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Dr Manju Juneja
काँच सा नाज़ुक दिल था मेरा जरा सी मौहब्बत में चोट लगी तो किरचा-किरचा कर बिखर गया किरचा मीन्स महीन छोटे छोटे टुकड़े
Saumitra Tiwari
।।साम्प्रदायिकता।। साम्प्रदायिकता के बीज बो कर व्यवस्था चाहिये जिसे... वैमनस्यता की आग में कुर्सी चाहिये जिसे... ये हर धर्म समाज की धरती है, राष्ट्र नीति की जननी है.... ये व्यवस्था परिवर्तन की पृष्ठभूमि है, लक्ष्यित शासन की कहानी है... भेदभाव करते हुए राजनीति चाहिये जिसे... ऐसे लोंगो से क्यों न मुक्ति चाहिये हमें... छात्र मजदूर नौजवान किसान, जब अपना हक दोहरायेंगें... अशिक्षा बेरोजगारी गरीबी भुखमरी, से निजात दिलवायेंगें... ये समय हमारा उनका होगा, जो गैर बराबरी माँगेंगें.... समय समानता और सत्ता में तब अपना हिस्सा चाहेंगें... आवाज को कुचलकर, रास्ते को रोककर, वाहवाही चाहिये जिसे... संघर्ष से सवाल, चाटुकारिता को जवाब, भूमिका चाहिये जिसे... ऐसे नीच कायरों से आजादी चाहिये हमें... ----पंडित सौमित्र तिवारी साम्प्रदायिकता की आग से मुक्ति चाहिये हमें....
Abundance
कभी तो शब्द कम पड़ेंगे मेरे कभी तो सफर रुकेगा ये पुरी महफ़िल बेतुकी बातों पर हॅसना भूल जाएगी ये बचपना, नादान बेबाक हसी की मल्लिका जिसकी चुप्पी बोलती थी औरों से कितनी अलग सभी कहेंगे नोजोतो साहब तलाश लीजिये बिखरा ढंग हमने स्वीकारा उसका ये चीनी चायपत्ती, धप्पा पर कौन लिखेगा भला स्टार्टिंग की 9 लाइन थोड़ा अजीब है ना 🥺🥺............ 🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣😇😇😊😊😊😊 #वही टो कह कर बड़े शायरों का व्यापार ठप करती लड़की 🤣🤣🤣🤣😇😇😇😇😇😇😊 ©Mallika 😡😡नहीं जाउंगी 😡😡 नो मीन्स नो.......
Abundance
अब मैं ऐसे स्टाइल करुँगी 😏😏😏 ©MALLIKA 😏😏नो मीन्स नो 😇😇😇🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣
सोचती स्याही
जो मन से मन का द्वेष भया , राम और अल्लाह खिच रहे एक दूजे के केश ! भीङ में आगे लड़ गये मुल्ल से पंडित , ओर बस पीछे रह गया मेरा देश!! " सोचती स्याही " अगर इंसानियत सभी धर्मो का आधार हैं तो साम्प्रदायिकता निराधार हुयी न? #religion #riots #delhi #harmony
Abundance
डिअर याम्हा 😘😘 i love याम्हा 😡😡 hum आपके 😡बात से सहमत नहीं हैं सबकी पोस्ट याम्हा की हैं... टो आप 😇हार जाइये 😏😏.... जिनका गिटार होटा हैं उनका हारमोनियम से कोई मतलब नहीं... 😡😡😡 hum अपने इंस्ट्रूमेंट की तारीफ karengey 😇😇तुम करो सप्तक 🤣🤣🤣🤣🤣🤣😏😏😏😏😏😏😏कौन कौन लोग हो बाबा 🤣🤣🤣🤣🤣😏😏😏🙏🙏 ©MALLIKA i love याम्हा बोलो 😡😡 😘😘😘🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣 नो मीन्स नो 😇😇😊
Krishna B. Gautam
#हैप्पीदीवाली अब हर घर में सुंदर दिये जलें भर- भरकर लोगों में खुशियाँ बटें किसान-मजदूर भी खुलकर हँसे भाईचारे की एक नई इबारत लिखे पटाखे नहीं, नफरतों का रूप जले भारत में एक ऐसी भी दिवाली मने दीवाली एक ऐसी भी।।।। #दीवाली #दीपावली #दीपोत्सव #प्रकाशोत्सव #त्योहार #प्यार #भाईचारा #अपने #पटाखे #फुलझड़ी #किसान #मजदूर #साम्प्रदायिकता #कृ
Priya Gour
आजादी के शुभ दिन की स्वर्णिम वेला है आई, जान की कुर्बानी जिसके ख़ातिर असंख्यों ने लगाई, कहा आसान थी मिलना देश को आजादी, गोरे थे अत्याचारी देश में मचा दी थी बर्बादी, उन परिस्थितियों में जिसने आवाज उठाई, क्रांति की लौ जिस-जिस ने जलाई, थे वो सब स्वतंत्रता सेनानी बड़े ही स्वाभिमानी, भारत माँ की आजादी ही जिन्होंने अंतिम साँस तक चाही, आज आजाद है मन से अब हकीकत में आजाद बनना, सोने की चिड़िया है अपना देश फिर किसीका ना गुलाम बनना, देशप्रेम की भावना को हर दिन बढ़ने देना, राम की पावन धरा को तुम ना बदनाम करना, गौरव हैं इतिहास निज धरा का वीरों की अमर बलिदानी हैं, तिरंगा लहराये सदा शान से यही हम सबने ठानी हैं, संवैधानिक देश अपना साम्प्रदायिकता इसका गहना, जाति-धर्म का भेद ना करना सब मिलकर प्यार से रहना, यही मेरी कलम का कहना जय हिंद कहने में ना झिझकना, बहुत बाँट दिया अब देश को और ना बाँटने देना, भारत का नाम हो चारों और अब यही प्रयास करते रहना। ©Priya Gour 75 वें स्वतंत्रता दिवस की सभी को हार्दिक शुभकामनाएं...❤😍🇮🇳 🇮🇳जय हिंद🇮🇳 जय भारत 🇮🇳भारत माता की जय...🇮🇳❣️ #Independence2021 #मेरादेश #भारत
Anil Ray
साम्प्रदायिक तुफान में किनारे पर अडिग स्तंभ बनने से समाधान कहाँ? अरे! नाविक उतर सागर में फिर सुंदर मोती चुन और सदा गीत प्रेम के गाता रहे। पराधीन होकर स्वयं में उलझा हुआ आदमी नहीं जानता धर्म क्या है? बस खोजता स्वयं जैसे बना लेता है एक मंच ताकि धर्म नही धंधा यह निर्बाध चलता रहे। स्वयं जले प्रेममशाल सा फिर नफरत के अँधेरे में भी रोशन जहां रहे। सम्प्रदाय चाहे जितने भी निर्मित करते जाये हम पर अनन्त: प्रकाश सिर्फ और सिर्फ......... मानवता से ही रहे। अच्छा रहेगा अनिल हम धर्म के लिए नही धर्म हमारे लिए रहे। ©Anil Ray 🌺 मानवता परमो धर्म: 🌺 विचारार्थ लेखन.............. ✍🏻 🟠संसार का प्रत्येक मानव अपनी मौलिक शारीरिक रचनानुसार समान है अर्थात