Find the Latest Status about लथपथ from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, लथपथ.
Nisheeth pandey
प्रेम की तलाश ************ मैं तलाशना छोड़ दिया हूं हर कहीं जहां भी तुम्हारी झलकियां मिलती महसूस हुआ करती थी मुझे पता रहता था -कहां हो तुम सुबह की सैर छोड़ दी क्योंकि घास के पत्तों पर ठहरी मोती सी झिलमिलाती ओस की बूंदों से तुम्हारी स्नेह जुड़ी थी .... दोपहर भी तुम्हारे तिलमिलाहट से कहाँ अछूता था -निरूद्देश्य भागती पिघलाती पसीने से लथपथ शरीर देखती तुम्हारी आखें सड़कों पर बहती गर्म हवाओं में कहीं दूर मृगमरीचिका और उसमें उलझना तुम्हें अच्छा लगता था शाम में तुम्हारा सूर्यास्त की लालिमा ओढ़ना तुम्हें कितना सकून देता था -लगता है सूर्य की अंतिम लालिमा के साथ साथ विलुप्ती में तुम भी -तुम्हारी उपस्थिति की संवेदना करवटें लेने लगती है । रात रात में अचानक चांद को निशीथ पहर निहारना या अचानक जागकर -जादुई चांदनी में या वर्षा की रिमझिम जल से छत पर ख़ुद को लबालब करना आर्तनाद टर्राते मेंढकों की जो तुम्हें लुभाती थी और अंधेरी काली रातों के सन्नाटे में ठंडी हवाँ का स्पर्श लेना मैं ढूंढना तलाशना हर जगह हर पल जहां कहीं भी तुम रहती थी कहां नहीं थी हर जगह थी तुम मगर अब थक सा गया हूं तुम्हारे भावनात्मक स्पर्श के भवँर में डूबते डूबते इसलिये अब मैं तलाशना छोड़ दिया हर कहीं जहां भी तुम्हारी झलकियां मिलती महसूस हुआ करती थी #निशीथ ©Nisheeth pandey #SunSet प्रेम की तलाश ************ मैं तलाशना छोड़ दिया हूं हर कहीं जहां भी तुम्हारी झलकियां मिलती
SK Singhania
विरह कि "स्याही" से लथपथ, किस्मत में फैली "गंदगी" लिखता हूं, ये तुम्हारे लिये सिर्फ "लफ्ज़" होंगे, मगर मैं अपनी "ज़िन्दगी" लिखता हूं..!! #Skg #मेरीकविता ©SK Singhania #Likho विरह कि "स्याही" से लथपथ, किस्मत में फैली "गंदगी" लिखता हूं, ये तुम्हारे लिये सिर्फ "लफ्ज़" होंगे, मगर मैं अपनी "ज़िन्दगी" लिखता हूं.
ANIL KUMAR
युध्द होते रहेंगें! मारे जाएँगें निर्दोष ख़ुश होंगें सत्ता में बैठे लोग पीठ थपथपाई जाएँगीं अपने हाथों से अपनी भयावह होंगें मंज़र ख़ून से लथपथ पड़े होंगें शव कुछ शव पड़े होंगें टुकड़ों में कुछ लाशों को खा रहे होंगें,गिद्ध हो रहे होंगें ख़ुश, इंसान की बेवकूफ़ी पर कुछ इंसान भी होते हैं गिद्ध, निगल जाते हैं जिंदा इन्सानों को, धकेल देते हैं वेवजह युध्द में देश को और देखते हैं तमाशा और वहीं बंकरों में दुबके होंगें कुछ नागरिक सोचते होंगें,शायद ! तबाही थम जाये ताकि बच जाएँ और मारे जाने वाले निर्दोष, निष्कपट नागरिक जिससे बच जाएँगें किसी की आँख का तारा किसी का जिंदगी का सहारा किसी का सुहाग किसी की खुशियाँ किसी के जज़्बात और बहुत कुछ है ..... जो बचा रह जायेगा। अनिल कुमार निश्छल ©ANIL KUMAR #Chess युध्द होते रहेंगें! मारे जाएँगें निर्दोष ख़ुश होंगें सत्ता में बैठे लोग पीठ थपथपाई जाएँगीं अपने हाथों से अपनी भयावह होंगें मंज़र ख़ून से
Nisheeth pandey
शीर्षक-भीगता शाम ******************* सुना है फिर मुश्लाधार बारिश हो रहीं है तुम्हारे शहर में ... फिर भींगना मत , तन मन को छूता बारिश में .... मुझे आज भी याद है वो पुराना भींगता शाम ... वो तुम्हारा भींगता बदन लहराता उन्मुक्त मगन मन .... मुझे आज भी याद है वो तुम्हारा बूंदों के साथ खेलना ... वो बारिस के पानी की धार को चीरता तुम्हारे लहराते बाल .... मानो वो पानी नहीं शहद में लथपथ तुम्हारा बदन ... शायद उस वक्त भूल गयी थी दुनिया के हर पहलूँ को ..... और तुम मगन थी बारिश की बूंदों में ... मुझे आज भी याद है वो तुम्हारा शर्माना और वो कातिलाना मुंस्कुराना ... वो आहिस्ता से मेरी हथेली को पकड़ कर मुझे भिगोना ... सच मे कत्ल ही किया था उसवक्त मेरे सारे गमों का , कोई याद न था तुम्हारे सिवा .... मानो मेरा वक्त ठहर सा गया था तुम्हारी निगाहों में , डूब गया था तुम्हारी मादक चंचलता में ... मुझे आज भी याद है मेरा वो भीगता शाम और बस तुम .... .... सुना है फिर मुश्लाधार बारिश हो रहीं है तुम्हारे शहर में ... फिर भींगना मत , तन मन को छूता बारिश में .... @निशीथ ©Nisheeth pandey भीगता शाम ********** सुना है फिर मुश्लाधार बारिश हो रहीं है तुम्हारे शहर में ... फिर भींगना मत , तन मन को छूता बारिश में .... मुझे आज भी
Arshad Mirza
Sultan Mohit Bajpai
चलो भी भूल जाओ , खूंचका दिल मुहब्बत फिर से करके, देखते है ©Sultan Mohit Bajpai खूंचका–खून से लथपथ #Nojoto #Hindi #nojotohindi #SAD #poem #Poetry #Music #News #sultan_mohit_bajpai #Love
Zoga Bhagsariya
Anil Saran
एक कोने में पड़ा था वृद्ध ,रक्त से लथपथ–लथपथ। जवान, बच्चे,और अनेक औरत। क्या था दोष इनका जो बुझी जीवन जोत्त। #Delhi_Riots## लथपथ##
myself_arun24
कागज़ पर रख कर खाना खाये तो भी कैसे…. खून से लथपथ आता है अखबार आजकल! अरुन कागज़ पर रख कर खाना खाये तो भी कैसे…. खून से लथपथ आता है अखबार आजकल