Find the Latest Status about व्रताचे आचरण करणारी स्त्री from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, व्रताचे आचरण करणारी स्त्री.
poonam atrey
मर्यादा गर मानव तोड़े , होता पतन मानवता का, यदि तोड़ दे प्रकृति तो , होता हनन सुंदरता का, भूल जाये गर अग्निदेव , तो बचे राख बर्बादी की, टूट जाये जनसँख्या चक्र,तो थाह नही आबादी की, तय कर रखी है क़ुदरत ने ,मर्यादा हर एक शय की, मर्यादित हो आचार विचार ,यही है पूंजी जीवन की, सिंधु तोड़ दे मर्यादा , तो जल प्रलय आ जायेगी, मर्यादित है पर्यावरण गर,ये श्वास तभी तो आएगी, हवा बहे यदि मर्यादा में ,शीतल कर दे तन मन को, टूटे जिस दिन मर्यादा ,ले जाये उड़ा हर गुलशन को, शुद्ध आचरण ,नीति नियम ,यही खज़ाना जीवन का, हर फूल महकता रहे सदा, धरती माँ के आँगन का।। -पूनम आत्रेय ©poonam atrey #मर्यादा #आचरण
Kalpana Srivastava
स्त्री ******** एक स्त्री तब ही तक आपकी गलतियों को माफ़ करती है , जब तक वो आपसे प्यार करती है.. उसे सब मालूम होता है कौन उसे धोखा दे रहा और कौन उसका हितैषी है। अपने हिसाब से गलत को ठीक करने का भरपूर प्रयास करती है। पर जब उसे ये एहसास होता है की सामने वाला इंसान सिर्फ और सिर्फ उसकी अच्छाइयों का फायदा उठा रहा तो वो अपना रास्ता बदल लेती है, फिर चाहे कोई मारे या जिए पलट कर भी नहीं देखती.... ©kalpana srivastava #स्त्री
saloni toke alfazon ki khumari
ऊची आवाज से शब्दो का गहरा संस्कारो से होकर गुजरता है । ©saloni toke alfazon ki khumari #स्त्री
kanchan Yadav
स्त्री होना आसान नहीं धीरज सहनशीलता संयम सबको मिलता ये वरदान नहीं , पूरे परिवार की जिम्मेदारी फिर भी मिलता सम्मान नहीं , रो लेती है खुद में सामने वाले को होता इसका ज्ञान नहीं , स्त्री होना आसान नहीं ख़ुद के लिया जो जिया उपहार मिला परिवार का रखती ध्यान नहीं स्त्री होना आसान नहीं स्वयं निर्णय ले इतना भी अधिकार नहीं इनसे पूछूं उनसे पुछु तब होता निर्णय स्वीकार सही स्त्री होना आसान नहीं मां पत्नी बहू बेटी जननी संसार वहीं पहरेदारी तुझ पर कितनी स्वयं का खुद पर अधिकार नहीं स्त्री होना आसान नहीं ! ©kanchan Yadav #स्त्री
Swati kashyap
क्यों इतने सपने पालती हो मन में.. जब सपनों के पंख काट दिए जायेंगे एक दिन तू छटपटाएगी चीखेगी चिल्लाएगी और तेरी आवाज़ किसी की रूह तक न जायेगी तू स्त्री है पराए घर में तू पराई ही रह जायेगी तेरे मन के घाव पर मरहम कौन लगाएगा हर घड़ी बस तू ही छलनी की जायेगी हर दोष तेरा होगा, और सारी दलीलें उनकी तू कहेगी किससे.. तेरी बेगुनाही सुनी न जायेगी तू स्त्री है सारे अपराध तेरे सूली पर बस तू ही चढ़ी जायेगी.. ©Swati kashyap #स्त्री