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Preeti Karn
फख़त ख्वाबों की तिज़ारत ही नहीं करते हैं रोज़ हक़ीक़त भरी झोलियों से बसर करते हैं ।। प्रीति #ख्वाब #हकीकत #तिज़ारत (व्यापार) #yqthoughts #yqhindiurdu Wallpaper :my click
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read moreOMG INDIA WORLD
बहुत दिन हो गए है तुझसे हिज़रत किये हुए अब सोचते है तेरी एक बार तिज़ारत हो जाये ©OMG INDIA WORLD बहुत दिन हो गए है तुझसे हिज़रत किये हुए अब सोचते है तेरी एक बार तिज़ारत हो जाये #OMGINDIAWORLD
बहुत दिन हो गए है तुझसे हिज़रत किये हुए अब सोचते है तेरी एक बार तिज़ारत हो जाये #OMGINDIAWORLD
read moreTarique 'शादाब'
है इतना भी काफ़ी के मुस्कुरा दिया कर, इश्क़-ए-तिज़ारत में ये मुनाफ़ा भी क्या कम है? #gif है इतना भी काफ़ी के मुस्कुरा दिया कर, इश्क़-ए-तिज़ारत में ये मुनाफ़ा भी क्या कम है? #Nojoto #Nojotohindi #shayari #poem #Nojotourdu #life
है इतना भी काफ़ी के मुस्कुरा दिया कर, इश्क़-ए-तिज़ारत में ये मुनाफ़ा भी क्या कम है? #nojotohindi #Shayari #poem #nojotourdu #Life #Poetry #Love #Gif #Collab #oneliner #tariqueshadab
read moreShikha Mishra
वक़्त कोई भी हो, हमें उसी का ख़्याल आता है, हर-सू तन्हाई क्यूं है, ज़ेहन में ये सवाल आता है। ख़ुदाई न मानते उसकी बे-हिसी मोहब्बत को कभी, गर मालूम होता कि उसे तिज़ारत कमाल आता है। अरसा बीत गया, उसे हमारा मकां खाली किए, पर क्यों अब भी यादों में अक्सर उछाल आता है! जाओ, हमें न बताओ तूफ़ान-ए-हवादिस का सबब, तबस्सुम के तसव्वूर में ही हमारा ज़वाल आता है। अच्छा होता कि ये वबा हमें अपने साथ ले जाती, मकीन के बिना दिल में कहां जलाल आता है।। *बे-हिसी - without feeling *तिज़ारत - trade *तूफ़ान-ए-हवादिस - storm of misfortunes *तबस्सुम - smile *तसव्वूर - imagination *ज़वाल - decline
विलुप्त आवाज़
वक़्त को कुछ और, थोड़ी-सी हरारत चाहिए । अब ये लाज़िम है कि, हर शै को शरारत चाहिए । आईने में देखकर चेहरा, वो शर्माने लगे जैसे शीशे पर उन्हें
read moreविलुप्त आवाज़
वक़्त को कुछ और, थोड़ी-सी हरारत चाहिए । अब ये लाज़िम है कि, हर शै को शरारत चाहिए । आईने में देखकर चेहरा, वो शर्माने लगे जैसे शीशे पर उन्हें, कोई इबारत चाहिए । आज जिस्मो-जान, तहज़ीब-ओ-तमद्दुन बिक रहे और मेरे दौर को, कैसी तिज़ारत चाहिए । हिल गई दीवार, औ' बुनियाद भी हिलने लगी टिक सके तूफ़ान में, ऐसी इमारत चाहिए । लोग फिरते हैं, नक़ाबों को यहाँ पहने हुए कर सके जो बेहिज़ाबी, वह महारत चाहिए । आप करते हैं हिक़ारत, आदमी से किसलिए जबकि अपनी ही हिक़ारत से, हिक़ारत चाहिए । हम बहस करते रहे 'पंकज' जहाँ चलता रहा तय करो अहले-वतन किस ढंग का भारत चाहिए । वक़्त को कुछ और, थोड़ी-सी हरारत चाहिए । अब ये लाज़िम है कि, हर शै को शरारत चाहिए । आईने में देखकर चेहरा, वो शर्माने लगे जैसे शीशे पर उन्हें
वक़्त को कुछ और, थोड़ी-सी हरारत चाहिए । अब ये लाज़िम है कि, हर शै को शरारत चाहिए । आईने में देखकर चेहरा, वो शर्माने लगे जैसे शीशे पर उन्हें
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