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Best बहु Shayari, Status, Quotes, Stories

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Kirti Pandey

parul yadav

#Woman #बहु का किरदार " आसान नही होता बहु का किरदार निभाना , बहु बनकर कई किरदार निभाने पड़ते है , परायो को अपना और अपनों से दूरी बनानी पड़ती है , छोड़कर अपने माता पिता को किसी और को माता पिता बनाना पड़ता है , बने या न बने किसी की बेटी ,पर बहु बनकर बेटी सा फर्ज निभाना पड़ता है.. दो दो घरों का नाम रोशन कर , बहु के किरदार में संतुलन बनाना पड़ता है ,

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I_surbhiladha

puja udeshi

Parwana ansari

Sonam kuril

गुरुर किस बात का हैं लोगों को,
की बेटा बुढ़ापे का सहारा बनेगा,
जमाना भूल जाता हैं,
बेटा तो बस नाम का हैं,
असलियत तो ये हैं जनाब,
बुढ़ापे का सहारा बहु या बेटी ही होती हैं |

©Sonam kuril #बुढ़ापे_का_सहारा #बहु #बेटी

Madhuri Saini

नौकरी वाली बहु -1


नीता खुश थी कि उसे ऐसा ससुराल मिला जो उसे नोकरी करने पर मनाही नही कर रहा। शादी के कुछ महीनों बाद जब उसकी जॉब लगी तो सब बहुत खुश थे। वह सुबह सूरज निकलने से पहले उठती और आधी रात तक सो पाती। कहने को घर मे ज्यादा काम नही था लेकिन नीता की दिनचर्या में फिर भी 5 मिनट का आराम नही था। सुबह उठकर झाड़ू पोछा, सफाई, रोटी सब्जी,कपड़े सब करती लेकिन फिर भी कोई ना कोई शिकायत हर किसी को रहती। घर के लोगो के दिन के खाने का ख्याल भी रखती औऱ इसी चक्कर में  वो कभी अपना नाश्ता खाना भूल जाती तो कभी लंच ले जाना भूल जाती। पूरा दिन काम करके सोचती घर जाएगी तो दो घड़ी सुकून की मिलेगी लेकिन घर मे तो कहानी एक नया ही मोड़ लेती। जब घर आती तो अपने कमरे में लोगो की महफ़िल लगी हुई होती, सब आराम करते और वो उनकी आज्ञा का पालन ।

©Madhuri Saini #बहु
#parent

Vijay Milind

#बहु का बेटी बन कर आना

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शादी होकर आई बहु, अपने ससुर जी के पास आकर बोली।
आपको पापा जी के बजाय पापा बोलू।

©Vijay Milind #बहु का बेटी बन कर आना

Jyoti Jangra Mandavriya

एक बहू की सोचनीय पहचान
जो सबके लिए लाजवाब और लज़ीज़ पकवान बनाती है  
एक पांव पे खड़े होकर 
चोटी से लेकर टखने तक बहते हुऐ पीसने में भीगी हुई...
हाय रे! उस पापा की दुलारी को 
आखिर में ठंडी रोटी भी सबके खाने के बाद ही नसीब होती है...
कोई ममता भरी नज़र से फूटे मुंह भी ये नहीं टोकता 
बेटी तो छोड़ो बहू कहकर भी नहीं कहते
सबको गरमा - गर्म परोसने वाली कभी तू भी गर्म खा लिया कर...

©Jyoti Jangra Mandavriya #Sas #ससुराल #बहु

कवि संतोष बड़कुर

हो सकता है मैं गलत होउ #बहु #माँ #बाप #परिवार #Family #उम्मीद #poem #बेटी #Feeling seema yadav Diksha Sardana कवयित्री सुनीता प्रजापत Pragati Jain Jyoti Khatkar Anshu writer कवयित्री सुनीता प्रजापत Jyoti Khatkar Prabha Lakesh Shreya Gupta FeeLiNgS Of HearT Prabha Lakesh Jyoti Khatkar Garima Grover Tarani Nayak(disha Indian). yashika

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