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Rajababu Gour
प्रिय प्राणी प्रेमी प्रेरणा को प्रसरित किया करो रसिकप्रिय होकर प्रेमी वाणी से वार्ता किया करो प्रेमी वार्ता
Patare b. r
पाऊलं हळू हळू पुढे टाका, कारण लोकांनी काही सांगण्या आधिच आपण, जग जिकंलेले असेलं . संघर्षशील वार्ता 😊
SUSHIKRI MURYAVANSH
हे क्षितिज! आवाज़ यदि दिया करूं थोड़ा समझ जाया करो, बेशक तुम दूर हो मुझसे फिर भी मुझे अच्छे लगते हो, इतना समझ जाया करो। जानती हूं तुम पास कभी नही आ सकते, मगर दोनों के मिलन से ही मुग्ध हो फिरती हू मै, हे क्षितिज ! रोज ऐसी ही खूबसूरती से मेरा मन बहलाया करो,। हे क्षितिज! आवाज़ यदि दिया करू थोड़ा तो समझ जाया करो, ©SUSHIKRI MAURYVANSH क्षितिज सुशिकृ वार्ता #Sunrise
Mamta kumari
क्या बताऊँ माँ कैसा है मेरा हाल दिन बिताना हो रहा है बुरा हाल उलझी हु कि कैसे पुछू तेरा हाल जीवन चक्र में फसी हु ,हो जाल रात को तेरी याद ज्यादा आने लगता है। तेरी कहीअनकही बात याद आने लगता है जब कभी कोई त्योहार आने लगता है तेरे साथ बिताये समय सोना लगने लगता है । माँ और बेटी की वार्ता ।
Bhavna Bhatt
*अंधेरी रात* लघुकथा.. २९-१२-२०२१ महामारी की वजह से शहर में रहते बेटा बहु गांव में रहने आये और अकेले रहते मनु दादाजी और जमुना दादी के पास सब परिवार इकठ्ठा हो गया और रोज नितनये व्यंजन बनते और घर का माहौल खुशनुमा हो गया.. जब कोरोना का जोर कम हो गया तो सभी दादाजी और दादी को गांव में अकेला छोड़कर आ गये.. दादाजी दादी को बोले *चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात* हमे अकेले ही रहना है..।।। *©* भावना भट्ट अहमदाबाद गुजरात) ➖〰️➖〰️➖〰️➖〰️➖ ©Bhavna Bhatt अंधेरी रात... वार्ता...#Nojoto #Moon
Shailendra Anand
जीवन के कुछ स्मरणीय पल परम सखा, श्री मुकेश जी सिगारियाँजी ््शीर्षक ्् संग़ाम साथी सादर वन्दे, प्रिय मित्र मित्रता संवादो से जिस मुकाम पर पहुंची है।जो जीवन की खट्टी मीठी यादों के लिए स्मरणीय पलो में से एक है।आपके साथ बीते दस माह में निश्चय ही कुछ अपनी विशेष ताऐ लिए दिलो में कुछ झलकियो के रुप में अपने विचारों में व्दंद रखती है। अपने विचारों की असमानता और अनुभव के ख्यालों में निश्चय ही कही विरोधाभास रहा होगा। ,, मतभेद होना चाहिए लेकिन मनकाभेद नहीं होना चाहिए।,, हमने आपको समझा आपके संघर्ष को एक दिशा मानकर जिस जूझारुपन से अपनो से लडना किसी मन में वो कान्ति से कम नहीं जो मन में शोलो की गर्जना सुनकर अपने को कहीं किसी ओर दिशा में मन को बहलाकर इस पूरजौर कोशिश में जो समय मां चामुण्डा देवी की नगरी में देवास की भगवती सराय में जो भी शरणागत आता है वो भाग्य के साथ राजा भर्तृहरि की नगरी में पुनः स्थापित हो जाता है वो मां का आशीर्वाद ही मुझे भावुक बना दिया है। दिल में प्रेम के बीज डाल कर इन्सान को भगवान बना दिया गया है। लेकिन दिल का हाल दिल ही जाने जिस तंरग में वो धडकने चले वो हाल वो वाकयात उस समय घड़ी पल की सही बुनियाद होती है। लेकिन भटकाव उत्तेजना मन की अशांति दिशाहीन कर देती है। मैं विधार्थी हूं जीवन से कुछ सीखना चाहता हूं शायद आपकी बातों का स्मरण कही किसी के अच्छे कार्यो में किसी का सहायक बन सके। ऐसैं विचार मैं रखता हूं,, क्योंकि कमल कीचड में ही खिलता है लेकिन उसकी सुन्दरता कभी औझल नहीं होती है।,, तुम्हें इतनी खुशियां मिले वक्त का फासला जो कम हो जायजहा भी रहो हौसला बुलन्दियो पर रहे। जिन्होंने वो सोचा नहीं था। वो इन्सान की पहचान कर नहीं सकते।,, जहां स्वार्थ का घरौंदा हो वहां तबाही का मंन्जर देखा जा सकता है।,, कुछ करे ऐसा जो मन के भाव से तुम अपनी यादों में बस जाय।बीता कल आज के सुनहरे पलों में गुजर जाय। कुछ इन पंक्तियों के साथ तुम हमें कुछ भी समझो, हम तुम्हें अपना समझते है। विचार तुम्हारे जो भी हो, दिल से बडे प्यारे लगते हो। मिले थे हम कभी साथ तुम्हारे, जो भूल ना सके कभी। कुछ कर दिया ऐसा जो, किसी से दूर ना हो सके। वो नाम तेरा मुकेश, जो कभी संगीत की लहरों में गुंजता रहा। दिलों में सपना था,मेरा, जो कर्म करो ऐसा। जो लोग तुम्हें याद करे। देवो का वास में वो नाम हो तेरा। जो कर्मभूमि रही हो तुम्हारी, उन साथियों का कल्याण हो। ऐसी कामना करता हूं। ््््््् कवि शैलेंद्र आनंद 9,,6,,2023 ©Shailendra Anand #Silence विचार संग़ाम साथी मित्र वार्ता,,