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Nisheeth pandey
शीर्षक- मेरा शहर ये चारों तरफ अंधेरा अंधेरा सा क्यों है ..... मेरे सर के ऊपर सूरज अभी तो ठहरा ठहरा सा है .... मेरा शहर मेरा मेरा सा क्यूं नहीं है ... हर बचपन की निशानियां विलीन विलीन सा क्यूं है ,.... वो पुरानी अटखेलियां , शरारते , मस्तीया , खुशियां मिल क्यूं नहीं रहीं है.... ये सभी किधर चले गए मेरे शहर में अब क्यों नहीं है .... मेरे दोस्त आजकल मिलते नहीं नुक्कड़ पर आवारगी करते .... ये सब नालायक सुधर सुधर सा क्यूं गए हैं ..... जो मेरे लिये कभी लड़ा करते थे .... अब उन्हें मिलने की फुर्सत फुर्सत क्यूं नहीं है ..... मेरे अपने कितने बदले बदले से लग रहें हैं .... यहां अब अपने अपने से क्यूँ नहीं हैं ..... अपने , रिश्ते , नाते ,दोस्तवोसत बेवजह अब मिलते नहीं हैं .... उनके फुर्सत के पल खोया खोया सा क्यूं हैं .... मेरे शहर की गलियां सुनी सुनी क्यों है .... भीड़ बहुत है पर सब अनजान अनजान सा क्यूं है .... मेरे चारों तरफ अंधेरा अंधेरा सा क्यूं है .... मेरे सर के ऊपर सूरज अभी ठहरा ठहरा सा है..... @निशीथ ©Nisheeth pandey शीर्षक- मेरा शहर ये चारों तरफ अंधेरा अंधेरा सा क्यों है ..... मेरे सर के ऊपर सूरज अभी तो ठहरा ठहरा सा है .... मेरा शहर मेरा मेरा सा क
Nisheeth pandey
मेरा शहर मेरा मेरा सा क्यूं नहीं है ... ************** मेरे चारों तरफ अंधेरा अंधेरा सा क्यों है ..... मेरे सर के ऊपर सूरज अभी तो ठहरा ठहरा सा है .... मेरा शहर मेरा मेरा सा क्यूं नहीं है ... हर बचपन की निशानियां विलीन विलीन सा क्यूं है ,.... मेरे दोस्त आजकल मिलते नहीं नुक्कड़ पर आवारगी करते .... ये सब नालायक सुधर सुधर सा क्यूं गए हैं ..... जो मेरे लिये कभी लड़ा करते थे .... अब उन्हें मिलने की फुर्सत फुर्सत क्यूं नहीं है ..... मेरे जो थे अपने कितने बदले बदले से लग रहें हैं .... यहां अब अपने अपने से क्यूँ नहीं है ..... अपने , रिश्ते , नाते ,दोस्त-वोसत बेवजह अब मिलते नहीं हैं .... उनके फुर्सत के पल खोया खोया सा क्यूं है.... मेरे शहर की गलियां सुनी सुनी तो नहीं है .... भीड़ बहुत है पर सब अनजान अनजान सा क्यूं है .... वो पुरानी अटखेलियां , शरारते , मस्तीया , खुशियां मिल क्यूं नहीं रहीं है.... ये सभी किधर किधर चले गए मेरे शहर में अब क्यों नहीं है .... मेरे चारों तरफ अंधेरा अंधेरा सा क्यूं है .... मेरे सर के ऊपर सूरज अभी ठहरा ठहरा सा है..... #निशीथ ©Nisheeth pandey #merasheher मेरा शहर मेरा मेरा सा क्यूं नहीं है ... ************** मेरे चारों तरफ अंधेरा अंधेरा सा क्यों है ..... मेरे सर के ऊपर सूरज
Captain Jack
उदास तो है बाकि हमारी डायरी से पूछ लो ।। ©Captain Jack मिलते है ।।
Indian Farmers/motivation
Indian Farmers/motivation
Safeek
फूल कभी दो बार नहीं खिलते, जन्म कभी दो बार नहीं मिलते, मिलने को तो हजारो लोग मिल जाते है पर हजारो गलतियां माफ़ करने वाले माँ बाप नहीं मिलते..!!!! ©Safeek माँ बाप नहीं मिलते