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अदनासा-
Kavi Rahul Jangid { राह़ }
कल कल ना करो आज ही रहने दो ! ज़रा प्रेम भी अगर हमसे हो !! के लिख सुनाया करो कविता प्रेम पर.. ! अन्यथा, कविराज को राज़ ही रहने दो !! ©Kavi Rahul Jangid { राह़ } 🫴कविराज को राज़ ही रहने दो...🙏🌹 #kaviraj #Poetry #viral #viralshayari #muktak #ViralPoetry #ViralStatus #viralshorts #viralstory
N S Yadav GoldMine
मंदिर की सात परिक्रमा करने से मिलता है गिर्राजजी की सप्तकोसीय परिक्रमा का पुण्य आइये जानिए !! 📯📯 राधा दामोदर मंदिर :-{Bolo Ji Radhey Radhey}सप्त देवालय राधा दामोदर मंदिर, सात परिक्रमा देती है ये अनूठा फल, रोचक है इतिहास :- 🌅 चैतन्य अनुयायी जीव गोस्वामी ने प्रतिष्ठित किए ठा. राधादामोदर। मंदिर की सात परिक्रमा करने से मिलता है गिर्राजजी की सप्तकोसीय परिक्रमा का पुण्य। जगन्नाथ जी एवं स्वयं भगवान श्रीकृष्ण द्वारा जीव गोस्वामी को प्रदत्त गिर्राजजी की शिला के दर्शन भी यहां भक्तों को हो रहे हैं। 🌅 गौड़ीय वैष्णव परंपरा के षड्आचार्यों में शामिल श्रील जीव गोस्वमी के सेव्य ठा. राधादामोदर देव का मंदिर वृंदावन में सेवाकुंज के समीप स्थित है। मंदिर में श्रीकृष्णदास कविराज द्वारा सेवित राधा वृंदावनचंद्र, रूप गोस्वामी द्वारा प्रतिष्ठित जीव गोस्वामी पाद के सेव्य ठा. राधादामोदर देव जिनके वामांग में राधारानी तथा दाईं ओर ललिता सखी, गीत गोविंद के रचनाकार जयदेव गोस्वामी के आराध्य ठा. राधामाधव तथा भूगर्भ गोस्वामी के प्राणनिधि राधा छैलचिंकन प्रभु विराजमान हैं। 🌅 जगन्नाथ जी एवं स्वयं भगवान श्रीकृष्ण द्वारा जीव गोस्वामी को प्रदत्त गिर्राजजी की शिला के दर्शन भी यहां भक्तों को हो रहे हैं। एक ही मंदिर में इतने दिव्य दर्शन वृंदावन के किसी दूसरे मंदिर में संभव नहीं। तभी तो वैष्णव संप्रदाय में राधादामोदर मंदिर की साधना को सबसे बड़ी साधना माना गया है। यहां के बारे में उल्लेख है कि मंदिर की सात परिक्रमा करने से गिर्राजजी की सप्तकोसीय परिक्रमा का पूरा पुण्य श्रद्धालु को मिल जाता है। 🌅 सन् 1543 में माघ शुक्ला दशमी के दिन मंदिर में चैतन्य महाप्रभु के पार्षद श्रीरूप गोस्वामी ने ठा. राधादामोदर देव को प्रतिष्ठित किया। उनकी सेवा का दायित्व जीव गोस्वामी को सौंप दिया। ऐतिहासिक प्रसंग है कि इसी के साथ के साधक चैतन्य महाप्रभु के अनुयायी सनातन गोस्वामी प्रिदिन वृंदावन से गोवर्धन जाकर गिरिराज जी की परिक्रमा करते थे। 🌅 किंतु वृद्धावस्था में सनातन गोस्वामी की शिथिलता और दृढ़ आस्था में दृवित होकर ठाकुरजी ने खुद उनको अपने चरण चिन्ह, वंशी, लकुटी और गाय के खुर से अंकित यह शिला प्रदान की जो सकल मनोरथदायक गिरिराज परिक्रमा का फल मंदिर की सात परिक्रमा करने पर आज भी दे रही है। 🌅 राधादामोउदर दर्शन के साथ भ्ज्ञक्त बड़ी संख्या में इस शिला की सात परिक्रमा जरूर करते हैं। रूप गोस्वामी की भजन कुटी व समाधि, जीव गोस्वामी व कृष्णदास कविराज गोस्वामी की समाधि तथा जयदेव गोस्वामी की समाधि मंदिर परिसर में ही स्थित है। इसके साथ ही सैकड़ों गौड़ीय आचार्यों की समाधि मंदिर परिसर में स्थित है। 🌅 मुगलिया विप्लवकाल में राधादामोदर मंदिर भी जयपुर में स्थापित करवाया गया। सन् 1739 में पुन: मंदिर के श्रीविग्रहों को पुन: वृंदावन के मंदिर में विराजित करवाया गया। इसके साथ ही सैकड़ों गौड़ीय आचार्यों, भक्तों और संतों की समाधियां भी मंदिर में स्थित हैं। 🌅 भक्ति वेदांत स्वामी प्रभुपाद ने वृंदावन आकर सबसे पहले राधादामोदर मंदिर में ही निवास किया और इसी को अपनी साधना स्थली बनाया। यहीं साधना करते हुए श्रील प्रभुपाद ने श्रीमद्भागवत गीता का कई भाषाओं में अनुवाद भी किया। वात्सव में ठा. राधादामोदर मंदिर गौड़ीय संप्रदाय के समृद्ध ग्रंथागार के रूप में स्थापित रहा है। ©N S Yadav GoldMine #yogaday मंदिर की सात परिक्रमा करने से मिलता है गिर्राजजी की सप्तकोसीय परिक्रमा का पुण्य आइये जानिए !! 📯📯 राधा दामोदर मंदिर :-{Bolo Ji Radhe
Vikrant Gosavi
माझ्या तुझ्या नात्याला नजर ना कोणाची लागावी, साथ तुझी माझी ही कायम अशीच राहावी, झालीच कधी आपल्यात कोणत्या गोष्टीवरून कट्टी तर चुकतंय कुठे शोधून पुन्हा करूयात आपली बट्टी. सुप्रभात माझ्या मित्र आणि मैत्रिणीनों आजचा विषय आहे चुकतंय कुठे... #चुकतंय हा विषय कविराज धनंजय देशमुख यांचा आहे. चला तर मग यांच्या विषयावर
Darshan Blon
किस्मत का ही खेल है ये जो वीरानियों में मुझे तू मिला, राही में था यहाँ तनहा-अकेला जीने का तुझसे - मुझे बहाना मिला! किसीने न समझा मेरे प्यारको वफा को मेरे - सबने दगा ही दिया, राह में छोड़ा - मुझे बेसहारा करके जीना तक मेरा दुस्वार किया! कहाँ से आयी तुम किस जहां से? वजह जीने का - मुझे तुमने दिया, रोशन कर के मेरे अँधेरे आकाशको जगमग सितारों से - सजा तुमने दिया! #acrosticpoem on my pen name Kaviraj (कविराज)!! #apmchallenge #napowrimo #hindipoetry #myname #myself #yqbaba #yqdidi
Rashmi Hule
का अशी अचानक गेलीस मनी प्रश्नांचे काहुर माजले ह्रदयी उठती वादळे अन् नभ ही दाटूनी आले पुरुषाचे रडणे का कधी समाजाने स्विकारले ?? रडतोस काय बायकांसारखा असे नेहमीच हिणविले आम्हाला हि भावना आहेत कुणी आहे का जाणले?? रात्रीच्या अंधारात मग रिते आभाळ झाले... कसा जगु तुझ्या विना काही कळेना झाले मला काहीच कळेना झाले... सुप्रभात सुप्रभात माझ्या मित्र आणि मैत्रिणीनों आजचा विषय आहे रिते आभाळ... हा विषय कविराज धनंजय देशमुख यांचा आहे. #रितेआभाळ #collab #yqtaai
Dr Praveen Kumar Anshuman
जज़्बातों के क़ाबिल तो जीने वाले बनते हैं मरने वालों ने तो ये अफ़साना लिखा ही नहीं #YourQuoteAndMine Collaborating with कविराज यदुवंशी Collaborating with Saumya Darshana
Vinod Umratkar
अंगणातील माझ्या तुळस तू होशील का ? । माझ्या घर मंदिराचा कळस तू होशिल का ? । शुभ संध्या मित्रहो आताचा विषय आहे अंगण.. #अंगण हा विषय कविराज धनंजय देशमुख यांचा आहे चला तर मग मस्त मस्त लिहुया. #YourQuoteAndMine Collabor
yogesh atmaram ambawale
वाचूनी कविता,तू जे विचार करतेस ते खरे आहे, कवितेच्या प्रत्येक शब्दात आपल्याच भेटीचे वर्णन लिहिले आहे. तिच्या मनातला मी... #कविराज_धनंजय #YourQuoteAndMine Collaborating with कविराज धनंजय कोळीकर वाचूनी कविता,तू जे विचार करतेस ते खरे आहे, कविते