमोद-प्रमोद का सहारा, 
पिंजरे में

ashutosh anjan

जीवन और मृत्यु (चिंतन) -------------------------------------------------- प्रख्यात कवि श्री कुंवर नारायण जी की कविता के कुछ पंक्ति से मैं इस #yqdidi #yourquotedidi #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #विशेषप्रतियोगिता #kkpc16 #आशुतोष_अंजान

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जीवन और मृत्यु(चिंतन)
कैप्शन 👇 में पढ़े। जीवन और मृत्यु (चिंतन)
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प्रख्यात कवि श्री कुंवर नारायण जी की कविता के कुछ पंक्ति से मैं इस

कवि राहुल पाल 🔵

शीर्षक- स्वप्न (कल्पना या हक़ीक़त ) क़लमकार -कवि राहुल पाल दिनाँक - २५ मई २०२० nojoto #nojotohindi #nojotonews आपका जीत (दिल जीत) Taransh A

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•●★ KRP ★●• शीर्षक- स्वप्न (कल्पना या हक़ीक़त )
क़लमकार -कवि राहुल पाल
दिनाँक - २५ मई २०२०
#nojoto #nojotohindi #nojotonews 
 आपका जीत (दिल जीत)  Taransh A
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