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SumitGaurav2005
मौसम में आज बदलाव आया है कलियों ने फिर शोर मचाया है यू लग रहा है चुपके से जैसे फिर कोई फूल चुराने आया है! ©Kavi Sumit Mandhana 'Gaurav ' #कलियों #कली #फूल #बगिया #शायरी
Shailendra Singh Yadav
हर फूल हर कली पर तेरा है चेहरा। कोई न समझ पाया प्यार कितना है गहरा। जब फूल कभी हाथो में है तू साथ साथ दिन रातों में है। जमाने से डर नहीं है प्यार पर चाहे लगता हो कितना पहरा । शायरः-शैलेन्द्र सिंह यादव #NojotoQuote शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी हर फूल हर कली पर तेरा है चेहरा।
शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी हर फूल हर कली पर तेरा है चेहरा।
read moreSonal Panwar
नाजों से पली एक कली की विदाई होती है जब बागबान की बगिया से, लगे हृदयंगम माली की कली से जुदाई मर्म ये जब बहे दोनों की अंखियों से। ©Sonal Panwar कली की विदाई 🥰💯💫#vidaai #कली #shayaari #शायरी #vidai #hindi_poem #hindi_poetry #Nojoto
कली की विदाई 🥰💯💫vidaai कली shayaari शायरी vidai hindi_poem hindi_poetry
read moreRajeev namdeo "Rana lidhori"
सजी जिसके आओटो पे मुस्कान होगी। कली सबसे पहले वो बलिदान होगी।। &&& शायर@राजीव नामदेव "राना लिधौरी" टीकमगढ़ (म.प्र.) मोबाइल 9893520965 #कली #मुस्कान #बलिदान #राना_लिधौरी #राजीव_नामदेव #शेर #शायरी #टीकमगढ़#ग़ज़ल
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read moreVijay Vidrohi
नाजुक सी कली हो फूल सी खिली हो लाखों में एक हो लाखों में पली हो मधुर भाषिणी हो जैसे चिड़िया चकहती हो काली जुल्फें ऐसी जैसे घटा छा रही हो मृगनयनी हो नटखट चुलबुली हो चलती हो बलखाती बहती हुई नदी हो शायर की शायरी हो आशिक की आशिकी हो जान हो जिंदगी हो हमराह जांनसीं हो। ©Vijay Vidrohi #कली
सरफराज
ओ हो क्या बहाना कर रही है ओ हो वो खुद को और भी स्याना कर रही है तू भी कुछ ऐक्टिंग इससे सीखले न सरफराज यह वो कली है जो हर भवरे को दीवाना कर रही है ©सरफरaज शaयर #कली
Rajesh Parwal
कली हूं में आज अपने मां बाप के आंगन की, एक दिन फूल बन के चमन करूंगी पिया का आंगन, फिर एक नन्ही कली को इस जीवन रूपी बाग में आना है। ये जीवन चक्र ऐसे ही चलता है इसलिए कभी भी किसी कली को मत तोडना। कली
कली
read moreAarti Sharma
एक सिमटी हुई कली कहीं खोई है... सब नजरों से छिप कर ..बेइंतहा खामोशी में रोई है ।। किस्से लिखे जा रहे थे जब .. खिलते हुए गुलाब पे .. उसने नजदीकी बनाई कांटो से ... हर चुभन मुस्कुरा के सहती रही ... कोई आंच ना आने पाए बस ... उस फूल के शबाब पे ... अपने वजूद की उसे जैसे कोई ख्वाइश नही ... किसी शायर के ख्यालों की कोई आदत नहीं... वो खुश है उस फूल के यूँ खिलने से ... उसके नूर पे यूँ लोगो के मिटने से ... बस इस तरह कुछ मुस्कुराहट उसने अपने लिए पिरोई है ... एक सिमटी हुई कली कहीं खोई है .... #कली
Sanskruti Patel
किताब में उसने दी कली मुरज़ा चुकी थी, मगर यादों का सिलसिला अभी भी जारी था।। #कली