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Manish Patel
ये जो गर्दन का तिल है तेरा, सच कहुँ ऐ जान तो, ये ख्वाबों का घर है मेरा।। गर्दन का तिल।। ❤❤ #right2write #Nojoto #shayari #love #mohabbat
गर्दन का तिल।। ❤❤ right2write shayari love mohabbat
read moreहेमाश्री प्रयाग
®----होली की गंध----© __________________________ एक मादक सी गंध है होली में बैठी हूँ , कुछ रंग लिए टोली में मन में है उल्लास तेरी बस याद चढ़ी बैठी हूँ साँझ की डोली मे आचल में सफेदी पहन रखी है तेरे रँगों की रँगीनी की ताक में भीगे मौसम की ये है नरम धूप अभी बसंत -शरद की आस में यह शाम और होली की सुबह कुछ रँग उतार दियें है दिवार में बेला- टेशू ,रजनीगंधा की गंध संभाल कर रखी है ,इंतजार में चनें की झाड़,ज्वार की बाली सहेज रखी दालान की ताख में कुछ बूँद ओस,कुछ छींटे आँसू रंग मिले इसमें अपने अंदाज में गालों की तन्हाई गर्दन का छोर सबको इंतजार है कल होली में शेष... ©® हेमाश्री प्रयाग #NojotoQuote होली की गंध ®----होली की गंध----© __________________________ एक मादक सी गंध है होली में बैठी हूँ , कुछ रंग लिए टोली में मन में है उल्लास तेर
होली की गंध ®----होली की गंध----© __________________________ एक मादक सी गंध है होली में बैठी हूँ , कुछ रंग लिए टोली में मन में है उल्लास तेर
read morePriyanshu kashyap
चरित्र औरत का...!! Read caption ©Priyanshu kashyap चरित्र औरत का.......❤️ औरत का चरित्र दूसरे क्यों तय करते है? औरत का चरित्र होता नहीं ये गढ़ा जाता है इस समाज में ये तय होता है मापदण्डों से
चरित्र औरत का.......❤️ औरत का चरित्र दूसरे क्यों तय करते है? औरत का चरित्र होता नहीं ये गढ़ा जाता है इस समाज में ये तय होता है मापदण्डों से #vacation
read moreInsprational Qoute
सुभग सौभाग्य से स्वराज मिला, पुण्य भूमि को स्वर्ण ताज मिला, धन्य हो गई वो कोख़ आज तो, जिन माताओं के थे वो लाल अनमोल, कलम, आज उनकी जय बोल। सम्पूर्ण रचना अनुशीर्षक में पढ़े। सुभग सौभाग्य से स्वराज मिला, पुण्य भूमि को स्वर्ण ताज मिला, धन्य हो गई वो कोख़ आज तो, जिन माताओं के थे वो लाल अनमोल, कलम, आज उनकी जय बोल। वि
सुभग सौभाग्य से स्वराज मिला, पुण्य भूमि को स्वर्ण ताज मिला, धन्य हो गई वो कोख़ आज तो, जिन माताओं के थे वो लाल अनमोल, कलम, आज उनकी जय बोल। वि #कविता #हिंदी_साहित्य #rzmph #हिंदी_काव्य_कोश #rzmph182 #रामधारी_दिनकर #nishakmwal
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वीर रस "गजल" क़ाफ़िया:-क़लम उनकी जय बोल। ********************************* धन्य हो गई वो कोख़ आज जिन माताओं के थे वो लाल अनमोल, पुण्य भूमि को स्वर्ण ताज मिला , कलम आज उनकी जय बोल, आसान नही शून्य का पता लगाना, दुनिया जो थी एक दिन गोल, विश्वपटल पर नाम अंकित किया ,कलम आज उनकी जय बोल, सम्पूर्ण गजल कृपया अनुशीर्षक में पढ़ियेगा🙏 वीर रस "गजल" क़ाफ़िया:-क़लम उनकी जय बोल। ********************************* धन्य हो गई वो कोख़ आज जिन माताओं के थे वो लाल अनमोल, पुण्य भूमि को
वीर रस "गजल" क़ाफ़िया:-क़लम उनकी जय बोल। ********************************* धन्य हो गई वो कोख़ आज जिन माताओं के थे वो लाल अनमोल, पुण्य भूमि को #कविता #कलम #हिंदी_काव्य_कोश #रामधारी_दिनकर #nishakmwal
read moreHilal Hathravi
रख कर शमशीर को गर्दन पर हमारी आज़मा लो चाहें, गर झुक गई गर्दन तो तुम्हारे, गर कट गए तो मौला के। हिलाल हथजेडरवी ©Hilal Hathravi #गर्दन
Sumit Kumar
"कंधों" को बना दोगे अगर तुम सोचने लायक, वो सोचेगा सबसे पहले कि गर्दन और सिर का बोझ है उस पर.. ©Sumit Kumar गर्दन और सिर का बोझ है उस पर..
गर्दन और सिर का बोझ है उस पर..
read moretanzim Khan
अकबर अक्सर बीरबल की अक्लमंदी और हाज़िर जवाबी से खुश होकर उसे ईनाम दिया करते थे. एक बार उन्होंने भरे दरबार में बीरबल को ईनाम देने की घोषणा की. लेकिन बाद वे ईनाम देना भूल गए. बीरबल कई दिनों तक इंतज़ार करता रहा, लेकिन उसे ईनाम नहीं मिला. मांगना उसे उचित नहीं लग रहा था और अकबर थे कि ईनाम देने का नाम नहीं ले रहे थे. अकबर के इस रवैये से बीरबल थोड़ा दु:खी था. एक दिन अकबर बीरबल को साथ लेकर सैर पर निकले. वे दोनों यमुना नदी के तट पर पैदल टहल रहे थे. तभी वहाँ से एक ऊँट गुज़रा. ऊँट की मुड़ी हुई गर्दन को देख अकबर के ज़ेहन में एक सवाल कौंध गया और उन्होंने फ़ौरन बीरबल से पूछा, “बीरबल, देखो इस ऊँट को. इसकी गर्दन मुड़ी हुई है. ऐसा क्या कारण है कि ऊँट की गर्दन मुड़ी हुई होती है?” अकबर का ये सवाल सुनकर बीरबल ने सोचा कि ये अच्छा मौका है बादशाह सलामत को ईनाम के बारे में याद दिलाने का और वह बोला, “जहाँपनाह, ऊँट ने किसी से कोई वादा किया था और अपना वादा निभाना भूल गया था. इसलिए भगवान ने इसकी गर्दन मोड़ दी है. ऐसा भगवान हर उस इंसान के साथ करता है, जो वादा करके उसे निभाता नहीं है.” बीरबल की बात सुनकर अकबर को याद आया कि उन्होंने बीरबल को ईनाम देने का वादा किया था. लेकिन अब तक उसे ईनाम नहीं दिया है. वे बीरबल की लेकर फ़ौरन राजमहल पहुँचे और वादे अनुसार बीरबल को उसका ईनाम दे दिया. इस तरह बीरबल ने चतुराई दिखाते हुए बिना मांगे ही अपना ईनाम प्राप्त कर लिया. ©tanzim Khan #ऊँट की गर्दन