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K S
क्यों न एक साथ ज़हर दे दिया जाए... आज सभी ख्वाहीशें दावत पर है।। ©K S #शायरी #विचार #ज़हर #ख्वाहिशें #दावत
KK. Ajay
ज़िंदगी में सारा झगड़ा ही ख़्वाहिशों का है वो मिल जाये तो खुशी होती है, न मिले तो दिल उदाश होता है, लाखों की भीड़ में बस एक खास होता है। सब कुछ सह लिया, बस एक फ़रमाइश की थी, उसे अपना बनाने की ख्वाहिश की थी। कुछ कम नही चाहिये उस...से मुझे ये किस्सा मेरी फरमाइशों का है... जिंदगी में सारा झगड़ा ही ख़्वाहिशों का है। KK. Ajay #Khwahish ख्वाहिशें #December #KK_Ajay #हिंदी #शायरी #nojotohindi
Shubham Dhakare
कुछ ख्वाहिशें बारिश की उन बूंदों की तरह होती है.. जिन्हे पाने के लिए हथेलियां तो भीग जाती है...... लेकिन हाथ हमेशा खाली रह जाते है...! फरक नहीं पड़ता ख्वाहिशें अधूरी रहने पर...!!
Poonam Aggarwal'मीता'
कल रात के ख़्वाब में जब उनसे मुलाकात हुई अखियां बही बारिश सी ख्वाहिशें पहुंची अम्बर सी चंद लफ़्ज़ों की शायरी,और सारी कायनात तेरे नाम हुई। #khwaab #अखियां#ख्वाहिशें #लफ्ज़#शायरी#कायनात #nojotoapp#nojotohindi #hindiwriters
श्वेता शर्मा
तुम्हें पाने की जिद्द तो नहीं मेरी लेकिन हां तुम्हें चाहने की ख़्वाहिश की कोई हद भी नहीं मेरी ©श्वेता शर्मा #ख्वाहिशें
Ambika Mallik
ग़ज़ल ख्वाहिशें कारवाँ जिंदगी का यूँ ही गुजरता रहा। दीवाना उम्र एक पड़ाव मांगता रहा ।। बहारें आयी और जीवन छोटी होती गई। ख्वाहिशें हर दिन अपना पता खोजता रहा।। क्या पाया क्या खोया के गणित में। अनगिनत अरमानों के पन्ने जोड़ता रहा।। नहीं मिला अब तक वो पल जो सुकून दे जाए। दिल की बेकरारी ठहराव तलाशता रहा।। कहाँ कहाँ हैं मेरे वजूद के निशान । हर चेहरे को अम्बे भीड़ में परखता रहा।। अम्बिका मल्लिक ✍️ ©Ambika Mallik #ख्वाहिशें
हिमांशु Kulshreshtha
अंधेरों को रौशन करने को चाँद की ख्वाहिश की थी क्या ख़बर थी सितारे भी गुम हो जाएंगे रात की स्याही में ©हिमांशु Kulshreshtha ख्वाहिशें....
Manmohan Dheer
सौ अखूरे ख़्वाबों की तरह की ख्वाहिशों का जोर कोई जिस्म पूरा रखे या रूह को ज़िंदा रखे पहले सवाल तो कई है नई नस्ल की आंखों में घूरते हुए सवाल तो ये भी है कि ये दुनियादारी तो सीखे पहले . ख्वाहिशें
maddylines
घुटन सी होने लगी उसके पास जाते हुए खुद से रुठ गया हूँ उसको मनाते हुए ये ताश के पत्ते है, गिर ही जाते है हाथों की लकीरें मिट गई, उनको जमाते हुए बार बार वही मंजर देखना पड़ रहा है बार बार वही मंजर देखना पड रहा है आंखों में सपने सुख गए है, सपना सजाते हुए आलम है कि कोई पूछता ही नही अब आलम है कि कोई पूछता ही नहीं खुद से बेगाने हो गए है, सबको अपनाते हुए ख्वाहिशें
CK JOHNY
ख्वाहिशें पूरी भी हुईं कुछ अधूरी भी रहीं तुम्हारे साथ रहकर भी इक दूरी सी रही। कुछ वादे कुछ कसमें कुछ जमाने की रस्में हमेशा संग अपने कोई न कोई मजबूरी रही। इतने बदनाम हुए मुहब्बत में तेरी ओ सनम तेरे नाम से जानते हैं इश्क़ में ऐसी मशहूरी हुई। जीने को हम भी जी लेते जिंदगी संग तुम्हारे असल जिंदगी में कई और काम भी जरुरी रही। ख्वाहिशें पूरी भी हुईं कुछ अधूरी भी रहीं तुम्हारे साथ रहकर भी इक दूरी सी रही। बी डी शर्मा चण्डीगढ़ 30.09.2020 ख्वाहिशें