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Ramji Tiwari
White *प्यारा मास बसंत* जग से अँधियारा मिटा,हुई सुहानी भोर। बादल छाए हैं घने,नाच रहे वन मोर। नाच रहे वन मोर,घटा घनघोर सुहानी। रिमझिम-रिमझिम रहा,बरस अम्बर से पानी। देख प्रकृति का रूप,सभी के थिरक रहे पग। सन- सन चलती पवन,करे शीतल सारा जग।। दिखती है पहने धरा, हरा-हरा परिधान। कोयल कूके पेड़ पर,गाए सुमधुर गान। गाए सुमधुर गान,सभी का मन बहलाती। पीली सरसों खेत, लहर-लहर लहलहाती। देख भानु का ताप, ठंड पास नहीं टिकती। देखें आँखें जिधर, सिर्फ हरियाली दिखती।। बसंत उत्सव से शुरू,हो जाता है फाग। भँवरा चूँसे फूल रस,गुन- गुन गाता राग। गुन-गुन गाता राग,फूल पर है मँडराता। कल-कल सरिता नाद,सभी के मन को भाता। झूम रहे नर नारि,हर्ष फैला दिगदिगंत। ऋतुओं का ऋतुराज, है प्यारा मास बसंत।। स्वरचित रचना-राम जी तिवारी"राम" उन्नाव (उत्तर प्रदेश) ©Ramji Tiwari #Nature #springpoem #Beauty #poem #Friend
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White मनहरण घनाक्षरी छंद- घर- घर उल्लास है, कोई नहीं उदास है। बह रही चहुँ ओर,फागुनी बयार है।। आम फूली अमराई,छाँव लगे सुखदाई। छाया हर तन पर, रंगों का खुमार है।। देख चहुँ हरियाली,कूँजे पिक मतवाली। कल- कल बह रही,गंगा नदी धार है।। झूम रहे नर नारी,देख खेत बाग- बारी। धरा ने भी कर लिया,सोलह श्रृंगार है।। घूम-घूम खग वृंद,गा रहे हैं गीत छंद। खिल गई हर कली, झूम रही डाली है।। चम-चम करें तारे, लगें मन अति प्यारे। जगमग होती अब,रात काली-काली है।। यौवन उमंग भरे,चोली बहु तंग करे। इठलाती फिर रही,गोरी मतवाली है।। मल गई रंग गाल,आई न समझ चाल। बड़ी नटखट मेरे,भैया जी की साली है।। स्वरचित रचना-राम जी तिवारी"राम" उन्नाव (उत्तर प्रदेश) ©Ramji Tiwari #Spring #poem #छंद #Festival #Nature #Friend
Ramji Tiwari
White प्यारा मास बसंत वृक्षों पर नव कोंपलें होता पतझड़ का अंत ऋतुओं का ऋतुराज है प्यारा मास बसंत हरी चादर ओढ़े धरा की शोभा न्यारी बहुरंगी प्रसूनों से सज गई हर क्यारी माँ सरस्वती की वन्दना करते साधु संत ऋतुओं का ऋतुराज है प्यारा मास बसंत वृक्षों की शाखाओं पर कोयल गान कर रही प्रकृति भी माँ सरस्वती का गुणगान कर रही प्रात होते भानु रश्मि आतीं भू पे तुरंत ऋतुओं का ऋतुराज है प्यारा मास बसंत सन- सन करती मनोहर मलय समीर बह रही चूँ- चूँ करती चिड़िया मनोहर राग कह रही इन्द्रधनुष रंग से रंगा आसमान अनंत ऋतुओं का ऋतुराज है प्यारा मास बसंत रिमझिम- रिमझिम बरसात की बूँदें गिरती हैं सभी जीवों की आत्मा को तृप्त करती हैं मनभावन, सुन्दर मौसम भाता अति हेमंत ऋतुओं का ऋतुराज है प्यारा मास बसंत दूर तक दिखती हरियाली ही हरियाली है मधुर तान में गा रही कोयल मतवाली है सूखी तरूवर की डाली हो जाती जीवंत ऋतुओं का ऋतुराज है प्यारा मास बसंत स्वरचित रचना-राम जी तिवारी "राम" उन्नाव (उत्तर प्रदेश) ©Ramji Tiwari #Nature #poem #NatureBeauty #Spring
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White *मनभावन न्यारा मधुमास होता है* नई उमंगों, नई तरंगों का एहसास होता है सबसे सुन्दर, मनभावन न्यारा मधुमास होता है दूर तलक धरती पर हरी मखमली चादर होती है खेतों में प्रिय मूली,आलू, शलजम, गाजर होती है प्रकृति की देख सुन्दर छटा मन में उल्लास होता है सबसे सुन्दर, मनभावन न्यारा मधुमास होता है घास,ओस की बूँदों पर जब सूर्य किरणें पड़तीं हैं मोती की मानिंद जल बूँद चम-चम चमकनें लगतीं हैं चाँदनीं रात में तारों का सुन्दर प्रकाश होता है सबसे सुन्दर, मनभावन न्यारा मधुमास होता है पीले -पीले सरसों के फूल लगते बहुत मनभावन बसंत पंचमी मात सरस्वती का उत्सव अति पावन सम्पूर्ण प्रकृति में व्याप्त सुखद उल्लास होता है सबसे सुन्दर मनभावन न्यारा मधुमास होता है पीले रंग की साड़ी पहनकर सज जाती नारी है बसंत पंचमी मेले की शोभा लगती न्यारी है माँ के मण्डप का निर्माण मन्दिर के पास होता है सबसे सुन्दर मनभावन न्यारा मधुमास होता है बसंत पंचमी मात सरस्वती का पूजन होता है हर एक घर में नाच-गाना भजन-कीर्तन होता है इस दिन ज्ञान की देवी का हर घर में वास होता है सबसे सुन्दर मनभावन न्यारा मधुमास होता है जो नर बसंत पंचमी के दिन सरस्वती को ध्याता माँ वीणावादिनी से सुर ,ज्ञान, सद्बुद्धि वर को पाता विद्यार्थी,सुर साधक के लिए यह दिन खास होता है सबसे सुन्दर मनभावन न्यारा मधुमास होता है स्वरचित रचना-राम जी तिवारी "राम" उन्नाव (उत्तर प्रदेश) ©Ramji Tiwari #Spring #poem #Nature #
Subam Deep Rasaily
White Whispers of the Dawn Beneath the sky so vast and blue, A world awakens, fresh and new. The winds whisper secrets, soft and light, Chasing shadows from the night. Each star above, a tale untold, Of dreams that shine, both young and old. In every heart, a spark may rise, To paint the world with brightened skies. ©Subam Deep Rasaily #Nature
Chithra
White let's sit here with your favourite person ✨ and talk about life 😌💫 ©Chithra #beautifulmoments with nature
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read moreAbhimanyu Dwivedi
🍀😊प्रकृति और परमात्मा😊🍀 *प्रकृति परमात्मा की परम् कृति है* *एवम् परमात्मा प्रकृति का परितोष हैं* 🍀😊 *मोक्षाअरिहंत*😊🍀 ©Abhimanyu Dwivedi Nature
Nature
read moreSubam Deep Rasaily
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset Beneath the sky so vast and wide, Nature whispers where secrets hide. The rivers dance, the mountains stand, A timeless song in every land. The trees hum low, the winds reply, Stars spill light across the sky. In every bloom, in every crest, Nature breathes, and we are blessed. ©Subam Deep Rasaily #Nature
Roshan Kumar
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset love with nature 💗💗 ©Roshan Kumar love with nature 💕💕
love with nature 💕💕
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