Find the Best विश्व_कविता_दिवस Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about👆विश्व का नम्बर 1 मेसेज लड़की को:- घर छोड़ा, ससुराल मिला.. भाई छोड़ा, देवर मिला.. बहन छोड़ी, ननद मिली.. मां-बाप छोड़े, सास ससुर मिले.. पर ऐसा क्या छोड़ा जो पति मिला? कुछ भी नहीं. मुफ्त में मिला तो कदर कहां से à¤, अट नहीं रही है कविता की व्याख्या, अट नहीं रही है कविता का अर्थ, अट नहीं रही है कविता का भावार्थ, जल ही जीवन है पर कविता,
HintsOfHeart.
एक ख़ूबसूरत कविता - जैसे बर्फ़ीली सर्दी में सैकड़ों अलाव, हज़ार मीठे लफ़्ज़, अनेकों ज़ख्मी दिलों का अकेला कारगर मरहम ©HintsOfHeart. #विश्व_कविता_दिवस #World_Poetry_Day @HintsOfHeart
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read moreNandkishor
हंसता हूं में गाता हूं शब्दों के मोती चुनता हूं में कवि कमल सा खिलता हूं विश्व कविता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं ©Nandkishor #विश्व_कविता_दिवस
सतीश तिवारी 'सरस'
विश्व कविता दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनायें ©सतीश तिवारी 'सरस' #विश्व_कविता_दिवस
Er.Shivampandit
आज अपनी भावनाओं को अभिव्यक्त करें, जगाएं कलम की शक्ति को अनुभव करें, कविताओं के माध्यम से अपनी आत्मा को स्पर्श करें, विश्व कविता दिवस को बनाएं यादगार हमें। ©Er.Shivam Tiwari #विश्व_कविता_दिवस #nojotoapp #nojotohindi #nojotonews
Sarita gautam
विश्व कविता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं शीर्षक–आभार कविता कविता ने मुझे मुझसे मिलवा दिया मिट रहा मेरा वजूद जीवंत करा दिया।। दे रहे थे मुझे सब भिन्न–भिन्न नाम।। भूल रही थी मैं स्वतःस्वयं का नाम कविता ने मुझे सबसे परिचय दिला दिया। लिखने का कोई विशेष अनुभव नही मुझे ना ही अन्य भाषा शैली का ज्ञान लिखती हूं मन हल्का करने लिए; कविता आभार प्रकट मन ऋणी तुम्हारा सरिता को जिंदा रखने के लिए।। सरिता🍂.......✍🏼 ©Sarita gautam #Likho#विश्व_कविता_दिवस
Ravindra
बाहरी उथल पुथल जब भीतरी स्थिरता को झकझोरती है तब जाकर, कहीं कोई कविता फूटती है । #विश्व_कविता_दिवस ©Ravindra #WorldPoetryDay
Neetesh kumar
✍️ विश्व कविता दिवस✍️ ©Neetesh kumar #विश्व_कविता_दिवस #Poet #PoetryDay #Poetry
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read moreसूर्यप्रताप स्वतंत्र
प्रीति चढ़ रही सब ही के ऊपर है। देखो देखो मधुमास, सर ऊपर है। देखो देखो मधुमास, सर उपर है। भोर हुई तो पंछी, चीं चींकर आये। भवरें फूलों से रस पी पीकर आये। अद्भुद मंद बयार चली मन भावन। माह बसंत लगे, सुंदर जैसे सावन। प्रीति चढ़ रही सब ही के ऊपर है। देखो देखो मधुमास, सर ऊपर है। प्रेम पूर्ण मौसम मे, विराग हुआ है। धरती से पत्तों को अनुराग हुआ है। पत्ते बिखर गये, डाली टूट पड़ी हैं। देखा मैने, नई कोपले फूट पड़ी हैं। प्रीति चढ़ रही सब ही के ऊपर है। देखो देखो मधुमास, सर ऊपर है। प्रातः काल दीप्ति, अवकिरणों से। मन आनंदित होता रविकिरणों से। खुद पर इतराते, नवल पात अभी। कलिओं के हाँ कोमल गात सभी। प्रीति चढ़ रही सब ही के ऊपर है। देखो देखो मधुमास, सर ऊपर है। फागुन का मनमोहक, रंग चढ़ा है। प्रेयसी का सुरूर अंग अंग चढ़ा है। होली का है रंग देखो संग चढ़ा है। रंगो के संग भईया , भंग चढ़ा है। प्रीति चढ़ रही सब ही के ऊपर है। देखो देखो मधुमास, सर ऊपर है। देखो देखो मधुमास, सर उपर है। ©surya pratap singh #कविता_संगम #विश्व_कविता_दिवस #zindagikerang
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