Find the Latest Status about दुष्टों का संहार from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, दुष्टों का संहार.
Sanket Bharti
हे काली रक्त का, आहार कर तू। दुष्टों का संहार कर तू। हाथ खप्पर , नर मुण्ड माल लिए कर त्रिशूल और, तलवार लिए। हे काली रक्त का, आहार कर तू। दुष्टों का संहार कर तू। कर सेवन इनके
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
लेकर हाथ त्रिशूल में , आओ माँ संसार । भक्तों का उद्बार कर , दुष्टों का संहार ।। दुष्टों का संहार , करो अब मेरी माता । द्वार तुम्हारे आज , लगा भक्तों का ताता ।। कृपा करो हे मातु , सभी को खुशियाँ देकर । तुमको रहें पुकार , पुष्प हाथों में लेकर ।। २४/०३/२०२३ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR लेकर हाथ त्रिशूल में , आओ माँ संसार । भक्तों का उद्बार कर , दुष्टों का संहार ।। दुष्टों का संहार , करो अब मेरी माता
Parul Sharma
आज बहुत दर्द उड़ेला है मैंने महादेव इससे ही जलाभिषेक करना जल की धार कल भी होगीं बस मेरे पूजन को स्वीकार करना कृपा करो तो बस इतनी करना की अपनों का साथ देना और दुष्टों का संहार करना पारुल शर्मा #gif आज बहुत दर्द उड़ेला है मैंने महादेव इससे ही जलाभिषेक करना जल की धार कल भी होगीं बस मेरे पूजन को स्वीकार करना कृपा करो तो बस इतनी करना की अ
Jyotish Jha
नारीवाद के बहाने जाने कितने जिंदगी बर्बाद किये इस इंसानों ने तो भगवानों के भी व्यापर किये नफ़रत की दुनिया को छोड़ के क्यों न हम साथ चलें #nehadhupia #fakefeminism #drjyotishwrites नारी को सत सत बार प्रणाम 🙏🙏🙏 जब तक पर्दे में है तब तक ही ये नारी है मत समझो नारी को अबला ये झाँसी
Insprational Qoute
(Ryhme poem ABABACAD) सचरित्र-सरिता सम उड़ेलती निश्चल मधुर मुस्कान है, जीवनभर ग़मो का टुक हे नारी तू अधरों तले दबाती , पग पग पर दी अग्निपरीक्षा,जलाये तूने अपने सु स्वप्न है, मिलता नहीं सम्मान सम उपहार अपनों की चिंता बस सताती, युगों युगों में तेरी महिमा का बखान है,तेरी शक्ति अपरंपार है, पर कुछ मूर्ख आज भी नही न समझ रहे,धन मोह में तेरी चिता जलाई, कभी बेटी,कभी सहधर्मिणी,कभी ममतामयी माँ तेरे अनेक स्वरूप हैं, जब तेरी सीमा कोई भंग करता है तो तू बन दुर्गा करती दुष्टों का संहार। सचरित्र-सरिता सम उड़ेलती निश्चल मधुर मुस्कान है, जीवनभर ग़मो का टुक हे नारी तू अधरों तले दबाती , पग पग पर दी अग्निपरीक्षा,जलाये तूने अपने सु
Devesh Dixit
गरल (दोहे) गरल भरे मन में यहाँ, देखो जो इंसान। कष्ट भोगता है वही, कहते हैं भगवान।। दुष्ट धरे जो भावना, वो बदले की राह। मर्म उसे सोहे नहीं, करे गरल की चाह।। गरल धरे जो कंठ में, वो हैं भोले नाथ। दुष्टों का संहार कर, भक्तों का दें साथ।। करे गरल का त्याग जो, सज्जन उसको मान। छोड़ सभी वह द्वेष को, करता सुख का पान।। गरल भरे आस्तीन में, छिप कर करता वार। अपमानित होता तभी, मन में रखता भार।। .............................................................. देवेश दीक्षित स्वरचित एवं मौलिक ©Devesh Dixit #गरल #दोहे #nojotohindipoetry गरल (दोहे) गरल भरे मन में यहाँ, देखो जो इंसान। कष्ट भोगता है वही, कहते हैं भगवान।। दुष्ट धरे जो भावना, वो
AK__Alfaaz..
✴️❇️✳️मैं "द्रौपदी"..नवयुग की ✳️❇️✴️ मै यज्ञ जन्मा द्रौपदी नही.., फिर भी द्रौपदी हूँ इस नवयुग की.. लाज बचाने को हर-क्षण तत्पर.., अपने वस्त्रों में सिमटती.., मै द्रौपदी हूँ इस नवयुग की.., नवयुग है, नवश्रृजन कण-कण मे है.., किन्तु होता मेरा चीर हरण.., नित्-नित् गली, मुहल्ले, चाक-चौबारों मे है.., क्योंकि ये द्रौपदी भी इस नवयुग की है.., करने को हर-पल मेरा मान भंग.., यहाँ मिलता मुझे चहुँओर..,एक नया दुःशासन है.., मै द्रौपदी हूँ इस नवयुग की.., जहाँ इस सामाजिक समाज मे.., प्रतिपल होता मेरा तिरस्कार है.., यह धर्म सभा है, धर्म परायण महानुभावों की.., फिर भी मिलता न्याय नहीं मुझको.., क्योंकि मै तो अब भी द्रौपदी हूँ..इस नवयुग की.., मेरा मान बचाने अब न आवेंगे " केशव ".., मुझे शस्त्र स्वयं उठाकर लड़ना होगा.., क्योंकि मै द्रौपदी हूँ इस कलयुग की.., शत्रु को अपने मुझे.. स्वयं परास्त करना होगा.., अपने आत्म सम्मान की रक्षा हेतू.., मुझे यह संघर्ष निशिदिन करना होगा.., तो अब मौन यूँ रहना क्यों है..? पल-पल यूँ कष्टों को सहना क्यों है..? चल शस्त्र उठा हुंकार भर..बनकर काली.., दुष्टों का तू इन ,,संहार कर.., द्रौपदी ..एक ऐसी स्त्री महाभारत काल की.. जिसका चीर हरण ,मान भंग ,भरी महासभा ,धर्म संसद के सामने हुआ और किसी ने कुछ नही किया.. हालात कुछ ऐसे
Shikha Mishra
माँ #yqbaba #YQDidi #माँ #happy_navratri तू ही काली तू ही शक्ति तू ही विश्व रूप है तू ही शिवा तू ही स्वधा तू ही आदिशक्ति रूप है
Shikha Mishra
ललकार तुझे निकलना होगा रण में, खुद लेकर हथियार कब तक बनी रहेगी अबला ले चंडी का अवतार. (Read full poem in caption👇) #yqbaba #yqdidi #YoPoWriMo #feminism #ललकार तुझे निकलना होगा रण में, खुद लेकर हथियार कब तक बनी रहेगी अबला ले चंडी का अवतार. कब तक तेरे घर
Anubhab Mowar
नारी ही तुलसी,नारी ही दुर्गा नारी ही तुलसी,नारी ही दुर्गा जीवन का आधार है नारी, सृष्टि की सृजनकार है नारी, शक्ति की हुँकार है नारी, ना समझ तू इसे अबला बेचारी,