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Insprational Qoute

कवि:-हरिवंशराय बच्चन मधुशाला #rzकाव्योगिता4 #rzकाव्योगिता #rzhindi #yqrestzone poetry #कविता #myquote

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     काव्योगिता:-4
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आज भी दिल हलाहल बोल रहा हाला,
आज तेरे नैनो के अश्कों के जाम का पियेंगे प्याला,
तृष्णा न हमारी तू जान सकेगा साकी,
तुझें चाहने की मोहब्बत में,
आज तेरे नाम के फूलों से सजायेंगे महकती मधुशाला।

फिर एक एक कर बालो में तू इन्हें सजाना,
फिर बन जाना तू खूबसूरती का खज़ाना,
आज भी दिल लबरेज़ नैनो से तुझें ही देखे हाला,
रक्तरंजित लहू  भरा हो प्रेम का प्याला,
उड़ेल दे हम पर कर न्यौछावर,
 देखे तेरा इश्क़ मोहब्बत हैं कितना निराला,
आ बैठ इत्मिनान से तेरे लिए सजाई हैं ये प्यार की मधुशाला।
 कवि:-हरिवंशराय बच्चन
मधुशाला
#rzकाव्योगिता4 #rzकाव्योगिता #rzhindi #yqrestzone
#poetry #कविता #myquote

Insprational Qoute

                          काव्योगिता:-3
जो तूने सोच लिया तो पाना हैं ,उसको आसान,
मन मे जो तेरे आया हैं, करवाना स्वयं से भान,
 अंदर के विश्वास की को जगा,यहीं तेरी पहचान,
सिर उठा जीना हैं तुझे,यही हैं तेरी आन बान शान,

एक ज्योत जला दिल मे,मन के तम को कर दूर,
तेरे हौसले टूटने न पाये,तेरे हालात तुझें न करे मजबूर,
आज ही वक़्त हैं कर जाना,भविष्य में होगा तो मशहूर,
तपा अपने आप को,बनेगा तू एक दिन कोहिनूर,

सबसे रिश्ता रखिये प्यार का,न उनसे करना कभी मोह,
बस विश्वास का दीप जलाना हैं, न रिश्ते का बोझ ढोह,
करते जाओ अपना किया,न किसी की बाँट जोह,
तू ही अपना भला बुरा समझेगा,नही किसी को दोष दो,

जीवन को तुझें ही बनाना है, तेरे हौसला ही काम आना है,
फूलों की तरह महकाओ,बन खुशबू आशियाना सजाना हैं,
तेरे ही अड़िग हौसलों से तुझे,लक्ष्य हासिल कर जाना है,
रख विश्वास अपने ऊपर,तुझें मुकाम को पाना हैं।
 #rzकाव्योगिता3 #rzकाव्योगिता #rzhindi #yqrestzone
#लक्ष्य

Insprational Qoute

#rzकाव्योगिता2 #rzकाव्योगिता #rzhindi #yqrestzone #रस:- 1:-रौद्र रस 2:-श्रृंगार रस 3:-वात्सल्य रस #अलंकार:-

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   काव्योगिता:-2
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नित नित मन मे उठी झंकार,
रौद्र रूप नारी ने किया दुश्मनों का संहार,
ममता की ये मूरत हैं,सबसे खूबसूरत  हैं,
लगाये बालों में गजरा,मानो लगती हैं कोई अप्सरा,

 
#rzकाव्योगिता2 #rzकाव्योगिता #rzhindi #yqrestzone

#रस:-
1:-रौद्र रस
2:-श्रृंगार रस
3:-वात्सल्य रस
#अलंकार:-

Insprational Qoute

कल देखा था इन आँखो ने एक सपना,
ख्वाबों की नगरी में हो एक घर अपना,
गर रूठ जाए जो हम,फिर मुझे मनाना,
घनघोर घटा बन मुझ पर बरस जाना,
चाहत में तेरी मुझें हैं सिमट जाना,
छत्रछाया तेरी मुझें हैं बन जाना,
जान मुझें तुझ पर हैं लुटाना,
झांक तेरे दिल मे गहराई में उतर जाना,
 #rzकाव्योगिता #rzकाव्योगिता1 #rzhindi #yqrestzone #dil#लव#love

Hansika Bansal

क्यों ना आज खुद से, कुछ बातें की जाए। खोए हुए लम्हों को फिर से जीकर देखा जाए। गुरुर को चूर कर आगे बढ़ा जाए। घर की दहलीज को पार किया जाए। परेशान जिंदगी को हौसला दिया जाए। फासले दूर कर साथ में चला जाए। बेड़ियाँ तोड़कर हाथ बढ़ाया जाए । #yqbaba #yqdidi #yqrz #rzकाव्योगिता #rzकाव्योगिता1 #eccedentesiasthb #hansispoem

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        क्यों ना आज खुद से, कुछ बातें की जाए। 
खोए हुए लम्हों को फिर से जीकर  देखा जाए। 
गुरुर को चूर कर आगे बढ़ा जाए।
 घर की दहलीज को पार किया जाए।

परेशान जिंदगी को हौसला  दिया जाए। 
फासले दूर कर साथ में चला जाए।
 बेड़ियाँ  तोड़कर हाथ बढ़ाया जाए ।

Divyanshu Pathak

#पाठकपुराण की ओर से शुभरात्रि साथियो। मैंने बस प्रयास कर देखा है। आपको शब्दों का क्रम ठीक लगा हो तो मुझे बतायें स्वागत है। #rzकाव्योगिता1 #rzकाव्योगिता #rzhindi #yqrestzone

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य - ये मोहब्बत  की ख़ुमारी  के नशे में,
र - रह गए बनकर शराबी बस झूमते हैं।
ल - लग गई नज़रो से नज़रें एक पल तो,
व - वह घूमते रहते हैं अब उनकी गली में।

च - चहल-क़दमी मयकदे तक हो रही है।
छ - छलकते हैं  जाम  और  हैरान साक़ी!
ज - जल रही है ज़िंद  पर है जान  बाक़ी।
झ - झड गए पत्ते कि पतझड़ हो  रही है। #पाठकपुराण  की ओर से शुभरात्रि साथियो। मैंने बस प्रयास कर देखा है। आपको शब्दों का क्रम ठीक लगा हो तो मुझे बतायें स्वागत है।
#rzकाव्योगिता1 
#rzकाव्योगिता 
#rzhindi 
#yqrestzone

richa verma

नव वधू

कस्तूरी वन की हो तुम, 
खुशबू हर पल  बिखराती,
गुड़ की डली सी मीठी तुम,
घूंघट में जब मुस्काती।


चांदी की पायल हो तुम,
 छम छम का गीत सुनाती,
जीवन का अमृत हो तुम,
 झिलमिल चांदनी बरसाती। नववधू ❤❤
#rzकाव्योगिता1 
#rzकाव्योगिता 
#rzhindi #restzone #yqdidi

amar gupta

स्वप्न में भी है चित्र तुम्हारे, सुधा तुम्हीं, ये चित्त भी हारे! विरह सखी, त्याग में क्षण क्षण, नयन को अब अश्रु न प्यारे! ये दुख ही मेरी है निधि, कोई अधिक मनोहर निलय क्या? कण कण में जीवित तुम मेरे, #yqbaba #yqdidi #प्रिय #महादेवी_वर्मा #yqrestzone #rzhindi #rzकाव्योगिता #rzकाव्योगिता4

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तुम मुझमें प्रिय, फिर परिचय क्या!

स्वप्न में भी है चित्र तुम्हारे,
सुधा तुम्हीं, ये चित्त भी हारे!
विरह सखी, त्याग में क्षण क्षण,
नयन को अब अश्रु न प्यारे!
ये दुख ही मेरी है निधि,
कोई अधिक मनोहर निलय क्या?

कण कण में जीवित तुम मेरे,
श्वासों में, उर, इस दर्पण में,
अब कैसे रहूं पृथक तुम्हीं से?
असीमित, अनन्त हो तुम मुझमें।
कहो ना प्रेम यूहीं बिसुरने
मेरे प्रेम का है कोई प्रतिदेय क्या?

जगते हो नयन में तुम हर बेला
ये विरह क्या, क्या ही मिलन बेला
मै असंग नहीं तुमसे और न तुम
मुझसे, फिर क्यों ये दुख का मेला?
उर मेरा जो है पास तुम्हारे,
हमारे हृदय का हुआ न विनिमय क्या? स्वप्न में भी है चित्र तुम्हारे,
सुधा तुम्हीं, ये चित्त भी हारे!
विरह सखी, त्याग में क्षण क्षण,
नयन को अब अश्रु न प्यारे!
ये दुख ही मेरी है निधि,
कोई अधिक मनोहर निलय क्या?

कण कण में जीवित तुम मेरे,

amar gupta

हे विरह के सखा, मेरे मन की व्यथा, मेरे नयन के अश्रु हैं भेट तुम्हारे। ऐ चित्त मेरे, तुम्हें सर्वज्ञ माना। हे प्रेम, तुम्हें अपना सर्वस्व माना! प्रिय के क्रोध में और वियोग के गीत मां की आंचल के लाल तुम मर्म प्रीत तुम्हें सर्वजनीन, सर्वत्र माना। #yqbaba #हिंदी #yqdidi #yqrestzone #rzhindi #rzकाव्योगिता #rzकाव्योगिता3

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हे विरह के सखा, मेरे मन की व्यथा,
मेरे नयन के अश्रु भी हैं भेट तुम्हारे।
ऐ चित्त मेरे, तुम्हें सर्वज्ञ माना।
हे प्रेम, तुम्हें अपना सर्वस्व माना!

प्रिय के क्रोध में और वियोग के गीत
मां की आंचल के लाल तुम मर्म प्रीत
तुम्हें सर्वजनीन सदा, सर्वत्र माना।
हे प्रेम, तुम्हें अपना सर्वस्व माना!

आनंद-करुणा में तुम, विरह वियोग में,
वो हरी जो एक पर है हर सम रूप में।
क्यों सर्वदा तुम्हे सर्वोत्तम माना?
हे प्रेम, तुम्हें अपना सर्वस्व माना!

पूर्ण जग की स्तुति, तुम सूर्य की दीप्ति,
कमल की प्रियांशी, तुम चन्द्र की प्रीति,
सर्वप्रिय तुम, तुम्हें सर्वश्रेष्ठ माना।
हे प्रेम, तुम्हें अपना सर्वस्व माना! हे विरह के सखा, मेरे मन की व्यथा,
मेरे नयन के अश्रु हैं भेट तुम्हारे।
ऐ चित्त मेरे, तुम्हें सर्वज्ञ माना।
हे प्रेम, तुम्हें अपना सर्वस्व माना!

प्रिय के क्रोध में और वियोग के गीत
मां की आंचल के लाल तुम मर्म प्रीत
तुम्हें सर्वजनीन, सर्वत्र माना।

amar gupta

द्रोपदी का हर लिया था मान जिन्होंने, वीरों की तलवार ने क्या कर लिया? भर गई थी आँख और असहाय हो कर कृष्ण ने फिर ये तबाही हर लिया। गर्भ के भीतर कली का अंश था जो मृत किया अस्तित्व, किसने मृत किया? घर की औरत के ही हांथो मर चुकी वो, #yqrestzone #rzhindi #rzकाव्योगिता2

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द्रोपदी का हर लिया था मान जिन्होंने,
वीरों की तलवार ने क्या कर लिया?
भर गई थी आँख और असहाय हो कर
कृष्ण ने फिर ये तबाही हर लिया।

गर्भ के भीतर कली का अंश था जो
मृत किया अस्तित्व, किसने मृत किया?
घर की औरत के ही हांथो मर चुकी वो,
शोक और आक्रोश ने न जन्म लिया।

लंका नृप रावण को इक क्षण भूल जाओ,
उस सभा का आज से तुम दहन करो।
वर्ग की नारी का दिल भी न पसीजा,
' त्याग सीता का ' सभी ने प्रण लिया।

बेच देती हैं सभा नारी को अक्सर,
स्त्री भी क्रेता और पुरुष भी साथ देता।
बैर नारी की बनी नारी भी क्षण क्षण,
हाय! द्वेष ने ये तबाही क्यों किया?

नर ने स्त्री के असहाय होने का लाभ लिया।
स्त्री ने स्त्री के असहाय होने का लाभ लिया! द्रोपदी का हर लिया था मान जिन्होंने,
वीरों की तलवार ने क्या कर लिया?
भर गई थी आँख और असहाय हो कर
कृष्ण ने फिर ये तबाही हर लिया।

गर्भ के भीतर कली का अंश था जो
मृत किया अस्तित्व, किसने मृत किया?
घर की औरत के ही हांथो मर चुकी वो,
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