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santosh creation
येशील कधी आडोश्याला चंमचंमत्या चांदण्या राती देशील कधी तुझा हात माझ्या हाती ©santosh creation काळोख
Shankar kamble
*गर्द दाटला अंधार सभोवती* *हरवून गेल्या वाटा* *वादळात भरकटे किनारा* *नेती दूर लाटा* *हाती गवसले होते काही* *क्षणांत निसटून गेले* *प्रकाशातले जगणे सरले* *घन अंधारून आले* *क्षणिक सुखाचे रंग फसवे* *मोहवी मन चार क्षणाला* *बहर सरता येई पानगळ* *एकाकी जग भास उद्याला* *नभांगणी तळपती अविरत* *अगणित तेजोराशी* *काळोखाचा श्राप भोगतो* *काजवा मी मंद प्रकाशी* *माझ्याच कोशी गुरफटलो* *विणले अभासी जाळे* *उतरता भोग समाधी* *निवळले गढूळ जळ निळे* ©Shankar kamble #अंधार #काळोख #वाट #वाटा #काळोख😢🖤Fearofdarkness😢काल #Moon
Prerana Jalgaonkar
रात्रीचा अंधार मनाला भावतो... गुपित ठेऊन माझा एकेक अश्रू स्वतःत सामावतो.... --प्रेरणा #yqtaai #bestofyqmarathiquotes #yqquotes #yqthoughts #रात्र #काळोख
Prerana Jalgaonkar
रात्रीचा अंधार मनाला भावतो... गुपित ठेऊन माझा एकेक अश्रू स्वतःत सामावतो.... --प्रेरणा #yqtaai #bestofyqmarathiquotes #yqquotes #yqthoughts #रात्र #काळोख
Kishan Gupta
किचन की रानी, तू पसीने से लतपत, पंखा बना, मुझे घुमाये जा रही हो,, चाय कब तक यूँ ही, फीकी पिलाओगी, इलायची के इंतजार में, अदरक पीसे जा रही हो। ~किशन गुप्ता #कविता #कविता #
Awanish Singh
दीप हूँ जलता रहूँगा । मैं प्रलय की आँधियों से, अंत तक लड़ता रहूँगा ।। पार जाऊँगा मेरा साहस, कभी हारा नहीं है। जो मिटा अस्तित्व दे, ऐसी कोई धारा नहीं है ।। कौन रोकेगा स्वयं तूफान, थककर रुक गये हैं । हर लहर मेरा किनारा, ध्येय तक बढ़ता रहूँगा।। दीप हूँ जलता रहूँगा । मैं प्रलय की आँधियों से, अंत तक लड़ता रहूँगा ।। तोड़ दी अवरोध की सारी, शिलाएँ एक क्षण में । मैं धरा का प्यार मुझको, स्नेह देते सब डगर में।। शीत वर्षा और आतप कर, न पाये क्षीण गति को। बिजलियों की कौंध में भी, पंथ गढ़ता ही रहूँगा।। दीप हूँ जलता रहूँगा । मैं प्रलय की आँधियों से, अंत तक लड़ता रहूँगा ।। ©Awanish Singh (AK Sir) #कविता #कविता
Balu Khaire
भीगी हुई आँखोका मंजर न मिलेगा, घर छोडकर मत जाओ कही घर ना मिलेगा। फिर याद बहुत आएगी जुल्फो की शाम, जब धूप मे साया कोई सर न मिलेगा। आंसू को काभि ओस का कतरा न समझना, ऐसा तुम्हे चाहत का समुदर ना मिलेगा। इस ख्वाब के माहोल मे बे-ख्वाब है आँखे, जब निंद बहुत आएगी बिस्तर ना मिलेगा। ये सोचलो आखरी साया है मोहब्बत, इस दरसे उठोगे तो कोई दर ना मिलेगा ©Balu Khaire कविता कविता #lonely