Nojoto: Largest Storytelling Platform

Best गांवशहर Shayari, Status, Quotes, Stories

Find the Best गांवशहर Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about

  • 11 Followers
  • 25 Stories

–Muku2001

पूर्वार्थ

गांव और शहर 
तेरी बुराइयों को हर अखबार कहता है,
और तू मेरे गाँव को गँवार कहता है...
ऐ शहर मुझे तेरी औकात पता है,
तू चुल्लू भर पानी को वाटर पार्क कहता है...
थक गया है हर शख्स काम करते करते,
तू इसे अमीरी का बाजार कहता है...
गाँव चलो वक्त ही वक्त है सबके पास,
तेरी सारी फुर्सत तेरा इतवार कहता है...
मौन होकर फोन पर रिश्ते निभाए जा रहा है,
तू इस मशीनी दौर को परिवार कहता है...
जिनकी सेवा में बिता देते सारा जीवन,
तू उन माँ-बाप को खुद पर बोझ कहता है...
वो मिलने आते थे तो कलेजा साथ लाते थे,
तू दस्तूर निभाने को रिश्तेदार कहता है...
बड़े बड़े मसले हल करती यहां पंचायतें,
तू अँधी भ्रष्ट दलीलों को दरबार कहता है...
बैठ जाते हैं अपने पराये साथ बैलगाड़ी में,
पूरा परिवार भी ना बैठ पाये उसे तू कार कहता है...
अब बच्चे भी बड़ों का आदर भूल बैठे हैं,
तू इस नये दौर को संस्कार कहता है...
जिंदा है आज भी गाँव में देश की संस्कृति,
तू भूल के अपनी सभ्यता खुद को तू शहर कहता है...
शहर घुमता है काले चश्मे लगाकर,
गाँव अब भी नजर मिला लेता है...
शहर बीमार होता है दवाओ से,
गाँव बीमारी में भी खुद को जीला लेता है...
शहर से घर को लोग खाली हाथ लौट जाते है,
गाँव में लोग बर्तन भी खाली नहीं लौटाते है...
नकली चेहरे गाँव में भी है मगर उनकी आँखे सच्ची है,
शहर कि भीतरी शोर से आटा चक्की कि पुक-पुक-पुक-पुक अच्छी है...
गाँव में देखो मुस्कुराती है फुल गोभियाँ,
शहर ने पहले बाल रंगे फिर हरी सब्जियाँ...
मेरी दुआ है खूब तरक्की करे यह ज़माना,
मगर गाँव कि लाश पर शहर न उगाना !!

©पूर्वार्थ #गांवशहर

पथिक..

mera payara gawan
         *""""""*****"""""****
"गांव की गलियां अब न भाती मुझे
शहरों से लगाव हो गया,मेरा बचपन
जो गुजरा कभी तंग गलियों में अब
चौड़ी सड़को का दीवाना हो गया
अब न भाती मुझे, खेत जोतते वो, 
बेलों की जोड़ियां,अब न भाते खेत
खलियान ,अब तो हमें भाने लगे है ,
वो ,पार्क और लोगों से भरे ,हरे मैदान
अब न रहा शौक़ ,हमें दूध और लस्सी
का,अब तो हमें भाने लगी दारू,बियर
और कोल्ड ड्रिंक्स की बोतल,अब न 
भाती हमें गांव की गौरी,अब तो दीवाना 
बनाती शहर की छोरी,अब न भाते हमें गांव
के रीति,रिवाज़ अब तो भाने लगे शहरों
की पार्टीयां, और संस्कृति, अब कहां भाते
हमें गांव के मामी, मामा, काका, काकी
अब तो भाने लगे ,शब्द अंकल  और आंटी
अब हर एक गांव वृद्ध हो चला है, अब
न रहें वो पुराने लोग,और वो संस्कार अब
न, रहा वो प्यार भरा व्यवहार, सारे रिश्ते
अब सिमट गए है, गांव भी अब शहर हो
गए है ,मिट रहा है,अब वजूद गांव का 
मिट रहा है, प्यार भरा आसरा छांव का"

©पथिक #गांवशहर

Saurav Pandey

प्रकृति का करते उपयोग दोहन नही , 
आज के चित्र ,विचित्र , मनमोहन नही , 
करती प्रकृति अब नुकसान की भरपाई है ,
मानवता ने गलती की बड़ी क़ीमत चुकाई है । 
अब लोग गांव को जा रहे है , 
हाँ , वो शहरों से आ रहे है । 
 #गांवशहर 3

Saurav Pandey

बढ़ती भीड़ तंग गालियाँ और बस्ती , 
शहर ऐसे की न पहचान , न अपनी कोई हस्ती , 
चंद रोटियों की भूख , 
छीन ले गयी गांव की मस्ती , 
अब लोग सहरो से आ रहे है , 
लोग गांव को जा रहे है  #गांवशहर 2

Saurav Pandey

लोग ,  गांव को जा रहे है , 
हाँ , वो शहरों से आ रहे है । 
हाँ, ये रीत कुछ उलटी सी दीखतीं है ,
हाँ , मानवता गलती करके ही सीखतीं है , 
लोग गांव को जा रहे है ।  #गांवशहर  1
#wallpapersourceunknown

Pk Pankaj

बहुत ख्वाहिशें थी,गांव छोड़ कभी शहर में रहूं
पर अब नहीं , मेरा गांव ही शहर हो रहा
 मतलबी दुनिया

#yqtwoliner
#yqthoughts
#मतलबी_दुनिया
#yqdidi
#yqbaba
#गांवशहर

i am Voiceofdehati

मैं गांव का हूं "गंवारा" नहीं समझना...
मैं गांव का हूं "गंवारा" नहीं समझना...


शहरों में "नया" हूं,
"आवारा" मत समझना....


 #गांवशहर #पहचान_मेरी #विजयंत_सिंह

Subhasish Pradhan

लाल मिट्टी की खुशबू अब हवाओं में खो गया है
मेरे गॉव की सड़क भी अब कंक्रीट हो गया है। #लालमिट्टी #मिट्टी #सड़क #गांवशहर  #गांव #yqbaba #yqdidi #pinta_quote

Tarun Vij भारतीय

#गांव और #शहर #गांवशहर एक छोटी सी रचना गांव और शहर पर आधारित। #hindiwriters #village vs #City #yqdidi #tarunvijभारतीय

read more
शहर से बाहर जाता एक कच्चा रस्ता है,
दूर उसी रस्ते पर एक गांव बस्ता है।

शहर में शहर है अकेला, पर गांव साथ है,
गांव छोटा है और यहां एक ही रस्ता है।

ईमान पक्के है यहां, भले मकान कच्चे है,
जीना यहां आज भी शहरों से सस्ता है।

यूं तो परके नेता भी गांव से होकर गुजरे थे,
पर हालात गांव के आज भी खस्ता है।

शहरों की चकाचौंध से दूर गांव में शांति है,
शोर भरे शहरों को भी अकेला पन डस्ता है।

बहुत से है जो गांव से अब शहर जा पहुंचे हैं,
वापसी का उनको अब ना मिलता रस्ता है।

मजबूर हैं गांव आज गुम सा हो चुका है,
हाल देखकर गांव का शहर हंसता है। #गांव  और #शहर 
#गांवशहर 
एक छोटी सी रचना गांव और शहर पर आधारित।
#hindiwriters #village vs #city
#yqdidi #tarunvijभारतीय
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile