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गीता गुप्ता 'मन'

सुप्रभात मंदाक्रांता छंद वर्णिक छंद मापनी-2222,111112,2122122=17 वर्ण #poem

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प्राची लाली,मुदित किरणें, भोर की लालिमा है।
शोभा प्यारी सकल जग की,भागती कालिमा है।
शाखा शाखा तुहिन कण के अंग मोती सजाते।
प्रातः सारे मुदित मन से प्राण आभा जगाते।

'मन' सुप्रभात
मंदाक्रांता छंद
वर्णिक छंद 
मापनी-2222,111112,2122122=17 वर्ण

Ramkishor Azad

navratri गहराई खुद मापनी बुराई L♥️ve शायरी मोहब्बत Trading शुरुआत Suhana parvin gaTTubaba Brajraj Singh Dimple girl Rukhsar

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Bharat Bhushan pathak

# अमी छंद(वार्णिक) छंद विधान-प्रति चरण 9 वर्ण। गणावली-नसल जभान यमाता। मापनी-111 121 122। चार चरण, दो-दो समतुकांत सुन- सुन शिक्षक साथी सरल न

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Bharat Bhushan pathak

विधाता छंद के प्रत्येक चरण में 28 मात्राएँ होती है ; 14,14 मात्रा पर यति होती है ; 1, 8, 15, 22 वीं मात्राएँ लघु 1 होती हैं। विधाता छंद विधा #मुहब्बत #मुक्तक #छंदज्ञान

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इशारों में,हुआ करती,यहाँ जब भी, मुलाकातें।

मुहब्बत में ,सुनो यारों,लगे लंबी,बड़ी रातें।।

दिलों में चैन ना होता,नहीं कुछ है, लगे अच्छा,

नहीं करना,कभी भूले,किसी से प्यार की बातें।।१

बला है ये ,बचो इससे,कहीं तुम ये ,नहीं,कहना।
 चले आओ,यहाँ दौड़े,नहीं अब दूर है रहना।।
 करो भूले,नहीं वादा,रहोगे साथ में हरदम
करेगा जख्म ये गहरा,मुसीबत है, इसे सहना।।२

©Bharat Bhushan pathak
  विधाता छंद के प्रत्येक चरण में 28 मात्राएँ होती है ; 14,14 मात्रा पर यति होती है ; 1, 8, 15, 22 वीं मात्राएँ लघु 1 होती हैं।
विधाता छंद विधा

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

विधा    मुक्तक  विषय    रीति मापनी   सरसी छन्द पैसा  आगे  रिश्ता  पीछे ,  देखा  जग  की  रीति । #कविता

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विधा    मुक्तक 
विषय    रीति
मापनी   सरसी छन्द

पैसा  आगे  रिश्ता  पीछे ,  देखा  जग  की  रीति ।
आज समझ लो दुनिया सारी ,कहीं नही मनमीत ।
किसको दोगे आज  दुहाई , समझे  मन की पीर -
परछाई भी  साथ छोड़ती  , गा ले  मन  के गीत ।।


११/०९/२०२३     - महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR विधा    मुक्तक 

विषय    रीति

मापनी   सरसी छन्द


पैसा  आगे  रिश्ता  पीछे ,  देखा  जग  की  रीति ।

Bharat Bhushan pathak

#FathersDay #छंदज्ञान#chhandgyaan#योगीछंद#newchhand#nojotohindi आधार छंद :-योगी(मापनी युक्त मात्रिक छंद) दो-दो चरण तुकांत ,त्रिकल वर्जित १०- #कविता

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Arshad Ansari

#ग़ज़ल ( एक मतला दो शेअर) ______ #अरशद अंसारी के क़लम से #मापनी : २१२२/११२२/११२२/२२ बाद मुद्दत के तेरे गम से मैं बाहर निकला जबकि सरमाय ए इ #शायरी #स्वरचित

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#ग़ज़ल ( एक मतला दो शेअर)
______ #अरशद अंसारी के क़लम से

#मापनी : २१२२/११२२/११२२/२२

बाद मुद्दत के तेरे गम से मैं बाहर निकला
जबकि सरमाय ए इशरत मेरे अंदर निकला //१

मुस्कुराने दो कफ ए दस्त में लेकर जां को
मारने वाला मेरा अपना बिरादर निकला //२

जुअम है इतना तुझे फानी ए हस्ती पे क्यूं
मौत में जबकि तेरा हिस्सा बराबर निकला //३

#स्वरचित ©®
mohammadarshad17338@gmail.com
Fatehpur #ग़ज़ल ( एक मतला दो शेअर)
______ #अरशद अंसारी के क़लम से

#मापनी : २१२२/११२२/११२२/२२

बाद मुद्दत के तेरे गम से मैं बाहर निकला
जबकि सरमाय ए इ

Shiva Ji Sen Gold

मापनी,,, १२२२ //१२२२ //१२२२ सफर में साथ जो तैयार होते हैं वहीं अच्छे असल में यार होते हैं//१ नया वायरस चला है इश्क़ का जग में दिनों दिन लो #zindagikerang

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१२२२ //१२२२ //१२२२
सफर में साथ जो तैयार होते हैं
वहीं अच्छे असल में यार होते हैं//१ 

नया वायरस चला है इश्क़ का जग में
दिनों दिन लोग अब बीमार होते हैं//२

सुनाया फैसला जज ने अदालत में
जमीं के बेटे ही हकदार होते हैं//३

न आएँगे तुम्हारे जाल में जाहिल
नये लड़के बहुत खुद्दार होते हैं//४

दिवाली, लोहड़ी, ईद, बैशाखी
हमारे घर में हर त्योहार होते हैं//५

©Shiva Ji Sen Gold मापनी,,,
१२२२ //१२२२ //१२२२

सफर में साथ जो तैयार होते हैं
वहीं अच्छे असल में यार होते हैं//१ 

नया वायरस चला है इश्क़ का जग में
दिनों दिन लो

Bharat Bhushan pathak

#घनाक्षरी#देव_घनाक्षरी#कविता#छंद देव घनाक्षरी विधान-१६-१७ वर्णों पर यति तथा पद के अंत में तीन लघु आना अनिवार्य मापनी-८,८,८,७ जगदम्बे जय तेर #Poetry

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देव घनाक्षरी विधान-१६-१७ वर्णों पर यति तथा पद के अंत में तीन लघु आना अनिवार्य
मापनी-८,८,८,९
 जगदम्बे जय तेरी  लो हर विपदा मेरी,
  बालक अबोध माँ,स्वीकार ले मेरा नमन।

  राह कोई नहीं दिखे  आऊँगा बाहर कैसे,
  हर ओर अँधेरा है ,प्रकाश माँ करो गहन।

  रोग-दोष घेर रहे   मन ये अशान्त हुआ,
  अरि दल चहुँओर, आज माता करो दमन।

  हार-जीत देते सीख   तैयार भी लेने शिक्षा,
  आत्मबल बना हुआ,  करो भय बस  शमन।।

 
भारत भूषण पाठक'देवांश'🙏

©Bharat Bhushan pathak #घनाक्षरी#देव_घनाक्षरी#कविता#छंद
देव घनाक्षरी विधान-१६-१७ वर्णों पर यति तथा पद के अंत में तीन लघु आना अनिवार्य
मापनी-८,८,८,७
 जगदम्बे जय तेर

Anjali Singhal

प्रेम को पाना कहाँ सरल है!! यदि प्रेम की पराकाष्ठा मापनी है तो मापना नदी के प्रेम को... जो सागर में समर्पण की चाह लिए बहती चली जाती है!! स #Poetry #स्वरचितरचना #AnjaliSinghal #LoveInstrumental

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