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Satish Kumar Meena
White सागर अथाह है पर, किनारे का पता नहीं। घूम रहा हूं मजबूर हो, गंतव्य का पता नहीं। अपनी जिंदगी बेसहारा बन, दांव पर मैंने ही लगाई है। सीखो उस नांव से जिसने,, लक्ष्य हेतु डुबकी लगाई है।। वक्त को गंभीरता से लें, अन्यथा बीच मझधार भी है। तुम राह की पहचान करो,, अभी उस ओर संसार भी है। मेरी कहानी अधूरी ना हो, तक़दीर मेहनत से बनाई है। सीखो उस नांव से जिसने,, लक्ष्य हेतु डुबकी लगाई है।। ©Satish Kumar Meena डुबकी लगाई है
डुबकी लगाई है #कविता
read moreNeel
White कुछ बातें जो दिल तक रहीं, ज़ुबान तक आई नहीं, कुछ इबारतें लिखी मगर, उन तक पहुंच पाई नहीं। मेरी प्रीत अपनी आंखों से, उनको जतानी चाही पर, थी धुंध में उनकी नज़र, उनको नज़र आई नहीं। 🍁🍁🍁 ©Neel मेरी प्रीत 🍁
मेरी प्रीत 🍁 #लव
read moreदूध नाथ वरुण
White ऐ चांद मुझे मेरे पी का , दीदार करा इक बार ज़रा। मन व्याकुल है मिलने के लिए,सजना से मिला इक बार ज़रा।। ©दूध नाथ वरुण #सजना #से #मिला #इक #बार #ज़रा
Arora PR
White इतना सजना संवरना वो भी मेरे जैसे ख़ुशक आदमी के लिए.. बात कुछ जचती नहीं मुझे लगता हैं तुम्हारे पास इसके सिवाय और कोई काम बचा नहीं हैं ©Arora PR सजना संवरना
सजना संवरना #कविता
read moreदूध नाथ वरुण
White हम क्या करेंगे बिन तेरे, सजना जहांन में। तू छुप गया कहां सनम, आजा तू सामने।। ©दूध नाथ वरुण #बिन #तेरे #सजना
Ghumnam Gautam
प्रीत पुनीत बड़ी मगर, समझी जाए पाप जाने किस युग प्रीत को, दिया गया यह शाप ©Ghumnam Gautam #प्रीत #पाप #शाप #दोहा #ghumnamgautam
veena khandelwal
कान्हा प्रीत का रंग चढ़ा,संग चढ़ी है भंग। आंखें कान्हा ढूंढती,डालूं उन पर रंग। जन जन से मग पूछती, कहां छिपा चितचोर - पूछे रंग गुलाल भी,होली किसके संग।। वृंदावन कोई कहे ,जॅंह कदंब अरु मोर, बरसाना की राधिका,गये कृष्ण उस ओर। मधुबन में कोई कहे,दिखे कर रहे रास- बरसाने -नॅंदगांव तक, ढूंढ रही हर ठौर।। बरसाने की राधिका, कान्हा की जो प्रीत, रंगे बिहारी संग उन, यही है ब्रज की निति। यमुना तट बेनू अधर,गोपि ग्वाल के संग- नहीं हृदय तो चरण में,जगह मिले यह रीति।। अंतस प्रिय कान्हा बिना,होली किसके संग। मतवाली सी घूमती , मुट्ठी में भर रंग। संग किशन राधा दिखी,समझी तब मैं प्रीत- अब अखियन जल सींचती,जुगल जोड़ि के अंग।। वीणा खंडेलवाल तुमसर महाराष्ट्र ©veena khandelwal #Holi होली किसके संग