Find the Best ankahe Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos aboutlife in a metro baatein kuch ankahee si 210, ankahe alfaaz in hindi, ankahe alfaz in hindi, ankahe alfaaz shayari, ankahe alfaz shayari,
parijat
White जाने क्या है उसमें, जो मुझे उस ओर खींच रहा है, मंजिल कहाँ है पता नहीं, फिर भी क्यूँ मैं उस तरफ बढ़ रहा हूं, ना मुझे कुछ मालूम है, ना उसे कुछ खबर, पर अर्से बाद मुझमें कुछ, नया पनप रहा है, मेरी धूल खाती डायरी, और खत्म होती स्याही का पेन , जाने क्या कुछ लिखने को, फिर से मचल रहा है, मुझे नहीं मालूम कि क्या है ये, क्या सही है क्या गलत है, और ना ही मुझे अब कुछ समझना है, पर उससे बात करना, जानें क्यूं इक जरुरत सा लगता है, मैं खुश हूं,कब तक रहूंगा, मैंने उस ख़ुदा पर छोड़ दिया है ©parijat #Road#kuch#ankahe#khwab#ek#manjil
Neeti
#kuchlafz #Lafz #baatein #ankahe #shabd #patience #such life #experience #Life_experience गुरु देव Anshu writer @gyanendra pandey anudeep Anil Ray
read more@#!r M!$ha
तुझे मिलेगा अब कोई तेरे ही जैसा। क्युकी तूने खोया है मेरे जैसा। ☺️ ©@#!r M!$ha #sayri #girlsfeelings #sad feelings thought #sayri dilse #ankahe alfaaz #dilhurt thought #sad line
Sadhna Sarkar
जब ढूंढने निकले हम राहें मंज़िल तो सुना सा सफ़र मिला चराग जो जलाए अपनी वफ़ा का तो सिर्फ़ धुआं निकला जब बुना हमने अपनी हसीं सपनों का ताना - बाना तो हमें सिर्फ़ पथरीली ज़मीन का ठिकाना मिला थे सवाल उसके भी कुछ अलग ही किस्म के जिसे सुलझाने के हमे भी कोई ज़वाब ना मिला कुछ तो बात है हमारी इस पाक मोहब्बत में , की उनको भी हमारी यादों से कभी छुटकारा ना मिला ज़िंदगी है तो हर साल की तरह ये साल भी यूं निकला फ़िर ना लेकिन हमें हंसने का कभी कोई बहाना मिला। ©Sadhna Sarkar #CityWinter #ankahe-jazbat
#CityWinter #ankahe-jazbat
read moreSadhna Sarkar
आती हैं अगर तब्दीलियां आपके शख्सियत में तो आने दीजिए , कि कुछ तब्दीलियां ज़रूरी होती हैं आपके जीने के अंदाज़ को बदलने के लिए। ©Sadhna Sarkar #Happy #ankahe _jazbat
Sadhna Sarkar
शान से आज हमारा ये तिरंगा लहरा रहा है हृदय से हम सभी आज भाव - विभोर हो रहे हैं शहीदों की शहादत से आंखें भी भीगी हुई हैं जो तिरंगे में लिपटे हुए अपने - अपने घर पहुंचे थे तिरंगा हमारी आन, बान और शान हैं इससे ही हमारे राष्ट्र की सशक्त पहचान है आज कहीं भी किसी भी भाषा और धर्म का शोर नहीं है एकता और भाईचारा बस चारो ओर दिख रही है दिल से नमन ,वंदन हम अपने तिरंगे को करते हैं ये सिर्फ़ तिरंगा नहीं हमारी संस्कृति भी है देश पर मर मिटने का जज़्बा जोरों पर है मेरा वतन मेरा स्वाभिमान भी है भारत मां के हम बच्चे हैं, मां पर अपनी जान भी लुटाने को हरदम हम तैयार है जो करे इस देश की तरफ़ अपनी आंखें भी टेढ़ी तो उससे टकराने की हिम्मत भी हम रखते हैं। ©Sadhna Sarkar #RepublicDay #ankahe _jazbat आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏
#RepublicDay #ankahe _jazbat आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏
read moreSadhna Sarkar
देश बंटा राष्ट्र बंटे और बऺटा फ़िर परिवार भी और फ़िर कर दी एक ही आंगन में दीवार ऊंची खड़ी पहले पड़ोसी का घर ,घर के बाहर होते थे,लेकिन अब एक ही आंगन में हमारे पड़ोसी है रहते एकल परिवार की ना जाने कैसी ये आंधी चली जिसमे बिखर गया संयुक्त परिवार का सुख भी सांझा चूल्हा और सांझा गम ,खुशी होती थी अब अपने में है व्यस्त किसी को किसी की ख़बर नहीं वो दिन भी कितने सुहाने होते थे जब सब साथ रहते थे बस अब रह गया है सुना आंगन इनके ना मिलने से छोटी छोटी खुशियों के हर शाम यहां मेले लगते थे दिन भर की थकान उतरती जब एक दूसरे से मिलते थे याद नहीं की किस त्योहार पर सबको एक साथ देखा था इनके जाने के बाद आंगन में फ़िर वही सन्नाटा पसरा था। ©Sadhna Sarkar #desert #ankahe _jazbat
Sadhna Sarkar
बचपन हर एक का कहां एक सा होता है कोई खेलता है बेबाक अपनी ही धुन में ,तो कोई किसी कारखाने में मजदूरी करने जाता हैं पढ़ने की उम्र में घर की जिम्मेदारियां निभाता है घर का छोटा भी बचपने में ही बड़ा हो जाता हैं अपनी भूख को वो यूं ही दबाना सीख जाता हैं औरों को खिलाते - खिलाते मन से वो भी रो देता हैं कड़ी धूप में अपनी चमड़ी को वो जलाता हैं फ़िर कहीं जाकर वो अपनी बाबा की दवा ला पाता है कितनी भी ज़रूरत क्यों ना हो उसे , लेकिन किसी के आगे वो हाथ नहीं पसारता है अपनी मेहनत का खाता और खिलाता है संघर्ष जो होता है आरंभ बचपन से इनके , तो जीवन पर्यन्त अनवरत चलता ही रहता हैं ये बाल मजदूर भी तो आख़िर बच्चे ही होते हैं इन्हें भी अपने बचपने पर पूरा अधिकार होता है कानून तो इनके हक़ में बहुत बना हुआ है, लेकिन आज़ भी बाल मजदूर कहीं भी कम नहीं हैं। ©Sadhna Sarkar #walkalone #ankahe _jazbat बाल मजदूर एक कानूनन अपराध
#walkalone #ankahe _jazbat बाल मजदूर एक कानूनन अपराध
read moreSadhna Sarkar
मन की ना जाने किन गुमशुदा गलियों में भटकता रहता हैं ये दिल जुबां तो ख़ामोश होती हैं मगर कुछ कहता है ये दिल सब अपनों को खुश देखने की चाहत रखता है ये दिल लेकिन कभी अपनी खुशियों को नहीं देखता है ये दिल गैरों को भी अपनी दुआओं में शामिल करता है ये दिल दूसरों की खुशियों के लिए हर पल तत्पर रहता हैं ये दिल बस अपनी ज़िंदगी का कोई मक़सद ढूंढता है ये दिल गर मुट्ठी भर खुशी मिल जाए ये सोचता है ,ये दिल सपनों को कभी कभी हक़ीक़त समझने लगता हैं ये दिल भला इतना नादान भी कैसे हो सकता है ये दिल इस सऺगेमरमर जैसी ज़िंदगी में फूल ढूंढता है ये दिल गलती से भी मुस्कुरा दूं तो हर्जाना मांगता है ये दिल और क्या कहूं की इतना ही मासूम और भोला है ये दिल इसलिए तो अब बिल्कुल ख़ामोश रहने लगा है ये दिल। ©Sadhna Sarkar #celebration #ankahe-jazbat ना जाने क्या क्या सोचता है ये दिल 🌺
#celebration #ankahe-jazbat ना जाने क्या क्या सोचता है ये दिल 🌺
read more