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Dhriti Pant
Someone special मोहब्बत नहीं हुई उसे कभी मुझसे..! शायद मेरे लिए उसकी नफरत ही काफी है..! नहीं हुई मोहब्बत उसे तो क्या हो गया.? मेरे लिए उसकी नफरत ही काफी है..! #मोहब्बत #nojoto
नहीं हुई मोहब्बत उसे तो क्या हो गया.? मेरे लिए उसकी नफरत ही काफी है..! #मोहब्बत nojoto
read moreRajat Agarwal (Melting Philosophy)
शीर्षक : तो क्या हो गया.... Read Caption तो क्या हो गया.... अगर एक दिन उसने, एक दिन हमने खाना बना लिया। खाना तो हम भी खाते हैं ना । तो क्या हो गया.... अगर कपड़े धोने के लिए मशीन हमने
तो क्या हो गया.... अगर एक दिन उसने, एक दिन हमने खाना बना लिया। खाना तो हम भी खाते हैं ना । तो क्या हो गया.... अगर कपड़े धोने के लिए मशीन हमने #equality #Mypoem #genderequality #Rajat #rajatagarwal #melting_philosophy #11thpoem
read moreUnknown Sanju
ए ख़ुदा कसमें सच्ची होती तो, क्या हो गया होता। उसने खाई थी कसमें इतनी झूठी के तू भी मेरे साथ मर गया होता। #Kasme#Baade jhooti kahi ki ए ख़ुदा कसमें सच्ची होती तो, क्या हो गया होता। उसने खाई थी कसमें इतनी झूठी, के तू भी मेरे साथ मर गया होता।
Rukhsar Khanam
तेरी तस्वीर से तेरी तस्वीर तेरी तस्वीर से, बातें करती हूं मैं आजकल तेरी तस्वीर से, पास मेरे नहीं तू तो क्या हो गया, तेरी यादें तो हर पल रहती हैं मेरे साथ न, मैं उन यादों से बातें करती हूं सुबहो शाम न...! मेरे अल्फ़ाज़✍️ ©Rukhsar Khanam #SunSet तेरी तस्वीर से तेरी तस्वीर तेरी तस्वीर से, बातें करती हूं मैं आजकल तेरी तस्वीर से, पास मेरे नहीं तू तो क्या हो गया, तेरी यादें तो ह
#SunSet तेरी तस्वीर से तेरी तस्वीर तेरी तस्वीर से, बातें करती हूं मैं आजकल तेरी तस्वीर से, पास मेरे नहीं तू तो क्या हो गया, तेरी यादें तो ह
read morePrakhar Tiwari
फिक्र ये शब्द नहीं एक भावना है जो आप के चाहने वाले को होती हैं हमारी फिक्र करता ही कोन है मां पापा को बच्चो की ओर पति को पत्नी की ओर पत्नी को पति की फिक्र होती हैं पर ऐसा नहीं हैं हमारी फिक्र वो भी करते है जिनसे हमारे रिश्ते मजबूत होते है या जो हमको प्यार करते हैं और हम ये बोल देते हैं तो क्या हो गया इतनी फिक्र मत किया करो आप अगर हम 2 min बात कर लेंगे जो हमारी फिक्र करते हैं तो हमारा कोई loss नही होगा और ना ही हम छोटे हों जायेंगे और हमारे रिश्ते भी बचे रहेंगे छोटी छोटी बातो से बड़े बड़े रिस्तो मे दरार आ जाती हैं और छोटे छोटे रिश्ते छोटी छोटी बातो से बड़े बन जाते हैं ©Prakhar Tiwari फिक्र ये शब्द नहीं एक भावना है जो आप के चाहने वाले को होती हैं हमारी फिक्र करता ही कोन है मां पापा को बच्चो की ओर पति को पत्नी की ओर पत्नी
vibrant.writer
मैं ऊपर से चेतना की आग लेकर आया हूं, सूरज कि स्याह रात का डर मिटाने आया हूं। सलाह का अहम नहीं, साथ की समझ लाया हूं, सूरज की दी हुई रात को रोशनी में बदलने आया हूं। तो क्या हो गया जो मैं छोटा सा एक दिया हुं, अंधेरे को मिटाने की ताकत साथ लेकर आया हूं। अंधेरे की आदत पड़ी है जिनको दूर रहेंगे यूं ही, जो रात में रोशनी ढूंढते हैं मैं उनके लिए आया हूं। #ग़ज़ल #chhota_sa_diya मैं ऊपर से चेतना की आग लेकर आया हूं, सूरज कि स्याह रात का डर मिटाने आया हूं। सलाह का अहम नहीं, साथ की समझ लाया हूं
#ग़ज़ल #chhota_sa_diya मैं ऊपर से चेतना की आग लेकर आया हूं, सूरज कि स्याह रात का डर मिटाने आया हूं। सलाह का अहम नहीं, साथ की समझ लाया हूं #yqdidi #yqhindi #bestyqhindiquotes #vibrant_writer #pritliladabar
read moreइकराश़
तुझे देखे बिना एक ज़माना हो गया, मैं शायद खुद से ही बेगाना हो गया। तेरे चेहरे का नूर भी, इतना बेदाग है, के चाँद भी तेरा हाँ, दीवाना हो गया। एक साल होने को आये हैं। मगर तुम हो, तुम हो कि आने का नाम ही नहीं लेती। कभी अपना फूल से चेहरा भी नहीं दिखाती और ना ही अपनी मीठी मीठी बातों से
एक साल होने को आये हैं। मगर तुम हो, तुम हो कि आने का नाम ही नहीं लेती। कभी अपना फूल से चेहरा भी नहीं दिखाती और ना ही अपनी मीठी मीठी बातों से #yqbaba #yqdidi #loge #IkraashNaama
read morerajkumar khare
मुझे अब अपने अतीत मैं जाना है, मैं जो पहले था, मुझे अब वैसा बन जाना है। मुझे ये खेल बड़े झूठे लगते है, पतझड के पत्ते से अस्तित्व हीन लगते है । मुझे ये रंग, बेरंग से लगते है इश्क़ को इश्क कहने मैं अधूरे से लगते है मैं हारा था, गिरा था, ठोकर खाया था, मैं अपनी असफलता मुद्दतन अश्क बहाया था। मैं उस समय था अकेला साथ न था कोई हम तो थे असफल क्या तब भी भला इश्क करेगा कोई अब तो इश्क को जाति के तराजू मैं वो, तोलने लगी थी राज" को यही बात तो उसकी खलने लगी थी मुझे अब अपने अतीत मैं जाना है मैं जो पहले था मुझे अब वैसा बन जाना है सूरज की किरण अब मुझपे पड़ेगी, सफलता की झड़ी अब मेरे कदमों मैं लगेगी । असफल हुआ तो क्या हो गया, सफल हुआ तो, मैं प्रकाश हो गया। तुम अपने कहने पे अड़े रहो, अगर मैं बुरा हू तो बुरा कहो, और मैं अछा हू तो अछा कहो। बस तुम अपने कहने पे अड़े रहो। मुझे अब अपने अतीत मैं जाना है, मैं जो पहले था मुझे अब वैसा बन जाना है । ~~~ राजकुमार खरे मुझे अब अपने अतीत मैं जाना है, मैं जो पहले था, मुझे अब वैसा बन जाना है। मुझे ये खेल बड़े झूठे लगते है, पतझड के पत्ते से अस्तित्व हीन लगते
मुझे अब अपने अतीत मैं जाना है, मैं जो पहले था, मुझे अब वैसा बन जाना है। मुझे ये खेल बड़े झूठे लगते है, पतझड के पत्ते से अस्तित्व हीन लगते #poem
read moreVedantika
कोरा काग़ज़ लघुकथा (सब बदल गया) आज फिर वही झगड़ा शुरू हो गया सीमा और सुरेश के बीच। दोनों ही एक दूसरे को अपनी वर्तमान परिस्थितियों के लिए दोष दे रहे थे। दोनों ही अपनी-अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ एक दूसरे को उनकी जिम्मेदारियों पर ज्ञान दे रहे थे। जब दोनों ही अपना ज्ञान समाप्त कर थक चुके तो सुरेश अपने दोस्त पुष्कर के घर चला गया। आज फिर वही झगड़ा शुरू हो गया सीमा और सुरेश के बीच। दोनों ही एक दूसरे को अपनी वर्तमान परिस्थितियों के लिए दोष दे रहे थे। दोनों ही अपनी-अपनी जि
आज फिर वही झगड़ा शुरू हो गया सीमा और सुरेश के बीच। दोनों ही एक दूसरे को अपनी वर्तमान परिस्थितियों के लिए दोष दे रहे थे। दोनों ही अपनी-अपनी जि
read moreMeena Singh
जमीन से ये कैसे निकल आया जब तू गया था तो तू कैसा था मगर आज तू क्या से क्या हो गया ©Meena Singh क्या हो गया
क्या हो गया #जानकारी
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