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Sumit Hansarian

facts about कैलाश पर्वत #जानकारी

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Hrg Facts

कैलाश पर्वत के अनसुलझे रहस्य #hrgfacts #Shiva shiv #kailash #Bhagwan #Shankar #Shorts #पौराणिककथा

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bajanbolda

#Trip ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया बम-बम, बम-बम ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने

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rahasyamaya tathya

कैलाश पर्वत का रहस्य:- तिब्बत में स्थित कैलाश पर्वत का रहस्य सर्वविदित है़। जिस रहस्य का पता लगाने के लिए एक बार एक बौद्ध योगी, जिसका नाम म #more #सस्पेंस

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 कैलाश पर्वत का रहस्य:-

तिब्बत में स्थित कैलाश पर्वत का रहस्य सर्वविदित है़। जिस रहस्य का पता लगाने के लिए एक बार एक बौद्ध योगी, जिसका नाम म

Divyanshu Pathak

अहंकार ही व्यक्ति को रावण बनाता है। शिव से प्राप्त शक्ति के अहंकार से ग्रस्त होकर कैलाश पर्वत को उठाने चला था। शिव से वर प्राप्त करके भस्मास

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भौतिक जीवन का लक्ष्य भोग है,
आध्यात्मिक साधनों का लक्ष्य मोक्ष है।
यही हमारे मन की दो धाराएं हैं।
मन ही किसी धारा में फैलता है,
वही सिकुड़ता है।
अहंकार ही पतन की शुरुआत है।
अहंकारी किसी दूसरे को नहीं
स्वयं को खत्म कर लेता है।
अहंकार का कोप पीढिय़ों को
भोगना पड़ता है। अहंकार ही व्यक्ति को रावण बनाता है। शिव से प्राप्त शक्ति के अहंकार से ग्रस्त होकर कैलाश पर्वत को उठाने चला था। शिव से वर प्राप्त करके भस्मास

TARUN KUMAR VIMAL

अभी अभी #शिव-पुराण पढ़ क़र पता चला है कि, #कैलाश पर्वत पर ही #स्वर्ग है, ज़िसको जाना है अभी निकल लो, और आना मत वहा से. #tarun_kumar_vimal

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अभी अभी शिव-पुराण पढ़ क़र पता चला है कि, कैलाश पर्वत पर ही स्वर्ग है,
ज़िसको जाना है अभी निकल लो, और आना मत वहा से.
#tarun_kumar_vimal अभी अभी #शिव-पुराण पढ़ क़र पता चला है कि, #कैलाश पर्वत पर ही #स्वर्ग है,
ज़िसको जाना है अभी निकल लो, और आना मत वहा से.
#tarun_kumar_vimal

alfaaz

सारा ब्रह्मांड झुकता है जिस के कदमों में , मेरा प्रणाम है उन "शिव" के चरणों में..... कैलाश पर्वत पर वास है जिनका, "बाबा भोलेनाथ" नाम है उन #कविता

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सारा ब्रह्मांड झुकता है जिस के
कदमों में ,
मेरा प्रणाम है उन "शिव" के चरणों में.....

कैलाश पर्वत पर वास है जिनका, 
"बाबा भोलेनाथ" नाम है उनका.....
फ़ेली है इस संसार मे 'महकाल' की माया,

चार जिनके धाम है वह सबसे विकराल है.....
जो समय की चाल है,
अपने भक्तो की ढाल है ।
पल मे बदल दे सृष्टि की माया,
वो ऐसे 'ओंकार' है .....

जब सुकून नही मिलता इस जग मे तब खो जाती हूँ "महादेव" की भक्ति मे.....

वक्त खराब है जिंदगी नही यही विश्वास है "हर" की भक्ति मे.....

सारा ब्रह्मांड झुकता है जिस के
कदमों में ,
मेरा प्रणाम है उन "शिव" के चरणों में!!  

महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ..... 🙏 

अल्फ़ाज़ ✍️

©alfaaz सारा ब्रह्मांड झुकता है जिस के
कदमों में ,
मेरा प्रणाम है उन "शिव" के चरणों में.....

कैलाश पर्वत पर वास है जिनका, 
"बाबा भोलेनाथ" नाम है उन

राम राम

जय शिव शंभू डमरु बजा कर पूरी दुनिया संसार को देखा करते हैं भगवान भोलेनाथ व्हाट्सएप नहीं चलाते हैं भोलेनाथ भगवान मोबाइल पर दिल से देखो सावन #Doctors

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जय माता दी
 राम जय श्री सीताराम
 सत्य विजय तिवारी करता है शायरी

किसी को हमने कहा मैंने अपना बरसों पहले
अब किसी अपने ने ही दिल तोड़ा है
याद करके अभी भी दिल के जज्बात रोक नहीं पाया
हूं
दिल के हर दर्द को छलक ने दिया अपने आंखों से मैंने तब जाकर मुस्कुराया हूं


किसी को अपना मत कहना अब हम अपने दिल को बहुत देर के बाद समझ आया हूं छलक गए आंखों से आंसू बनकर वह हर जज्बात तब जाकर मुस्कुराया


मतलबी से मिलकर दिल ने एहसास किया
अजनबी दुनिया कोई नहीं है अपना मिले हैं महादेव के चरणों में सारे संसार का सुख दिल
 ने यह हमारे अनुभव किया जय महादेव माता पार्वती की जय ॐ नमः शिवाय ईलू शायर

©राम राम जय शिव शंभू
डमरु बजा कर
पूरी दुनिया संसार को

देखा करते हैं
भगवान भोलेनाथ
व्हाट्सएप नहीं चलाते हैं भोलेनाथ भगवान मोबाइल पर
दिल से देखो सावन

Divyanshu Pathak

सज्जन हो मन आपणों, शान्ति रहे प्रदेश। शिक्षा और सौहार्द से भरा रहे यह देश। भटके पथ हैं आपणों, कुटिल क्रूर आवेश। बढ़ती जाती वासना,बदल बदल #yqdidi #YourQuoteAndMine #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #मुख्यप्रतियोगिता #KKC1042 #पाठकपुराण

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सज्जन हो मन आपणों, शान्ति रहे प्रदेश।
शिक्षा और सौहार्द से भरा  रहे  यह  देश।

भटके पथ हैं आपणों, कुटिल क्रूर आवेश।
बढ़ती जाती वासना,बदल बदल कर भेष।

रक्षक ही भक्षक  हुए, तक्षक  हुए  प्रवेश!
जन्मेजय की आवणी बोलो तुम अनिमेष।

तुम अपनी दो चतुराई, दृणता रहे विशेष।
कर्तव्यों की राह पर रहे ना कुछ भी शेष।

दूर करो संकट सभी और मिटाओ क्लेश।
सुख वैभव से वार  दो  मंगलमूर्ति  गणेश। 
सज्जन हो मन आपणों, शान्ति रहे प्रदेश।
शिक्षा और सौहार्द से भरा  रहे  यह  देश।

भटके पथ हैं आपणों, कुटिल क्रूर आवेश।
बढ़ती जाती वासना,बदल बदल

Vedantika

अच्युथ भव: यश धन रिद्धि सिद्धि के दाता। प्रथम पूज्य की है यह एक गाथा। माता पार्वती के मन में पुत्र की इच्छा ने जन्म लिया। अपने मैल से उन्ह

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अच्युथ भव:

यश धन रिद्धि सिद्धि के दाता।
प्रथम पूज्य की है यह एक गाथा।

माता पार्वती के मन में पुत्र की इच्छा ने जन्म लिया।
अपने मैल से उन्होंने निर्जीव मूरत को साकार किया।

प्राण प्रतिष्ठा की उसमें और उसको जीवन दिया।
एक सुंदर से बालक ने माता शब्द का उद्घोष किया।

उसके मुख से माता सुन माता का हृदय झूम उठा।
क्या आज्ञा हैं मेरे लिए ये सुनकर ध्यान था टूटा।

सखियों संग मैं अपने कक्ष के भीतर जाती हूँ।
कोई न आने पाए भीतर तुम्हें रक्षक बनाती हूँ।

निश्चिंत हो स्नान कीजिए कोई त्रुटि न होने दूंगा।
चाहे प्राण चले जाए पर अंदर किसी को न आने दूंगा।

एक बालक अपनी माता के कक्ष के बाहर दे रहा था पहरा।
आने वाले समय का कुचक्र होने वाला था कुछ गहरा।

भोलेनाथ शिव शंकर लौट कर कैलाश पर्वत पर आए थे।
उमा से भेंट करने के लिए वे हृदय से अकुलाए थे।

(अनुशीर्षक में……)
 अच्युथ भव:

यश धन रिद्धि सिद्धि के दाता।
प्रथम पूज्य की है यह एक गाथा।

माता पार्वती के मन में पुत्र की इच्छा ने जन्म लिया।
अपने मैल से उन्ह
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