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गुरु GS
ख़ुद को फिर से पाया मैंने सुनसान सड़क पर अचानक से। ख़ुद को मरते हुए बचाया मैंने सुनसान सड़क पर अचानक से।। कहीं भटक कर तड़प रहा था न जाने किससे झड़प रहा था। कई छुपे अक्स देखे असली सुनसान सड़क पर अचानक से।। ©गुरु GS #सुनसान_सड़क #हिंदी #हिंदीनोजोटो #हिन्दीनामा #हिन्दी #हिन्दीकविता #हिन्दीशायरी
Arunima Thakur
इसे ऐसा बनाया किसने है ? हमने ही ना, हम सुधर जाएं तो दुनिया मतलबी नहीं रहेगी। दुनिया बहुत मतलबी है, साथ कोई क्यों देगा ? मुफ़्त का यहां कफ़न नहीं मिलता, तो बिना गम के प्यार कौन देगा । #hindinama #हिन्दीनामा #HN1 #YourQuoteAndMine Collaborating with Hindi Nama
Shravan Goud
दुनिया बहुत मतलबी है यह सब जानते है। चलो अच्छा है मतलब से तो मुलाकात होती है। समय कहां किसी को मिलने का, जरूरत हमेशा खींच लाती है। दुनिया बहुत मतलबी है, साथ कोई क्यों देगा ? मुफ़्त का यहां कफ़न नहीं मिलता, तो बिना गम के प्यार कौन देगा । #hindinama #हिन्दीनामा #HN1 #YourQuoteAndMine Collaborating with Hindi Nama
ajay panday
कुछ सपनों का पुनर्निर्माण हो रहा है इन दिनों , घर बैठे । कई रिश्तों का पुनर्वास हो रहा है बातें कम , विचारों में ठहराव हो रहा है इन दिनों , घर बैठे । दूरियाँ . . . अब रात - दिन का फ़र्क कहाँ महसूस कर पा रही हैं नज़दीकियों पर पुनर्विचार हो रहा है इन दिनों , घर बैठे । #हिन्दीनामा हिन्दीनामा
अनाम
दोस्त खत्म दोस्तो की कभी कहानी नही होती बिन दोस्तो के भी कोई जिन्दगानी नही होती दोस्ती मे कुछ ऐसा रिश्ता निभाते है हम जो जमाने से छुपाते है वो सिर्फ दोस्तो को बताते है हम दोस्त जिन्दगी के हर पल को सजा देते है कभी महफिल मे खफ़ा हो भी जाए तो क्या तन्हाई मे तो हसाँ देते है..... #दोस्ती#freindship#nojotohindishayri#nojotovichar#merikalamse#अनाम#हिन्दीनामा#mythoughts
अनुराग चन्द्र मिश्रा
बारिश मौसम को अक्सर बदल जाया करती हैं तपते हैं जिस ज़मीं पर उसे नम कर जाया करती हैं मौसम में इक महक समां जाया करती है हवा में बहती धूल को ज़मीं पर बिछा जाया करती है इस धूप को भी इक अलग चमक दे जाया करती हैं ये बारिश हर ज़ख़्म को जैसे धो जाया करती हैं नैनो से गिरते हर अश़्क को छुपा जाया करती है फिज़ाओं में इक रवानगी बहा करती है खफ़ा होते हैं जो मन इक-दूसरे से जानें क्या सुलह ये बारिश किया करती है हर तन को हर मन को खुशनुमा कर जाया करती हैं ये बारिश है कुछ बोझ हर कतरे से बहा दिया करती हैं बारिश मौसम को अक्सर बदल जाया करती हैं तपते हैं जिस ज़मीं पर उसे नम कर जाया करती हैं मौसम में इक महक समां जाया करती है हवा में बहती धूल को ज़मीं पर बिछा जाया करती है इस धूप को भी इक अलग चमक दे जाया करती हैं ये बारिश हर ज़ख़्म को जैसे धो जाया करती हैं नैनो से गिरते हर #अश़्क को छुपा जाया करती है फिज़ाओं में इक रवानगी बहा करती है
Dr.Shiv Mishra
Dr.Shiv Mishra
Dr.Shiv Mishra
Dr.Shiv Mishra