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vishnu prabhakar singh
मिट जायेंगे दर्ज हो कर अद्भुत रूप का तर्ज ले कर निरंकार शहीदों को अर्ज होगा मोगरा,गुलाब,चन्दन फर्ज होगा इन शब्दों में ये... यहीं कहीं ठहर जाऐंगें , महसूस करोगे जब भी ज़रा भी करीब़ से , छूते ही तुम्हारे वो फिर से... महक जाऐंगें , मोंगरे तुम्हारे हैं दूर तुमसे कहाँ रह पायेंगें । #इश्कमोगरेसा #मोगरेसाइश्क़मेरा #मेरामोंगरेसाइश्क
vishnu prabhakar singh
पत्थर के पुष्पपात्र ठोस पुष्पगुच्छ के नियंता कोमल सामंजस्य पारस्परिक आचार दोनों का सौंदर्य मेल तराश की आत्मा संग आनुपातिक सुडौलता हृदय नियामक प्रेम पटल,प्रेम पवित्र भूमिका भाव प्रधान पत्थर पृष्ठ,पुष्प संज्ञा विशेषण प्रेम,आवारा गुलाब तुम्हारा! उसके ख़यालों में रहने से... उसका ख़याल रखने तक , प्रेम की सबसे बारीक ईकाई... ख़याल रखना ही है । ख़याल उसका... ख़याल उसके मान का... ख़याल उसके सम्मान का... ख़याल उसके अतीत का... ख़याल उसके वर्तमान का... ख़याल उसके भविष्य का...
vishnu prabhakar singh
जब समय की पूर्णता लिए प्रथम,श्री कली,रूप पाता है एकाकीपन का छटा प्रतीक्षा में सिमटी आभा आवरण से प्रस्फुटित हो अपना कथा कहता है कथा गुलाबी ही हो, आवश्यक नहीं,सौगंध नहीं धर्म के रंग में तय रूप पाता है गुलाब तो बस सुर्ख हो जाता है। सुबह की... मेरी वो , खराश़... सी आवाज़ मेरी वो धीमी सी आवाज़ तुमसे... कुछ कहना चाहती है । पलकें.. सूजी सी मेरी , अलसाई हो नज़रे मेरी , अधखुली आँखों से मेरी ,
vishnu prabhakar singh
अपने पूर्ण अवस्था में मेरे पुष्प का आकार मेरे पंखुड़ियों का झुकाव और वो स्नेहशील बंधन गुम्बज का मध्य मेरे आजादी देता है, बिखरना मेरा आत्मा है युग से मैं,महक लिए, जल लिए झड़ता हूँ बिखरता हूँ, विस्तार मेरा आचरण है विभाजन मेरा पूण्य है इस आत्मा में जीता हूँ गुलाब जल पीता हूँ। बेसब्र मैं, देखो... कितना सब्र रखती हूँ , मैं तुमसे... 'मोंगरे सा इश्क़' करती हूँ । ************************** जानती हूँ... मैं चाय बेहद गरम है , पर... उसकी...
vishnu prabhakar singh
स्वभाव सहन सबको सुहाता गहन गठन गरमाहट गुलाब। दायरे में तेरे मैं... मैं होकर रहती हूँ , मैं तुमसे 'मोंगरे सा इश्क़' करती हूँ । #मेरामोंगरेसाइश्क #मोगरेसाइश्क़मेरा #मोगरेवालाइश्क #इश्कमोगरेसा
vishnu prabhakar singh
मिट्टी से बना,काँटों से घिरा झाड़ में रहा,पला और बढ़ा अनेक रंग हैं पर भाव भिन्न ऋतू फुहार से मेरा ये इशारा पुष्प भूप है गुलाब तुम्हारा। राधिका बन कर भी मैं मीरा बनती हूँ , मैं तुमसे... 'मोंगरे सा इश्क़' करती हूँ । #मोंगरेसाइश्क़ #मेरामोंगरेसाइश्क #मोगरेसाइश्क़मेरा #मोगरेवालाइश्क
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