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Ek villain
राजनीति के अपराधीकरण को रोकना कितना कठिन है किसका परिणाम है चुनाव की घोषणा होते ही कई ऐसे दागी नेताओं का प्रत्याशी के रूप में सामान आ जाना जिन पर संगी आरोपी इसमें से कुछ तो ऐसे हैं जिन पर थूक के भाव मुकदमे दर्ज हैं और वे हत्या भी लूटपाट जमीन कब जाने के लिए धोखाधड़ी और दंगा करने तक के ऐसे अपराध अतीत वाले लोगों तक प्रत्याशी बंद जा रहे हैं जब निर्वाचन आयोग ने यह कहा रखा है कि राजनीतिक दलों में ऐसी दागी नेताओं को भी द्वार बनाने पर ना केवल इसका कारण बताना होगा बल्कि उसकी सूचना समाचार पत्रों अन्य मीडिया माध्यमों के जरिए सार्वजनिक करनी होगी पश्चिम उत्तर प्रदेश में जिस तरह गंभीर आरोप का सम्मान कर रहे नेताओं को उम्मीदवार बना दिया गया है उससे यह साफ निर्वाचन आयोग के निर्देश कहीं कोई प्रभा की गई है कोई भी समझ सकता है कि परावा इसलिए नहीं की गई है क्योंकि निर्वाचन आयोग के पास ऐसे अधिकारी नहीं है कि वह अपने निर्देश की अनदेखी करने वाले दलों को खंडित कर सके यह अच्छी बात है कि सुप्रीम कोर्ट उस याचिका के जल्द सुनवाई करने के लिए तैयार हो गई जिसमें यह मांग की गई कि अपराधिक पृष्ठभूमि वालों को चुनाव मैदान में उतारने वाले राजनीतिक दलों की मान्यता रद्द की जाए कहना कठिन है कि यह याचिका की सुनवाई करते समय सुप्रीम कोर्ट के किस नतीजे पर पहुंचेगी लेकिन यह स्पष्ट है कि निर्वाचन आयोग की ठोस अधिकार नहीं दिया गया तो दागी छवि वालों की चुनाव मैदान में उतारने से मुश्किलें ही होंगी इन सदर में उसकी अनदेखी नहीं की जा सकती निर्वाचन आयोग का अर्थ से मांग कर रहे हैं कि गंभीर आरोप का सामना कर रहे हैं ©Ek villain # चुनावी मैदान में अपराधी #jail
Ek villain
रोका नहीं जा सकता श्रमिकों का प्लेन शीर्षक से भरत झुनझुनवाला का आलेख सो प्रतिशत सही है क्योंकि सर मैं प्लेन प्रतिभा पलायन होता है क्योंकि उनकी प्रतिभा भी तो प्रतिभा होती है केवल डॉक्टर इंजीनियर कंप्यूटर प्रोग्राम सॉफ्टवेयर इंजीनियर वकील सीए प्रतिभा नहीं होता यह श्रमिक वर्ग टेकने के लिए स्कर्ट है आज दुनिया भर में इस तरह की प्रतिभा की बहुत कमी है पिछले दिनों ब्रिटेन में ट्रेन ड्राइवर की कमी से ट्रक जैसे हजारों वाहन बुक बड़े रह गए वहां की सरकार ने दुनिया के देशों से मांग की बड़ी मुश्किल से 20% ही आते हैं हम आते हैं तो हमारे से जोड़कर देखना होगा दूसरे कारण से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए था हालांकि इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ने वाला है मध्यवर्ग का बढ़ता मतदान प्रतिशत उसका परिणाम है ©Ek villain #सही आंकलन चुनावी राजनीति में #doubleface
Satish Mapatpuri
अगर रंग - बिरंगे ये नारे न होते। तो फिर हम भी इतने बेचारे न होते। बातों के मरहम से भर जाते शायद, अगर ज़ख्म दिल के करारे न होते। है किसकी हिम्मत जो ले हमसे पंगा, अगर हम जो आदत बिगारे न होते। यहाँ आबरू की ना होती तिजारत, अगर आकाओं के सहारे न होते। कथनी और करनी ज़ुदा गर न होती, तो फिर वोट के लोग मारे न होते। मिट जाती कब की ये रस्मोरिवाज़ें, अगर पूर्वजों के उतारे न होते। ---- सतीश मापतपुरी ©Satish Mapatpuri नारे #MereKhayaal
Ek villain
जब भी चुनाव आते हैं नेताओं के सपनों में भगवान आने लगते हैं लेकिन हम जैसे आम मतदाताओं के ऐसे भागे कहा हमें तो रात का लिखा हुआ सपना दिन में भूल जाते हैं जैसे हम करो ना कि दूसरी लहर के निवेशक को भी रह चुके हैं और तीसरी लहर के कहर से भी बेखौफ हैं भूलना हमारी फितरत में है बीती ताहि बिसार दे के चलते ही हम समूह अतीत को भूल गए इसलिए हमको बार-बार हमारा इतिहास याद दिलाना पड़ता है और तो और हम वह लोगों के जो प्रत्याशी द्वारा पिछले चुनाव में किए गए वादों को भूल जाएं हम सरकारों की उपलब्धियां याद नहीं रहती जो अधूरा छूट गया वही हमारी जैन में नाश्ता रहता है इस बार के इलेक्शन में चुनाव आयोग ने करुणा संक्रमण के पैसे चुनाव प्रचार में कुछ पाबंदी लगा दी है अब चुनाव में दौड़ भाग ना हो भीड़ जुट कर उची नीची ना छोड़ जाए तो उम्मीदवार और उनके कार्यकर्ताओं को बेहद ही होने लग जाती है इसके चलते ही बहुत सारे नेता इन दिनों अपनी पार्टी छोड़कर दूसरे दलों की ओर भागने लगे कुछ इधर उधर से भाग कर जा रहे हैं कुछ उधर से भाग कर आ रहे हैं आरोप प्रत्यारोप का मेला लगा हुआ है इस मेले की भीड़ में असली मुद्दा है सभी पार्टियों के प्रत्याशियों के टिकट रिपोर्ट कर रही है और कुछ पत्ते कट रहे हैं जिनके कट रहे हैं वह लोग अपने ही शीर्ष नेताओं को काटने का हाल हो रहे हैं ©Ek villain # चुनावी मौसम में भ्रम का पर्दा #humantouch
Ek villain
चुनाव हम उन गरीब बेरोजगार शिक्षा स्वास्थ्य पर्यावरण और इंटरनेट जैसी कई मुद्दों पर लड़े जाते रहे हैं बाल झड़ने या गंजेपन की समस्या का किसी देश में एक आम चुनाव मुद्दा बनाने की कल्पना शायद ही किसी ने की होगी हालांकि दक्षिण कोरिया में आगामी राष्ट्रपति चुनाव को लेकर डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार ली जुम्मी ने अपना चुनाव मुद्दा बनाकर ना सिर्फ अपराधी विरोधियों बल्कि पूरी दुनिया को हैरत में डाल दिया है दरअसल 5 करोड़ की आबादी वाले देश दक्षिणी कोरिया की तकरीबन एक करोड़ आबादी 20% बाल झड़ने का गंजेपन की समस्या से पीड़ित है लिहाज लीजिंग को इस वर्ग का भरपूर समर्थन मिल रहा है अपने चुनावी संबंध में वह भरोसा दिला रहे हैं कि गंजेपन पर लोगों को आर्थिक सहायता दिलाने का प्रयास करेंगे बस तुम मनुष्य के समग्र व्यक्तियों को निखारने में बालों की महत्ता को किसी भी दृष्टि से कम नहीं आंका जा सकता सिर पर बाल का ठीक स्थिति में ना होना व्यक्तिगत को पेशावर जीवन में आत्मविश्वास बढ़ाने का काम करता है हालांकि दूसरी तरफ गंजा होना सिर पर बाल कम होने का यह तात्पर्य कदे नहीं है कि व्यक्ति की सफलता तरक्की और खुशियों की राह में बाधक बन जाता है बालों का बढ़ना और टूटा दोनों ही नरसिंह तरीकेरे अमेरिका एकेडमी ऑफ डेमो लो जी के अनुसार सिर से रोजाना सो बालों का गिरना भी आम है लाला की अनुवांशिक अवस्था जीवन शैली तनाव दूषित पेयजल के उपयोग प्रदूषण बीमारी और दवाओं के साइड इफेक्ट के कारण बड़ी संख्या में लोगों के शिकार हो रहे हैं बालों को घना बनाने और टूटने से रोकने का दावा करने वाले कई रसायन युक्त उत्पाद भी बालों को नुकसान पहुंचाने का काम करते हैं ©Ek villain # कोरिया में चुनावी मुद्दा बना बाल #Lohri
Praveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी आवारा पन सियासत हो गयी व्यवस्था सब कराहती है रीतियां नीतियां सब ताक पर बैठी हिटलरशाही नेताओ में पनपी जाती है संसद न्यायालय सब दबाबो मे आस जनता की टूटी जाती है जंगली व्यवस्था जंग छेड़े है हक जनता का सियासत छीने जाती है निलम्बित सब अधिकार कर बैठे कानूनी चाबुक और बुल्डोजर संस्कृति थोपे जाते है जीने का अधिकार नही बचा किसी का डर और भय का शासन थोपे जाते है चुनावी व्यवस्था खतरे में है लोकतंत्र भीष्म शय्या पर लेटा है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #election_2024 चुनावी व्यवस्था खतरे में है #nojotohindi
Ek villain
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पांचवें चरण की 61 सीटों के लिए मतदान में रविवार को खूब उत्साह दिखा वहीं छठे चरण के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों ने चुनाव प्रचार में अब पूरी ताकत झोंक दी है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर केंद्र गृह मंत्री अमित शाह रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहीं दिलों में समाए सम्मेलन और रोड शो किए छठे चरण में 10 जिलों में आने वाले 57 विधानसभा क्षेत्रों में 3 मार्च को मतदान होना है जिन क्षेत्रों में चुनाव हो चुके हैं वह चुनावी चिकित्सा का पारा हर गली मोहल्ले में चढ़ा हुआ है वहां जहां मतदान होना है वहां नेता के कार्यक्रम में उमड़ने वाली भीड़ और अवसाद जनों को लेकर हर कई चर्चा सुनने को मिलती है विपक्षी जहां महंगाई और बेरोजगार का मुद्दा ताने हुए हैं वहीं भारतीय जनता पार्टी के नेता निशुल्क खाद योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना के साथ ही उज्जवल योजना के लाभ बता रहे हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को बत्ती की सभा में कहते हैं कि उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के प्रचंड बहुमत की सरकार को मतदाता और ठप्पा लगाने वाले हैं यूपी के दंग मुक्त गुंडा मुक्त और विकास के लिए लोग भरपूर आशीर्वाद मिल रहा है महाराजगंज के न चल लोन में मुख्यमंत्री आदित्यनाथ एक जनसभा में कहा कि वर्ष 2017 के पहले समाजवादी पार्टी का नारा सबका साथ और सफाई खानदान का विकास था और समय बिजली का भी महेश था ईद और मोहर्रम आती थी होली दीपावली में गायब हो जाती थी लेकिन अब ऐसा नहीं होता ©Ek villain #हर गली मोहल्ले में चुनावी ललकार #Rose