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Shubham Bhardwaj

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Shiv Hv Singh

jang #बताये #हुये #राज़ और खुले हुए पत्ते अक्सर बाजी हरवा देते हैं. @shiv hv singh #बात

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बताये हुये राज़ और खुले हुए पत्ते अक्सर बाजी हरवा देते हैं. jang 
#बताये #हुये #राज़ और खुले हुए पत्ते अक्सर बाजी हरवा देते हैं.
@shiv hv singh

Shailendra Singh Yadav

शैलेन्ध्र सिंह यादव की शायरी दिल में तेरे प्यार को जगाये हुये।

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दिल में तेरे प्यार को जगाये हुये।
कब से तुम इस दिल में समाये हुये।
शायर:-शैलेन्द्र सिंह यादव #NojotoQuote शैलेन्ध्र सिंह यादव की शायरी दिल में तेरे प्यार को जगाये हुये।

Vipin Singh

#Life

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किसी को महसूस मत होने देना कि आप अन्दर से टूटे हुये हो,
 क्यूँकि लोग टूटे हुये मकान की ईंटे तक उठा ले जाते हैं.., #Life

आर्यप्रकाश 'अलिज़ेह'

ज़िस्म जान मक़बूल फ़रीद फ़िजूल रात नैना सबेर बेर नक्श मौशिक़ी खुदा पत्थर पूजा हीर-राँझा तारे आशिक़ आर्यप्रकाश कविता शायरी

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दो ज़िस्म के इक़ जान,
इक़ जां के दो ज़िस्म हुये,,
मक़बूल हुये,फ़रीद हुये,
मिलकर भी ख़ुद में फ़िजूल हुये,,
रात हुये बूझकर फिर जलकर सबेर हुये,
इक़ नैना के दो नक्श थें,
दो नक्श के इक़ बेर हुये,,
दो ज़िस्म के इक़ जान,
इक़ जां के दो ज़िस्म हुये,,

मिले चाँद से चकोर बनकर,
अमावस में फ़िर गैर हुये,,
मौशिक़ी की रात में जो सजे थें तारों से,
मिले जो तन से तो मलिन हुये,
पत्थर पर बैठें दो आशिक़,
जिन्हें पूजा तो बने ख़ुदा,
पत्थर से रौंदा तो राँझा और हीर हुये,,
दो ज़िस्म के इक़ जान,
इक़ जां के दो ज़िस्म हुये।।
 #ज़िस्म #जान #मक़बूल #फ़रीद #फ़िजूल #रात #नैना #सबेर #बेर #नक्श #मौशिक़ी
#खुदा #पत्थर #पूजा #हीर-राँझा #तारे #आशिक़ #आर्यप्रकाश #कविता #शायरी

MU

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तेरी मोहब्बत हम बर्बाद हुये ये किस्मत की बात है
हम बर्बाद हुये ये किस्मत की बात है
तुझे भुला दिया पर,

तेरी मोहब्बत
  
आज भी याद है

Mangesh Dongre (Prem)

सुबह के 8 बज ही रहे थे के मोबाईल का अलार्म चालू हो गया । आवाज ईतना तेज था की कानों के पर्दे जैसे फटे जा रहे थे । 😫 उसे बंद करके प्रेम फिरसे सो गया के अचानक उसे याद आया के आज से तो उसके कॉलेज की एग्जाम Start हो रही है । जैसे तैसे उठकर वो 9:30 तक कॉलेज पहुँचा तबतक एग्जाम चालू हो गयी थी ।🙄 भागते भागते वो Exam Hall में पहुँचा और अपनी Seat के पास जाकर अचानक से ऱुक गया । वाह, क्या नजारा था ।😍 आज पहली बार उन जैसे Single लौंडो के बगल में 1st Year की लडकिया बैठी थी,😎 जो कभी Customer Care वालों को भी Call करते तो हमेशा उनका Call लडके ही उठाते । पर आज तो एक एक खूबसुरत लडकी देकर भगवान ने जैसे इनपर बडी क्रिपा की थी । अपनी गहरी आँखो पर बडा सा चश्मा लगाये भोली सी सिरत लिये बालों को खुला छोडे एक लडकी भी प्रेम के साथ बैठी थी । बडे ही प्यार से अपनी Sheet को तिरछा किये अपना पेपर लिख रही थी । उसे य़ूँ देख प्रेमके अंदर का Single,Mingle होने के लिये उछाल मारने लगा । “वाह चश्मेंवाली लडकी चलो अच्छा है कोई तो होशियार है हमारे बीच में ।” 😉अचानक वह बोल पडा । वह उसकी तरफ देख मुस्कूरायी और कहा, “ये आपकी Seat है ।” प्रेमने हामी भरी । तो उसे जगह देने के लिये वो उसके बगल में उठ खडी हुयी । पता नही खुशबू जो आ रही थी वह उसके बदन की थी या फिर उसके Perfume की,पर जहां कहीं की भी थी कमाल की थी । अपनी अपनी जगह बैठ दोनो पेपर Solve करने लगे । पर बीना पढे आखीर प्रेम कितना पेपर Solve कर पाता और साथ में ईतनी खुबसुरत लडकी बैठी हो तो किसका एग्जाम में मन लगनेवाला था । उपरसे वह ठहरे Mechanical वालें,दूर दूर तक लडकी के साथ कोई वास्ता नही । अपनी Mam को ही अपना Crush समझनेवाले लौंडो के साथ तो आज एक जीतीजागती लडकी बैठी थी तो पेपर लिखने का सवाल ही पैदा नही हो रहा था । प्रेम भी थोडी थोडी देर बाद उसको देखे जा रहा था । थोडा और करीब से देखने के बाद पता चला के उसका नाम सुप्रीया है ।🤫 अब धीरे धीरे उसे समझ आ रहा था के लोगों को कैसे Love At First Site हो जाता है । फिर भी उनके लिये ये पहली बार नही था इसके पहले भी उनको कितने ही बार सच्चावाला प्यार हुवा था मगर अफसोस वो हमेशा से ही एकतरफा रहा । वे अकेले ही Patch Up कर लेते,Romance कर लेते खुद ही Breakup करके दारू भी पीने चले जाते,पर जिसके नाम से जाते उसको तो खबर भी ना रहती कब उसके साथ इनका इतना कुछ हो गया । अब कैसे भी करके प्रेमको उससे दोस्ती करनी थी । “तो आप 1st Yr में हो ?” उसने अपने सिनीअर होने का फायदा उठाते हुये उससे पुछ ही लिया । “हा ।” “आज कौनसा एग्जाम है ?” “Physics” उसने बीना ईसके तरफ देखे जवाब दिया । वो भी पेपर Solve करने में Busy थी तो प्रेम को भी उससे ज्यादा बात करना ठिक ना लगा । घर लौटते समय उसने 1st Year का Time Table पता किया और रात में बजाय खुद का पढने के उनके Subject पढ लिये । 🤗 अगले दिन अपनी आदत के चलते देर से ही एग्जाम हॉल में गया जाते ही एक बडी सी Smile और Hello सुप्रीया को दीया । जवाब में वह बस थोडी मुस्कूरायी । करीब आधे घंटे बाद सुप्रीया ने प्रेमसे एक Doubt पुछा । प्रेम तो जैसे इसी मौके की तलाश में था और देखते ही देखते उसने उसका पुरा पेपर Solve करके दिया । अब हर दिन यही होता था । प्रेम उसका पढके उसका पेपर Solve करके देता था जिससे दोनो अच्छे दोस्त बन गये । अब उसे भी लगने लगा था की प्रेम एक होशियार और Helping लडका है,जबकी सच्चाई बिल्कूल ईसके विपरीत थी । कुछ भी हो गाडी तो पटरी पर आ रही थी,धीरे धीरे ही सही । उसके बचे सभी एग्जाम में भी उसने पुरी मदत की । अब तो College के अलावा Whatsapp और FB पर भी बाते होने लगी,यहाँतक की बाहर मिलना-जुलना भी शुरू हो गया । एक दिन प्रेम अपने दोस्तों के साथ बातें कर रहा था के वह पास आयी और कहा “Thanks । मै Exam में 2nd आयी हूँ ।” प्रेमने उसको थोडा side में लेकर कहा “Congrats ।” उसे Side में ले जाने का कारण था के उसे अपने दोस्त अच्छे से पता थे । “शाम को मेरे तरफ से तुम्हे पार्टी खुशी में वो कह गयी ।” उसके ये शब्द सुनकर तो प्रेम ना जाने क्या क्या सोचने लगा । आखीरकार Mechanical Engineer था, तो हमारा पुरा कारोबार ही Imagination पर Depend था ,और अब तो लौंडा इतिहास बनाने जा रहा था । उस शाम दोनों ने काफी मजे किये ,शहर के बाहर एक मेला लगा था,वहा गये । उसे बडे झुलों से बडा डर लगता था फिर भी प्रेमने उसे जबरदस्ती झुलों पे बिठाया । खूब घुमें,फिरे,आईसक्रीम खाये,थोडा नशा भी किया और जैसे तैसे अपअपने घर लौट आये । ऐसेही दिन बीतते जा रहे थे पर प्रेम अपनी मन की बात अभीतक उसे बयाँ ना कर पाया था,बोहोत कोशीश की थी पर आये वक्त उसकी जुबान वही अटक जाती । एक दिन वो भी आया जिस दिन उनके College का Annual Function था । पर Mechanical के बंदे तो पिछे बैठकर मस्ती करना ही अपना हक समझते आये थे । सुप्रीयाने भी किसी Dance Program में Participate किया था । आज तो वह कमाल की दिख रही थी । पर मुरझाये फुल थोडीना तपती धूप में खिलनेवाले थे,वो तो बस दुर बैठकर सुरज की किरनों को नाचता हुवा देखना ही अपना परम कर्तव्य समझ रहे थे । 😛 अब Program खतम होते होते शाम हो चली थी । ठंडी ठंडी हवाये भी अपने पंख पसारे धीमे धीमे पानी की बुंदों के साथ बह रही थी । Program का आखरी दिन होने के कारण सबलोग DJ में नाचे थे पर अब देर होने के कारण हरकोई अपअपने घर लौटनेकी जल्दबाजी कर रहा था । प्रेम और सुप्रीया भी अपनी जाने की तैयारी में लगे थे । लगभग पुरा College खाली हो गया था, प्रेमने भी अपनी Motorcycle चालू की और दोनो ही मौसम का लुफ्त उठाते बाते करते हुये निकल पडे,College काफी पिछे छोड वो आगे निकल आये । DJ में बेइंतहा नाचने के बाद जब कभी शरीर की गरमी पर ठंडी हवावों के झरोखे, जोर से थपेडे मारते थे । वाह । लगता जैसे सुकून की लहरे शरीर को छू के जा रही हो । अचानक प्रेमने Motorcycle रोकी । सबजगह अंधेरा ही अंधेरा था, आसमाँ में छाये काले बादल और कडकडाती बिजलीयाँ रात को और घना कर रही थी । Main Road तो अभी आधा मील दूर था । क्या हुवा सुप्रीयाने हडबडाते हुये पुछा । कुछ नही प्रेम गाडी से उतरते हुये बोला । प्रेमने आज ठान ही लिया था, के आज वो किसी भी तरह अपने दिल की बात उसे बतायेगा । और आज तो मौसम भी उसके साथ था । एक गहरी सांस लेते हुये प्रेम कहने लगा, “सुप्रीया कैसे कहूँ समझ नही आता । बोहोत दिनों से तुमसे कुछ कहने की कोशीश कर रहा था, पर कह नही पाया ।” सुप्रीया भी उसकी बाते बडे गौर से सुन रही थी । 🤨 “मै कभी सोचता हूँ,,तुम सिर्फ दोस्त हो या उससे ज्यादा….?

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Story No.: 01

Supriya सुबह के 8 बज ही रहे थे के मोबाईल का अलार्म चालू हो गया । आवाज ईतना तेज था की कानों के पर्दे जैसे फटे जा रहे थे । 😫 उसे बंद करके प्रेम फिरसे सो गया के अचानक उसे याद आया के आज से तो उसके कॉलेज  की एग्जाम Start हो रही है । जैसे तैसे उठकर वो 9:30 तक कॉलेज पहुँचा तबतक एग्जाम चालू हो गयी थी ।🙄 भागते भागते वो Exam Hall में पहुँचा और अपनी Seat के पास जाकर अचानक से ऱुक गया । वाह, क्या नजारा था ।😍 
                          आज पहली बार उन जैसे Single लौंडो के बगल में 1st Year की लडकिया बैठी थी,😎 जो कभी Customer Care वालों को भी Call करते तो  हमेशा उनका Call लडके ही उठाते । पर आज तो एक एक खूबसुरत लडकी देकर भगवान ने जैसे इनपर बडी क्रिपा की थी । अपनी गहरी आँखो पर बडा सा चश्मा लगाये भोली सी सिरत लिये बालों को खुला छोडे एक लडकी भी प्रेम के साथ बैठी थी । बडे ही प्यार से अपनी Sheet को तिरछा किये अपना पेपर लिख रही थी । उसे य़ूँ देख प्रेमके अंदर का Single,Mingle होने के लिये उछाल मारने लगा । “वाह चश्मेंवाली लडकी चलो अच्छा है कोई तो होशियार है हमारे बीच में ।” 😉अचानक वह बोल पडा । वह उसकी तरफ देख मुस्कूरायी और कहा, “ये आपकी Seat है ।” प्रेमने हामी भरी । तो उसे जगह देने के लिये वो  उसके बगल में उठ खडी हुयी । पता नही खुशबू जो आ रही थी वह उसके बदन की थी या फिर उसके Perfume की,पर जहां कहीं की भी थी कमाल की थी । अपनी अपनी जगह बैठ दोनो पेपर Solve करने लगे । पर बीना पढे आखीर प्रेम कितना पेपर Solve कर पाता और साथ में ईतनी खुबसुरत लडकी बैठी हो तो किसका एग्जाम में मन लगनेवाला था । उपरसे  वह ठहरे Mechanical वालें,दूर दूर तक लडकी के साथ कोई  वास्ता नही । अपनी Mam को ही अपना Crush समझनेवाले लौंडो के साथ तो आज एक जीतीजागती लडकी बैठी थी तो पेपर लिखने का सवाल ही पैदा नही हो रहा था । प्रेम भी थोडी थोडी देर बाद उसको देखे जा रहा था । थोडा और करीब से देखने के बाद पता चला के उसका नाम सुप्रीया है ।🤫
      अब धीरे धीरे उसे समझ आ रहा था के लोगों को कैसे Love At First Site हो जाता है । फिर भी उनके लिये ये पहली बार नही था इसके पहले भी उनको कितने ही बार सच्चावाला प्यार हुवा था मगर अफसोस वो हमेशा से ही एकतरफा रहा । वे अकेले ही Patch Up कर लेते,Romance कर लेते खुद ही Breakup करके दारू भी पीने चले जाते,पर जिसके नाम से जाते उसको तो खबर भी ना रहती कब उसके साथ इनका इतना कुछ हो गया । अब कैसे भी करके प्रेमको उससे दोस्ती करनी थी । “तो आप 1st Yr में हो ?” उसने अपने सिनीअर होने का फायदा उठाते हुये उससे पुछ ही लिया ।  “हा ।” “आज कौनसा एग्जाम है ?” “Physics” उसने बीना ईसके तरफ देखे जवाब दिया । वो भी पेपर Solve करने में Busy थी तो प्रेम को भी उससे ज्यादा बात करना ठिक ना लगा । घर लौटते समय उसने 1st Year का Time Table पता किया और रात में बजाय खुद का पढने के उनके Subject पढ लिये । 🤗
              अगले दिन अपनी आदत के चलते देर से ही एग्जाम हॉल में गया जाते ही एक बडी सी Smile और Hello सुप्रीया को दीया । जवाब में वह बस थोडी मुस्कूरायी । करीब आधे घंटे बाद सुप्रीया ने प्रेमसे एक Doubt पुछा । प्रेम तो जैसे इसी मौके की तलाश में था और देखते ही देखते उसने उसका पुरा पेपर Solve करके दिया । अब हर दिन यही होता था । प्रेम उसका पढके उसका पेपर Solve  करके देता था जिससे दोनो अच्छे दोस्त बन गये  । अब उसे भी लगने लगा था की प्रेम एक होशियार और Helping लडका है,जबकी सच्चाई बिल्कूल ईसके विपरीत थी । कुछ भी हो गाडी तो पटरी पर आ रही थी,धीरे धीरे ही सही । उसके बचे सभी एग्जाम में भी उसने पुरी मदत की । अब तो College के अलावा Whatsapp और FB पर भी बाते होने लगी,यहाँतक की बाहर मिलना-जुलना भी शुरू हो गया ।
      एक दिन प्रेम अपने दोस्तों के साथ बातें कर रहा था के वह पास आयी और कहा “Thanks । मै Exam में 2nd आयी हूँ ।” प्रेमने उसको थोडा side में लेकर कहा “Congrats ।” उसे Side में ले जाने का कारण था के उसे अपने दोस्त अच्छे से पता थे । “शाम को मेरे तरफ से तुम्हे पार्टी खुशी में वो कह गयी ।” उसके ये शब्द सुनकर तो प्रेम ना जाने क्या क्या सोचने लगा । आखीरकार Mechanical Engineer था, तो हमारा पुरा कारोबार ही Imagination पर Depend  था ,और अब तो लौंडा इतिहास बनाने जा रहा था । उस शाम दोनों ने काफी मजे किये ,शहर के बाहर एक मेला लगा था,वहा गये । उसे बडे झुलों से बडा डर लगता था फिर भी प्रेमने उसे जबरदस्ती झुलों पे बिठाया । खूब घुमें,फिरे,आईसक्रीम खाये,थोडा नशा भी किया और जैसे तैसे अपअपने घर लौट आये । ऐसेही दिन बीतते जा रहे थे पर प्रेम अपनी मन की बात अभीतक उसे बयाँ ना कर पाया था,बोहोत कोशीश की थी पर आये वक्त उसकी जुबान वही अटक जाती । एक दिन वो भी आया जिस दिन उनके College का Annual Function था । पर Mechanical के बंदे तो पिछे बैठकर मस्ती करना ही अपना हक समझते आये थे । सुप्रीयाने भी किसी Dance Program में Participate किया था । आज तो वह कमाल की  दिख रही थी । पर मुरझाये फुल थोडीना तपती धूप में खिलनेवाले थे,वो तो बस दुर बैठकर सुरज की किरनों को नाचता हुवा देखना ही अपना परम कर्तव्य समझ रहे थे । 😛
                             अब Program खतम होते होते शाम हो चली थी । ठंडी ठंडी हवाये भी अपने पंख पसारे धीमे धीमे पानी की बुंदों के साथ बह रही थी । Program का आखरी दिन होने के कारण सबलोग DJ में नाचे थे पर अब देर होने के कारण हरकोई अपअपने घर लौटनेकी जल्दबाजी कर रहा था । प्रेम और सुप्रीया भी अपनी जाने की तैयारी में लगे थे । लगभग पुरा College खाली हो गया था, प्रेमने भी अपनी Motorcycle चालू की और दोनो ही मौसम का लुफ्त उठाते बाते करते हुये निकल पडे,College काफी पिछे छोड वो आगे निकल आये । DJ में बेइंतहा नाचने के बाद जब कभी शरीर की गरमी पर ठंडी हवावों के झरोखे, जोर से थपेडे मारते थे । वाह । लगता जैसे सुकून की लहरे शरीर को छू के जा रही हो । अचानक प्रेमने Motorcycle रोकी । सबजगह अंधेरा ही अंधेरा था, आसमाँ में छाये काले बादल और कडकडाती बिजलीयाँ रात को और घना कर रही थी । Main Road तो अभी आधा मील दूर था । क्या हुवा सुप्रीयाने हडबडाते हुये पुछा । कुछ नही प्रेम गाडी से उतरते हुये बोला । 
 प्रेमने आज ठान ही लिया था, के आज वो किसी भी तरह अपने दिल की बात उसे बतायेगा । और आज तो मौसम भी उसके साथ था । एक गहरी सांस लेते हुये प्रेम कहने लगा, “सुप्रीया कैसे कहूँ समझ नही आता । बोहोत दिनों से तुमसे कुछ कहने की कोशीश कर रहा था, पर कह नही पाया ।”  सुप्रीया भी उसकी बाते बडे गौर से सुन रही थी । 🤨
               “मै कभी सोचता हूँ,,तुम सिर्फ दोस्त हो या उससे ज्यादा….?
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