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Kirti Pandey
बेटी बेटी होती है, बेटी मानी हुई बहू, बेटी नहीं बन सकती।। समाज का नियम, यही कहता है, बेटी के आगे बहू की क्या ही क्षमता है।। ©Kirti Pandey #बेटी #बहु #ससुराल #niyam #Nojoto #Hindi
parul yadav
#बहु का किरदार " आसान नही होता बहु का किरदार निभाना , बहु बनकर कई किरदार निभाने पड़ते है , परायो को अपना और अपनों से दूरी बनानी पड़ती है , छोड़कर अपने माता पिता को किसी और को माता पिता बनाना पड़ता है , बने या न बने किसी की बेटी , पर बहु बनकर बेटी सा फर्ज निभाना पड़ता है.. दो दो घरों का नाम रोशन कर , बहु के किरदार में संतुलन बनाना पड़ता है , दोनों हाथों में दोनों घरों की डोर को थाम कर .सामंजस्य बैठाना पड़ता है ,..... ©Parul (kiran)Yadav #Woman #बहु का किरदार " आसान नही होता बहु का किरदार निभाना , बहु बनकर कई किरदार निभाने पड़ते है , परायो को अपना और अपनों से दूरी बनानी पड़ती है , छोड़कर अपने माता पिता को किसी और को माता पिता बनाना पड़ता है , बने या न बने किसी की बेटी ,पर बहु बनकर बेटी सा फर्ज निभाना पड़ता है.. दो दो घरों का नाम रोशन कर , बहु के किरदार में संतुलन बनाना पड़ता है ,
#Woman #बहु का किरदार " आसान नही होता बहु का किरदार निभाना , बहु बनकर कई किरदार निभाने पड़ते है , परायो को अपना और अपनों से दूरी बनानी पड़ती है , छोड़कर अपने माता पिता को किसी और को माता पिता बनाना पड़ता है , बने या न बने किसी की बेटी ,पर बहु बनकर बेटी सा फर्ज निभाना पड़ता है.. दो दो घरों का नाम रोशन कर , बहु के किरदार में संतुलन बनाना पड़ता है ,
read moreI_surbhiladha
बहू का किरदार " कुछ सपनों को छोड़कर वह नादान सी बेटी..!! सर पर बहू का किरदार ओढ़ते ही ... न जाने कैसे वह ज़िम्मेदार बन जाती है...।। जिस आंगन की बेटी रौनक होती है उस आंगन की शान बन जाती है बहू... बेटी अपने पापा की राजकुमारी होती है... उस घर की सम्मान होती है बहू..।। बहू के हृदय में ससुराल के प्रति खटास पैदा न होने दो.. उस के साथ एहसास प्यार से बर्ताव किया करों... की जो कमी कभी उसे मायके में लगी हो .. वह कभी यहां न लगे ... क्योंकि वही इस घर का नया भविष्य है..।। वह बहू भी बेटी बन जाती है... जब उस को अपनो सा प्यार ससुराल में ही मील जाए।। ... ©I_surbhiladha #bahukakirdaar #बहुकाकिरदार #बहु #daughterinlaw #isurbhiladha #Inspiration #nojato #motivate #bahu
Parwana ansari
वो मां क्यू उदास बैठी है पोती पोते के पास बैठी है बहु सुनती नही कहना उसका लगाकर बेटो से आस बैठी है बेटा उलझा हुआ है काम में बहु पड़ोसन के पास बैठी है बहु_ हमारा कुछ हो नहीं सकता जब तक कमबख्त सास बेटी है वो मां क्यू उदास बैठी है पोती पोते के पास बैठी है वक्त निकालो पूछो खेरियत मां की तुम बिन मां बनकर लास बेटी है तू खुसनासीब है पर वाना जो तेरी मां तेरे पास बैठी है मां का दर्द पूछो उन बिलखते बच्चो से जिनकी मां दम भर न पास बैठी है न लग दुनिया को जन्नत बनाने में तेरी जन्नत तो तेरे पास बैठी है वो मां क्यू उदास बैठी है पोती पोते के पास बैठी है ©Parwana Ansari #मां #ममता #अम्मी #जननी #उदास #पोती #बेटा #बहु #सास #जन्नत
Sonam kuril
गुरुर किस बात का हैं लोगों को, की बेटा बुढ़ापे का सहारा बनेगा, जमाना भूल जाता हैं, बेटा तो बस नाम का हैं, असलियत तो ये हैं जनाब, बुढ़ापे का सहारा बहु या बेटी ही होती हैं | ©Sonam kuril #बुढ़ापे_का_सहारा #बहु #बेटी
Madhuri Saini
नौकरी वाली बहु -1 नीता खुश थी कि उसे ऐसा ससुराल मिला जो उसे नोकरी करने पर मनाही नही कर रहा। शादी के कुछ महीनों बाद जब उसकी जॉब लगी तो सब बहुत खुश थे। वह सुबह सूरज निकलने से पहले उठती और आधी रात तक सो पाती। कहने को घर मे ज्यादा काम नही था लेकिन नीता की दिनचर्या में फिर भी 5 मिनट का आराम नही था। सुबह उठकर झाड़ू पोछा, सफाई, रोटी सब्जी,कपड़े सब करती लेकिन फिर भी कोई ना कोई शिकायत हर किसी को रहती। घर के लोगो के दिन के खाने का ख्याल भी रखती औऱ इसी चक्कर में वो कभी अपना नाश्ता खाना भूल जाती तो कभी लंच ले जाना भूल जाती। पूरा दिन काम करके सोचती घर जाएगी तो दो घड़ी सुकून की मिलेगी लेकिन घर मे तो कहानी एक नया ही मोड़ लेती। जब घर आती तो अपने कमरे में लोगो की महफ़िल लगी हुई होती, सब आराम करते और वो उनकी आज्ञा का पालन । ©Madhuri Saini #बहु #parent
Vijay Milind
शादी होकर आई बहु, अपने ससुर जी के पास आकर बोली। आपको पापा जी के बजाय पापा बोलू। ©Vijay Milind #बहु का बेटी बन कर आना
#बहु का बेटी बन कर आना
read moreJyoti Jangra Mandavriya
एक बहू की सोचनीय पहचान जो सबके लिए लाजवाब और लज़ीज़ पकवान बनाती है एक पांव पे खड़े होकर चोटी से लेकर टखने तक बहते हुऐ पीसने में भीगी हुई... हाय रे! उस पापा की दुलारी को आखिर में ठंडी रोटी भी सबके खाने के बाद ही नसीब होती है... कोई ममता भरी नज़र से फूटे मुंह भी ये नहीं टोकता बेटी तो छोड़ो बहू कहकर भी नहीं कहते सबको गरमा - गर्म परोसने वाली कभी तू भी गर्म खा लिया कर... ©Jyoti Jangra Mandavriya #Sas #ससुराल #बहु
कवि संतोष बड़कुर
हो सकता है मैं गलत होउ #बहु #माँ #बाप #परिवार #Family #उम्मीद #poem #बेटी #Feeling seema yadav Diksha Sardana कवयित्री सुनीता प्रजापत Pragati Jain Jyoti Khatkar Anshu writer कवयित्री सुनीता प्रजापत Jyoti Khatkar Prabha Lakesh Shreya Gupta FeeLiNgS Of HearT Prabha Lakesh Jyoti Khatkar Garima Grover Tarani Nayak(disha Indian). yashika
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