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marathi kavita ©Jk https://youtu.be/dqw3xuTrzL4?si=r54kFHAtEhBVHrgX बंध रेशमाचे मराठी कविता Plz watch on YouTube also Share comment & also subscribe my YouTu
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aaj_ki_peshkash
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वंदना ....
🙏🙏🙏 🌹🌹🌹 ©वंदना .... #आज महानायक #डॉ_बाबासाहेब_आंबेडकर इनके जयंती निमित्त सबको बहुत-बहुत ..अभिवादन ...🙏🙏🙏 .. मराठी [.शिखा संगठित हुआ संघर्ष करा ] यह उनका मूल
Santosh Jangam
Chandrawati Murlidhar Gaur Sharma
हमारी नियति है। कभी शून्य से आगे बढ़ ही नहीं पाए , जब भी हमने सोचा की शायद अब नियति मे कुछ बदलाव आया होगा तो तभी कुछ ऐसा होता है की फिर उसी मोड़ पर आकर खड़े हों जाते हैं। कभी कभी तो लगता है अपने हाथ पैर मारना ही छोड़ दे ताकि कुछ पल सुकून के तो मिल सके पर यह भीं इसे मंजूर नहीं होता है, फिर कोई न कोई राह दिखा कर फिर उसी मोड़ पर ले आती है। ना यह चेन से जीने देती है और ना मरने देती है। जब तकलीफ़ का दौर देखा और अपने आप को कोसने लगे तो फिर इसे शख्स को सामने लाकर खड़ा कर देगी। जो हमसे भीं ज्यादा तकलीफ़ मे होगा, उसे देख कर और उनकी तकलीफ़ को सुनकर उनके लिए प्रार्थना करने के लिए अपने आप भगवान के आगे उठ जाते हैं। और आंखो में अश्रु भर जाते हैं। बस और बस केवल उनकी ही पीड़ा मन में रहती है। जब हाथ पकड़ कर कहती हूं सब ठीक हों जायेगा। तो वो जैसे ही ठीक हों जाता था। तो हमे भूल जाता है। और मन में एक ठीस सी उठती है। हमें दुःख किस बात का हुआ वो भूले इस कारण यां उनकी पीड़ा हमारे अंदर आ गई उसके कारण.. समझ नहीं आता की नियति क्या खेल खेलती है। हमारा मन एक कोरा कागज़ है उसपर हर तरह के रंग भर देती है। चाहें हमें पसंद हों यां नहीं। बस भरे जा रहीं हैं, भरे जा रही है। जो देखेगा तो उसका अलग ही मत होगा। कोई अपनी अलग ही राय कायम करेगा। पर इन सब के बीच में पिसता पेपर हैं। अगर रंग अच्छे भरे तो सुंदर चित्र उभर कर आयेगा और उसे साथ ले जायेगा। और किसी को पसंद नहीं आया तो कचरे के डिब्बे में फेका जायेगा, तब वो स्याही भीं ख़राब तो उस पेन की चुबन और वो पेपर भीं ख़राब हों जायेगा। और बाद में हमारी नियति भीं ख़राब बता दी जायेगी क्योंकि सबसे बड़ी कलाकार हमारी नियति है और हम वो प्लेन पेपर है, और दुःख, सुख, शांति, पीड़ा, संघर्ष रूपी कलम सभी हमारी नियति है। और शून्य से बढ़े तो शून्य में ही विलीन हों गए। ©Chandrawati Murlidhar Gaur Sharma #aaina हमारी नियति है। कभी शून्य से आगे बढ़ ही नहीं पाए , जब भी हमने सोचा की शायद अब नियति मे कुछ बदलाव आया होगा तो तभी कुछ ऐसा होता है की
N S Yadav GoldMine
भगवान राम को विष्णु के सबसे महत्वपूर्ण अवतारों में से एक माना जाता है:- जानिए और रोचक कथा !! 🌱🌱{Bolo Ji Radhey Radhey} मर्यादा पुरुषोत्तम राम:- 🌌 भगवान राम या श्री रामचंद्र भगवान विष्णु के सातवें अवतार हैं। वह हिंदू महाकाव्य रामायण के मुख्य पात्र हैं, जिन्होंने लंकापति रावण का वध किया था और उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम राम के नाम से जाना जाता है। राम हिंदू धर्म के कई देवताओं में से एक हैं और विशेष रूप से वैष्णव धर्म के लोग राम की को ही परमेश्वर मानते हैं। उनके जीवन पर आधारित धार्मिक ग्रंथ और शास्त्र दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया की कई संस्कृतियों में एक प्रारंभिक घटक रहे हैं। कृष्ण के साथ, राम को विष्णु के सबसे महत्वपूर्ण अवतारों में से एक माना जाता है। श्रीराम का जन्म कथा:- 🌌 राजा दशरथ की 3 पत्नियाँ थीं, कौशल्या, कैकेयी और सुमित्रा। अपनी तीनों पत्नियों से संतान पाने में असफल रहने के बाद, उन्होंने पुत्रकामेष्टि यज्ञ (पुत्रों को जन्म देने के लिए किया जाने वाला अनुष्ठान) किया। इससे, अनुष्ठान के अंत में खीर का एक बर्तन प्राप्त किया गया था। कहा जाता है कि कौशल्या ने इसे एक बार लिया और राम को जन्म दिया, कैकेयी ने एक बार भरत को जन्म दिया और सुमित्रा ने इसे दो बार लिया और इसलिए उन्होंने लक्ष्मण और शत्रुघ्न को जन्म दिया। इसी से अयोध्या के राजकुमारों का जन्म हुआ। भगवान राम की एक बड़ी बहन, शांता, दशरथ और कौशल्या की बेटी थी। जय श्री राम जी:- मर्यादा पुरुषोत्तम राम की पत्नी और पुत्र:- 🌌 हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष के महीने में शुक्ल पक्ष के पांचवें दिन भगवान राम का विवाह सीता से हुआ था। भगवान राम और उनकी पत्नी सीता के दो जुड़वां बेटे लव और कुश थे। ऐसा माना जाता है कि भगवान राम की मृत्यु के बाद, यह उनके बड़े बेटे कुश थे, जिसे नया राजा बनाया गया था। श्राम के नाम का मतलब:- 🌌 कहा जाता है कि भगवान राम का नाम रघु वंश के गुरु वशिष्ठ महर्षि द्वारा दिया गया था। उनके नाम का एक महत्वपूर्ण अर्थ था, क्योंकि यह दो बीज अक्षरों से बना था - अग्नि बीज (रा) और अमृत बीज (मा)। जबकि अग्नि बीज ने उनकी आत्मा और शरीर को महत्वपूर्ण बनाने के लिए सेवा की और अमृत बीज ने उनको सारी थकान से उबार दिया। 🌌 पुराणों में लिखा है कि दुष्ट रावण को हराने के बाद, राम ने अपने राज्य अयोध्या पर 11,000 वर्षों तक पूर्ण शांति और समृद्धि का शासन किया। 🌌 कहा जाता है कि एक बच्चे के रूप में, भगवान राम ने एक बार अपने खिलौने को चंचलता से फेंक दिया और इसने मन्थरा की पीठ पर चोट की। मंथरा ने कैकेयी के माध्यम से अपना बदला लिया और भगवान राम को 14 साल के वनवास पर भेज दिया। मृत्यु के समय हनुमान को भेज दिया था नागलोक:- 🌌 कहा जाता है कि श्रीराम ने मृत्यु के वक्त हनुमान को अलग करने के लिए अपनी अंगूठी को फर्श में आई दरार में डाल दिया था और हनुमान जी से उसे लाने के लिए कहा था। जब हनुमान नीचे गए तो वह नागों की भूमि में पहुंच गए और राजा वासुकी से राम की अंगूठी मांगी। राजा ने उन्हें एक अंगूठियों के विशाल पहाड़ को दिखाते हुए कहा कि वह अंगूठी ढूंढ लें। जब बजरंगबली ने पहली अंगूठी उठाई वह भी श्री राम की थी और बाकी सभी श्रीराम की ही थी। तब राजा वासुकी ने उन्हें समझाया कि जो भी पृथ्वीलोक पर आता है उसे एक दिन सबकुछ छोड़कर जाना ही पड़ता है। भगवान विष्णु के 1000 नामों में से 394वां नाम है:- राम. 🌌 भगवान राम का जन्म इक्ष्वाकु वंश में हुआ था, जिसकी स्थापना भगवान सूर्य के पुत्र राजा इक्ष्वाकु ने की थी। इसीलिए भगवान राम को सूर्यवंशी भी कहा जाता है। विष्णु सहस्रनाम नामक पुस्तक में भगवान विष्णु के एक हजार नामों को सूचीबद्ध किया गया है। इस सूची के अनुसार, राम भगवान विष्णु का 394 वां नाम है। 14 साल तक नहीं सोए थे लक्ष्मण:- 🌌 कहा जाता है कि राम और सीता की रक्षा के लिए, लक्ष्मण को 14 साल तक नींद नहीं आई! यही कारण है कि, वह गुदाकेश के रूप में जाने जाते हैं, जो कि नींद को हराने वाला व्यक्ति था। इसके बजाय, लक्ष्मण की पत्नी, उर्मिला जो अयोध्या में थी, 14 साल तक सोती रही, क्योंकि उन्होंने अपनी और लक्ष्मण के हिस्से की नींद को पूरा किया था। उर्मिला रामायण की कहानी में एक कम ज्ञात चरित्र थी। लंकापति रावण को मिला था श्राप:- 🌌 पौराणिक मान्यतानुसार, भगवान शिव के द्वारपाल नंदी ने रावण को एक बार भगवान शिव से मिलने से रोक दिया। रावण ने नंदी के प्रकट होने का मजाक उड़ाया और इससे नंदी नाराज हो गए। फिर उन्होंने रावण के राज्य को शाप दिया, लंका को बंदरों द्वारा नष्ट कर दिया जाएगा। यह शाप तब सच हुआ जब हनुमान ने लंका को जलाया। युद्ध जीतने के लिए रावण ने किया था यज्ञ:-🌌 कहा जाता है कि लंकापति रावण ने युद्ध जीतने के लिए एक यज्ञ का आयोजन किया। तब राम जी ने बाली के पुत्र अंगद की मदद मांगी और लंका में अराजकता पैदा करने की मांग की। लेकिन रावण तब भी टस से मस नहीं हुआ और यज्ञ करता रहा। फिर अंगद ने रावण की पत्नी मंदोदरी के बाल खींचने शुरु किए ताकि रावण यज्ञ से उठ जाए और यज्ञ अधूरा रह जाए। शुरुआत में रावण स्थिर रहा लेकिन जब मंदोदरी ने उससे मदद की गुहार लगाई तो उसे यज्ञ छोड़ दिया। एन एस यादव।। ©N S Yadav GoldMine #Holi भगवान राम को विष्णु के सबसे महत्वपूर्ण अवतारों में से एक माना जाता है:- जानिए और रोचक कथा !! 🌱🌱{Bolo Ji Radhey Radhey} मर्यादा पुरुषोत
Pandey Sandeep
ज़िंदगी की परीक्षा इतनी वफ़ादार होती है.. इसका पेपर कभी भी लीक नहीं होता...! ©Pandey Sandeep #relaxation ज़िंदगी की परीक्षा इतनी वफ़ादार होती है.. इसका पेपर कभी भी लीक नहीं होता...!
महाराष्ट्राची साहित्यगाथा समूह
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