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JALAJ KUMAR RATHOUR
तुम्हारी मांग की सिंदूर रेखा और मेरी भाग्य रेखा समांतर हैं।जो कभी एक दूसरे को नहीं काटेगी।अब शायद हम फिर कभी मिलें अनंत में किसी बिंदु पर। ...#जलज कुमार ©JALAJ KUMAR RATHOUR तुम्हारी मांग की सिंदूर रेखा और मेरी भाग्य रेखा शायद समांतर हैं।जो कभी एक दूसरे को नहीं काटेगी।अब शायद हम फिर कभी मिलें अनंत में किसी बिंदु
तुम्हारी मांग की सिंदूर रेखा और मेरी भाग्य रेखा शायद समांतर हैं।जो कभी एक दूसरे को नहीं काटेगी।अब शायद हम फिर कभी मिलें अनंत में किसी बिंदु #जलज
read moreSanket Chaudhary
मिलिंद पन्हा.... भागवत गीता..... सर्व प्रश्नांची उत्तरे यामधे आहे कठीण कठीण असे माझ्या प्रिय मित्र आणि मैत्रिणीनों तुमच्या व्यस्थ आयुष्यातुन थोडा वेळ काढा आणि मला सांगा असे पुस्तक ज्याने तुमचं आयुष्यच बदलून गेलं.. किंवा
माझ्या प्रिय मित्र आणि मैत्रिणीनों तुमच्या व्यस्थ आयुष्यातुन थोडा वेळ काढा आणि मला सांगा असे पुस्तक ज्याने तुमचं आयुष्यच बदलून गेलं.. किंवा #YourQuoteAndMine #Featured #yqtaai
read moreFunny Singh🐼
आप राहुल गांधी सी मूर्ख प्रिये; मैं मोदी जैसा स्मार्ट प्रिये; असंभव है अपना मेल प्रिये!! 😝😝😝😝😜😜😜😝😝 Someone say ..... nothing is impossible .....But how it possible?? 👉 Parallel line- समांतर रेखा #yqbaba #yqdidi #yqtales #yqbesthindiquo
Someone say ..... nothing is impossible .....But how it possible?? 👉 Parallel line- समांतर रेखा #yqbaba #yqdidi #yqtales yqbesthindiquo #Funny #Collab #YourQuoteAndMine #yqhindi #yqbesthindiquotes
read morevaishali
जर शब्द सहजपणे सुचले असते तर प्रत्येकाने आपले दुःख शब्दात मांडले असते मग कदाचित अश्रूंचे मोल समजले नसते जर शब्द सहजपणे सुचले असते तर प्रत्येकांनी भावना शब्दात गुंफल्या असत्या आणि कवी मनाच्या ठिणग्या उडल्या असत्या जर शब्द सहजपणे सुचले असते तर लेखणीचे महत्व कोणालाच कळले नसते आणि विचारांचे वादळ मनात कधीच उठले नसते शुभ संध्या मित्रहो Collab करा जर शब्द सहजपणे सुचले असते तर काय झाले असते, मी नक्कीच कांदबरी प्रकाशित केली असती हा झाला गमतीचा भाग,तुम्ही पण
शुभ संध्या मित्रहो Collab करा जर शब्द सहजपणे सुचले असते तर काय झाले असते, मी नक्कीच कांदबरी प्रकाशित केली असती हा झाला गमतीचा भाग,तुम्ही पण #YourQuoteAndMine #yqtaai #जरशब्द
read moreKunal Salve
जर शब्द सहजपणे सुचले असते तर आपल्या दोघातला संवाद जरा वाढला असता शब्द शब्द जाणून घेऊन एकमेकांचे मग जरा आज होणारा त्रास जरा पुढे ढकलला असता ! शुभ संध्या मित्रहो Collab करा जर शब्द सहजपणे सुचले असते तर काय झाले असते, मी नक्कीच कांदबरी प्रकाशित केली असती हा झाला गमतीचा भाग,तुम्ही पण
शुभ संध्या मित्रहो Collab करा जर शब्द सहजपणे सुचले असते तर काय झाले असते, मी नक्कीच कांदबरी प्रकाशित केली असती हा झाला गमतीचा भाग,तुम्ही पण #YourQuoteAndMine #yqtaai #जरशब्द
read moreNik Katara
खुशियाँ अनगिनत है इस दुनिया में, उनसे दूर भागता कौन है, दुःख भी चलते सुख के समांतर, मगर उसे चाहता कौन है, समंदर की लहरे दिखती खूबसूरत, चिर उन्हें गहराई में तैरता कौन है, ऊपर देखो आसमान नीला, ओर उसके ऊंची उड़ाने भरता कौन है, कई सवाल इस दुनिया में, जवाब उनका ढूंढता कौन है, आनाजाना लगा रहता है इस जिंदगी में साहब, यहां पांव टिकाए ठहरता कौन है! खुशियाँ अनगिनत है इस दुनिया में, उनसे दूर भागता कौन है, दुःख भी चलते सुख के समांतर, मगर उसे चाहता कौन है, समंदर की लहरे दिखती खूबसूरत, चिर उ
खुशियाँ अनगिनत है इस दुनिया में, उनसे दूर भागता कौन है, दुःख भी चलते सुख के समांतर, मगर उसे चाहता कौन है, समंदर की लहरे दिखती खूबसूरत, चिर उ #yqdidi #yqhindi #yqquotes #yqlove #yqthoughts #yq_gudiya
read moreसुसि ग़ाफ़िल
सैकड़ों रेखाएं, अजीबोगरीब आकृतियां, त्रिभुज, वृत्ताकार, गोलाकार, समांतर चलती हुई ट्रेन की पटरी, षट्भुज, अजीबोगरीब सुनसान रास्ते, फूलों से सटे कमरे, कीचड़ से निकलते हवा के बुलबुले, खाली पड़े डब्बे, लाल आंखें, सुजा हुआ चेहरा, दीमक के घर, टेडी मेडी टहनियां, हृदय के बीच से गुजरती तरंगे, लाल कपड़ा, चमकती हुई बिजलियां इन सब को छोड़कर अटक जाता है मेरा मन एक बिंदु पर वह बिंदु मेरे माथे पर ठुकी कील के बिल्कुल नीचे है! मुझे महसूस होता है यहां पर जख्म का जन्म हुआ है | सैकड़ों रेखाएं, अजीबोगरीब आकृतियां, त्रिभुज, वृत्ताकार, गोलाकार, समांतर चलती हुई ट्रेन की पटरी, षट्भुज, अजीबोगरीब सुनसान रास्ते, फूलों से स
सैकड़ों रेखाएं, अजीबोगरीब आकृतियां, त्रिभुज, वृत्ताकार, गोलाकार, समांतर चलती हुई ट्रेन की पटरी, षट्भुज, अजीबोगरीब सुनसान रास्ते, फूलों से स
read moreअशेष_शून्य
......... समय के साथ होते बदलावों से मुझे कोई शिकायत नहीं। चाहे वो मेरे भीतर हो या तुम्हारे। क्योंकि मैं जानती हूं ना ही तुम्हें समय
समय के साथ होते बदलावों से मुझे कोई शिकायत नहीं। चाहे वो मेरे भीतर हो या तुम्हारे। क्योंकि मैं जानती हूं ना ही तुम्हें समय #yqdidi #yqquotes #yqhindipoetry #अशेष_शून्य
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