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Mahesh Patel

सहेली... गजल... लाला....

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White सहेली......
आंखें उसकी सजल है..
बातें उनकी सरल है..
घूंघट में मिला हुआ चेहरा कमल है..
कैसे कहूं यारों..
वह गीत है वह मित भी है..
यह दर्द में डूबी हुई.. 
फिर कोई हमारी गजल है..
लाला..…..

©Mahesh Patel सहेली... गजल... लाला....

Shilpa Yadav

#lovelife #गजल#गजल_सृजन #shilpayadavpoetry R Ojha Neel Vishalkumar "Vishal" Ravi Ranjan Kumar Kausik Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय"

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Unsplash आजकल लिख रही हू मनमर्जियां अपनी
सच कह नहीं सकती तो झूठ उधार लेती हूं
बेशक मैं दर्द ए मुरीद सी भूल जाऊं खुदको
अपने शब्दों से लोगों को सुधार देती हूं
तरबियत इतनी कि तबियत खराब कर दूं
कह दो जरा तो अपनी न सही दूसरों की
भी जीवनी को पन्ने पर उतार देती हूं
मैं वो शख्श हूं जिसका जमीर जिंदा है
सच कह नहीं रकती तो झूठ उधार लेती हूं

©Shilpa Yadav #lovelife #गजल#गजल_सृजन #shilpayadavpoetry R Ojha  Neel  Vishalkumar "Vishal"  Ravi Ranjan Kumar Kausik  Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय"

poet-Akash kumar

#गजल 7:30

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Bharat Bhushan pathak

poetry hindi poetry hindi poetry on life poetry in hindi इस छंद में विशेष :-5वीं,8वीं 17वीं व 20वीं मात्रा लघु।

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दिग्पाल (या मृदुगति) छंद 
मापनी- 221 2122 221 2122 
लगावली- गागाल गालगागा गागाल गालगागा 
छंदाधारित फिल्मी गाने- 
1) छोडो न/ मेरा’ आँचल/, सब लोग/ क्या कहेंगे 
2) सारे ज/हाँ से’ अच्छा/ हिन्दोस/तां हमारा 


मानो अभी यहाँ जो बातें तुम्हें बताऊं।
संस्कार इस जगत में पूजित हुआ सुनाऊं।।
पशुवत हुआ मनुज जो संस्कारहीन होता।
सोचें भला जगत जो वह प्रेमनीर सोता।।

©Bharat Bhushan pathak  poetry hindi poetry hindi poetry on life poetry in hindi
इस छंद में विशेष
:-5वीं,8वीं 17वीं व 20वीं मात्रा लघु।

Bharat Bhushan pathak

#छंद #छंदज्ञान #प्रयत्न#प्रयत्न_करते_रहो hindi poetry on life poetry hindi poetry poetry loversमत्तगयंदसवैयाछंदप्रयास

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Unsplash नाथ अनाथ सनाथहि हो जब माता पिता अरु संगन भ्राता।
क्लेश नहीं जब द्वेष नहीं तब दृश्य अतीव मनोरम छाता।।

©Bharat Bhushan pathak #छंद #छंदज्ञान #प्रयत्न#प्रयत्न_करते_रहो  hindi poetry on life poetry hindi poetry poetry lovers#मत्तगयंदसवैयाछंदप्रयास

Mohan Sardarshahari

# गजल

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Unsplash दोस्तों से मुश्किल है हकीकत छुपाना 
जैसे हवा से अलग रवानी को रखना। 

जिंदगी के अनुभव बेशक अलग-अलग होंगे 
मुश्किल नहीं मगर एक दूजे की कहानी समझना। 

इशारों में समझाना बहुत कर लिया 
चलो दोस्तों से करते हैं वही व्यवहार बचकाना। 

यदि कभी कुछ सुनाना पड़े दोस्तों को 
बस याद उनकी एक-एक शैतानी दिलाना। 

मिलकर यदि किसी दोस्त से छलक जाए आंसू 
शाम को उड़ा देना उनको तेरे नाम के पैमाना। 

देखी होंगी दशकों में कई नायाब इमारतें तूने 
होना हो रूबरू जवानी से, बार-२ तेरे कॉलेज जरूर जाना।।

©Mohan Sardarshahari # गजल

Sayah~

#kahaaniyan #गजल #gazal Shayari Poetry

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Ashok Verma "Hamdard"

गजल

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White गजल

सहर के आँचल में चाँद सोया, फिज़ा में नर्मी नई नई है,
घरों में जलती हैं आरतियाँ, दुआ में गर्मी नई नई है।

सफर में साथी बने हैं तारे, ख़ुशी के क़िस्से कहें न थमते,
जो चाँदनी है ये चुपके चुपके, अभी वो राहत नई नई है।

लगे हैं बगिया में फूल महके, सुना है जुगनू मिले उजाले,
जो रुत है बदली हवाओं से, अभी तो रंगत नई नई है।

नज़र से छलका जो इश्क़ गहरा, वो बात लफ़्ज़ों से फिर न निकली,
जो हाल दिल का बयाँ हुआ है, अभी तो हालत नई नई है।

हुनर को पहचाना दुनिया ने, जमीं पे क़दमों का जादू छाया,
अभी जो रुतबा मिला है तुमको, ये सारी शोहरत नई नई है।

जहाँ में उठती हैं आज आँधियाँ, जलें हैं दीपक बने सहारे,
अभी जो सूरज चमक रहा है, उसकी ये हिम्मत नई नई है।

©Ashok Verma "Hamdard" गजल

Shiv Narayan Saxena

#rajdhani_night छंद रचना poetry in hindi

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White ताटंक छंद 

नाम जपे से जन्मों के अघ, कटें कृपा तब पाता है।
प्रभु ऐसे भक्तों से मिलने, खुद चलकर के आता है।।
भाव भक्ति में जब आता है, इष्ट सखा बन जाता है।
किसी और पर भक्त नहीं बस, प्रभु आश्रित हो जाता है।।
'शौक' अनोखा खेल अनोखा, प्रभु से अपना नाता है।
यही मान जो जिये जगत में, प्रभु का प्रिय हो जाता है।।

©Shiv Narayan Saxena #rajdhani_night छंद रचना  poetry in hindi

Shiv Narayan Saxena

#sad_quotes छंद रचना poetry in hindi

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White ताटंक छंद 

राजनीति में जनता कपिला, कैसा खेल निराला है।
कभी न लात उठाती कपिला, नेता भरता हाला है।।
अपनी इस चालाकी पर वह, मन ही मन इठलाता है।
पकड़े जाने के डर से वह, खाता और खिलाता है।।
नेता अफसर में बस केवल, इतना सा ही नाता है।
खुद खाओ और हमें खिलाओ, भारत भाग्य विधाता है।।

©Shiv Narayan Saxena #sad_quotes छंद रचना  poetry in hindi
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