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naresh.singh
वह कर्ज था तन के जिसे मैं चुका रहा हूं ! प्यासी थी धरती जिससे मैं लहू पिला रहा हूं !! दुख भरी शायरी
naresh.singh
आंखों पर आकर रुक जाते हैं आंसू पलकों पर आकर थम जाते हैं आंसू जी करता है इन आंसुओं को वह जाने दूं पर तुम्हें खुश देखकर आंखों में ही सूख जाते हैं आंसू ? दिल टूटने की दुख भरी शायरी #Freedom
mukesh bathole
Writer Shakti Tiwari
कुछ इस तरहा से हमारे सपने भी होते है रास्ते सोचने पर मजबूर कर देते है ओर मंजिल पास बुलाने के लिए पागल कर देती है पर सारा काम आपकी मेहनत पर टिका रेहता है की आप खुद को मजबूत करते हो या मजबूर writer Shakti Tiwari #NojotoQuote WRITER SHAKTI TIWARI #मेरी 'बत्तीसी' वाली सेल्फी🤩 #🎤गीत एवं संगीत #ये कुछ मजेदार हुआ!🤣 #दिल धड़कने दो #📜शायरी #😢दुख भरी शायरी #💔दर्द भरा दिल
Official Andaaz-e-Bayaan
💔 कुछ तो खोया होगा उसने भी मेरी तरह मैंने चाहत खो दी... तो उसने बेहद चाहने वाला... ©Official Andaaz-e-Bayaan दर्द भरी शायरी: #दुख #आँसू #अल्फाज #ग़ज़ल" #addiction
Sonu
इस दुनिया में कोई किसी से खुश नहीं है अपने दुख से परेशान नहीं है मगर दूसरों ke सुख से परेशान है इंसान ©Sonu दुख भरी कहानी #Travelstories
Brijesh Ahirwar
बात है साल 2020की जब भारत में पहली बार सम्पूर्ण लॉकडाउन लगाया गया । क्योंकि उस समय भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में कोरोना जैसी महामारी बहुत तेजी से अपने पैर पसार रही थी। वहीं इस लॉकडाउन का सबसे ज्यादा प्रभाव गरीब लोगो पर पड़ा था। क्योंकि गरीब लोग रोज मजदूरी करके अपने परिवार का भरण पोषण करते थे , लॉक्डाउन लगने की वजह से सभी लोगों के काम बंद हो गए थे । ऐसे में गरीब लोग भूख से दम तोड़ रहे थे । वहीं गांव की बहुत बड़ी आबादी पैसा कमाने के लिए शहर गई हुई थी तथा लॉकडाउन लगने से सभी परिवहन के साधन बंद हो गए थे जिससे उन मजदूर भाईयो को पैदल ही अपने गांव को जाने के लिए विवश होना पड़ा था। किसी के पैर में चप्पल थी तो किसी के पैरों को चप्पल भी नसीब नहीं थी । ये मंजर देखकर आंखों में आंसू आ जाते थे । भूख प्यास से तड़पते मजदूर भाईयो के बच्चे रास्ते में कहीं कोई छायादार पेड़ ढूढते थे कि कोई छायादार पेड़ मिल जाए तो कहीं किसी तरह दोपहरी का गुजारा हो जाए । उन मजदूर भाई बहनों की ये यात्रा उनके जीवन की सबसे दुखद यात्रा थी। जिसे देखकर ऐसा लगता था मानो जैसे कोई हमारे देश पर कोई दुखो का पहाड़ टूट पड़ा हो । इस यात्रा में कई मजदूर भाई बहनों तथा उनके बच्चो ने भूख प्यास से रास्ते में ही अपने प्राण त्याग दिए थे। अंत में मैं भगवान से यही प्रार्थना करता हूं कि ऐसी यात्रा कभी भी किसी को ना करनी पड़े।। ©Brijesh Ahirwar दुख भरी कहानी #Thoughts